गुर्दे की पथरी के लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार
आज के समय में ऐसा कोई भी इंसान नहीं होगा जिसको किसी प्रकार की बीमारी ना आजकल लगभग हर इंसान को कोई ना कोई छोटी या बड़ी बीमारी जरूर होगी लेकिन जब किसी इंसान को कोई छोटी या साधारण समस्या होती है तब वह उसके ऊपर इतना ज्यादा ध्यान नहीं देता लेकिन जब कोई बड़ी बीमारी हो जाती है तब वह तुरंत डॉक्टर के पास जाता है और अपना इलाज करवाता है.
लेकिन कई बार ऐसी छोटी-छोटी बीमारियां ही आगे बड़ी बीमारियों का कारण बनती हैं ऐसी ही एक बीमारी गुर्दे की पथरी भी है जो कि हर दूसरे इंसान में उत्पन्न हो रही है यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान को असहनीय दर्द होता है तो आज किस ब्लॉक में हम गुर्दे की पथरी के बारे में बात करने जा रहे हैं इस इस ब्लॉग में हम आपको गुर्दे की पथरी के इलाज, इसके लक्षण और इसके आयुर्वेदिक उपचार आदि के बारे में बताएंगे.
गुर्दे की पथरी
सबसे पहले हम बात करते हैं कि गुर्दे की पथरी क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है यह रोग इंसान के गुर्दे से संबंधित रोग है जब यह रोग उत्पन्न होता है तब इंसान के शरीर में गुर्दों में दर्द, गुर्दों में सूजन, गुर्दों में पीप और गुर्दों में पथरी आदि होती है आज के समय में किसी इंसान के मूत्राशय व गुर्दे में पथरी का बनना एक आम समस्या बन गई है और जब हम भोजन करते हैं तब हमारे भोजन से बहुत ही बारिक पदार्थ गुर्दे या मूत्राशय में चला जाता है और धीरे-धीरे उसके चारों तरफ मल जमाना शुरू होता है और फिर वह एक पथरी का रूप ले लेती है लेकिन कई लोगों में पथरी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है जिससे उस इंसान को ऑपरेशन के द्वारा ही छुटकारा मिलता है और कई लोगों में बहुत बड़ी बड़ी पथरी भी बनने लगती है
गुर्दे की पथरी के कारण
जब किसी इंसान के गुर्दे में पथरी उत्पन्न होती है तब उसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं जैसे शरीर में कैल्शियम और ऑक्जेलिक एसिड की अधिकता, चिकनी चटपटी व तले हुए भोजन का सेवन करना, कठोर बीज वाली फल व सब्जियों का सेवन करना जैसे मटर, टमाटर, बैंगन, खीरा और अमरूद आदि, पेशाब में यूरिक एसिड अधिकता होना, इसके अलावा शरीर में उष्णता बढ़ना, गर्म जलवायु का असर, शरीर में पानी की कमी होना, ज्यादा पसीना निकलना ,फल सब्जियों व मांसाहारी चीज़ो का सेवन करना, ज्यादा व्यायाम करना, विटामिन डी की विषाक्तता, थायराइड ग्रंथि की अधिक सक्रियता ऐसे बहुत सारे कारण होते हैं जिनसे किसी इंसान के शरीर में गुर्दे में उत्पन्न हो सकती है
गुर्दे की पथरी के लक्षण
किसी इंसान के शरीर में जब किसी इंसान के गुर्दे में पथरी बनना शुरू होती है तब उसको इसके बारे में ज्यादा पता नहीं चलता लेकिन जब किसी इंसान के शरीर में पथरी बन जाती है तब उसको अपने आप पता लग जाता है क्योंकि जब गुर्दे की पथरी का दर्द शुरू होता है तब एकदम से असहनीय दर्द होता है जिसमें रोगी रोने भी लग सकता है इसके अलावा और भी कई लक्षण होते है.जैसे पेशाब में रुकावट आना, लिंग के अगले भाग में बहुत तेज दर्द होना, पैरों पर सूजन आना, पेशाब करते समय जलन होना, उल्टी आना, बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, कमर में दर्द होना, ये कुछ ऐसे लक्षणों जो गुर्दे में पथरी होने पर दिखाई देते है
क्या-क्या खाना चाहिए
जब किसी इंसान के गुर्दे में पथरी बनना शुरू हो जाती है तब उसको खान-पान के ऊपर ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है जो कि हमारे भोजन के ही निकले हुए पदार्थों के कारण उत्पन्न होती हैं इसलिए हमें खाने पीने की चीजों पर ध्यान देना चाहिए
- आपको ज्यादा से ज्यादा जौ से बनी हुई चपाती, धानी, सूत आदि का सेवन करना चाहिए
- आपको सब्जियों में करेला, शलगम, अदरक आदि का सेवन करना चाहिए
- फलों में आम, खरबूजा, पपीता, तरबूज, नारियल आदि का सेवन करना चाहिए
- आपको गेहूं के आटे से बनी हुई रोटियां खानी चाहिए
- पथरी का दर्द होने पर जौ और अलसी के बीजों का सेवन करना चाहिए
- दर्द होने पर थोड़ी थोड़ी देर में गर्म पानी बार-बार पीना चाहिए आपको गन्ना चूसना चाहिए व आलू और इलायची आदि खाने चाहिए
क्या नहीं खाना चाहिए
- आपको भूख से ज्यादा भोजन नहीं करना चाहिए
- आपको सब्जी में पालक, टमाटर, बैंगन, मूली, जिमीकंद, कचालू, प्याज, भिंडी, खीरा आदि बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए
- फलों में बेर, अमरुद, किशमिश, मुनक्का वह ड्राई फ्रूट नहीं खाना चाहिए आपको ज्यादा तली भुनी हुई चीजों से परहेज करना चाहिए
- आपको पनीर, मक्खन, टोफी और चाकलेट आदि नहीं खाना चाहिए
- आपको ज्यादा देर से बचने वाले भोज्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको ज्यादा चटनी, पापड़, अचार, चाय, कॉफी शराब और कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
गुर्दे में पथरी होने पर क्या करें
- सुबह-सुबह खुली हवा में घूमना चाहिए बस सैर करनी चाहिए
- आप सुबह-सुबह खाली पेट पानी पीना चाहिए
- जब आपको पथरी का दर्द होने लगता है तब आपको दर्द वाली जगह पर गर्म पानी या कपड़े आदि से सिकाई करनी चाहिए
- आपको योगासन में भुजंगासन धनुरासन हलासन करने चाहिए
- आपको शरीर को आराम देना चाहिए जिससे आपको दर्द में राहत मिलेगी
- आपको बिस्तर पर सीधा लेटना चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए
- आपको खुद से डॉक्टर नहीं बनना चाहिए दर्द होने पर
- आपको योगासन आदि नहीं करने चाहिए
- आपको अपने शुक्राणु में मल मूत्र के वेगों को नहीं रोकना चाहिए
- आपको दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
- दर्द होने पर आपको ज्यादा इधर-उधर भागना नहीं चाहिए पथरी होने पर
- आपको ज्यादा कठोर भोजन नहीं करना चाहिए
गुर्दे की पथरी के लिए घरेलू उपचार
फिर भी आपकी शरीर में बार-बार पथरी बन रही है तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए लेकिन पथरी की बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियां व आयुर्वेदिक दवाइयां भी है जिनसे आप बहुत ही आसानी से अपने शरीर से पथरी निकाल सकते हैं जिनके बारे में हमें आपको नीचे बताया है इन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं.
पथरीना टेबलेट – इसके सेवन से मूत्राशय की थैली, मूत्रमार्ग व मूत्र संस्थान, वृक्क संस्थान, वृवक/गुर्दे से सम्बन्धित पथरी, मूत्र की जलनऔर पेशाब रुकने पर पेशाब खुलकर लाने में फायदेमंद है। वयस्कों को 2-3 बार गन्ने के रस से अथवा जल से बच्चों को 1 टेबलेट दूध या जल के साथ प्रतिदिन 2-3 बार सेवन करायें।
इस पोस्ट में आपको गुर्दे की पथरी के लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी गई है अभी भी आप कुछ जानना है पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके पूछे . महिलाओं में गुर्दे की पथरी के लक्षण बाएं गुर्दे की पथरी का मतलब गुर्दे की पथरी के लक्षण गुर्दे की पथरी के नुकसान गुर्दे की पथरी में परहेज 24 घंटे के भीतर गुर्दे की पथरी के लिए घरेलू उपचार प्राकृतिक हटाने पथरी तोड़ने की दवा पथरी की होम्योपैथिक दवा