टाइटैनिक जहाज के बारे में कुछ रोचक जानकारी
टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा यात्री जहाज था इसे समुंदर में बसा एक शहर कहते थे इसके मालिक J. Bruce Ismay (जे .ब्रूस इस्मे ) थे और इसे कभी ने डूबने वाला जहाज भी कहा जाता था पर यह अपनी पहली यात्रा में ही डूब गया जब वह 10 अप्रैल 1912 को साउथम्पटन (इंग्लैंड) से अपनी प्रथम यात्रा पर, रवाना हुआ
और वह चलू हुआ तो बिलकुल सही चला. टाइटैनिक जहाज़ का पूरा नाम RMS stands for Royal Mail Ship था.और इस जहाज़ को ‘White Star Line’कंपनी ने बनाया था. इस जहाज़ को 3 हज़ार लोगो ने मिलकर बनाना शुरू किया था. इसको जहाज़ को बनाने में लगभग 26 महीनों बाद 31 may, 1911 बनकर तैयार हुआ.
जब जब यह पूरी तरह से बना गया तब इसे देखने के लिए 1 लाख पंहुचे थे. और देखने में भी क्यों नहीं क्योंकि वह जहाज दुनिया का सबसे सुंदर और दुनिया का सबसे बड़ा जहाज था इसमें हर एक वह चीज थी जो कि एक पैसे वाला आदमी ले सकता था. इस जहाज की ऊंचाई 269 मीटर थी जो कि उस समय में अगर इसे खड़ा किया जाए
तो एक इमारत की तरह प्रतीत होता था और इस जहाज के अंदर सबसे ज्यादा मरने वाले अमीर लोग और पैसे वाले लोग थे क्योंकि इस जहाज की प्रथम यात्रा की फर्स्ट क्लास टिकट $4,375 थी, जो की आज के समय $100,000 थी. जो कि किसी गरीब आदमी की पहुंच से बहुत दूर थी वैसे तो यह जहाज का नाम कभी भी न डूबने वाली जहाज था
लेकिन जब यह अपनी प्रथम यात्रा पर निकला तो उसके बाद कभी यह जहाज लौटकर नहीं आया. 1912 में टाइटैनिक बनाने वाले, कुशल कारीगरों को एक हफ्ते के 10 डाॅलर व अकुशल कारीगरों को एक हफ्ते के 5 डाॅलर मिलते थे.जो कि उस समय में बहुत ज्यादा होते थे.टाइटैनिक जहाज इतिहास का एकमात्र जहाज है
जो कि किसी भी हिम शिला से टकराने के कारण डूबा हो. जब टाइटैनिक इंग्लैंड के साउथम्पटन से न्यूयार्क की तरफ अपनी पहली के लिए रवाना हुआ. यह रास्ते में दो जगह रूका. Cherbourg, northern France में और Cobh, Ireland में. और यह अपनी चौथे दिन यह उत्तरी अटलांटिक सागर में एक हिमपर्वत से टकरा गया.
उस समय यह जहाज़ जमीन से 640 किलोमीटर दुरी पर था.और जहाज में 885 क्रू-मेंबर थे जिसमे की 23 महिलाये थी. जब जहाज के चालक दल के लोगों को हिम शिला दिखाई दी उस समय उनके पास एक्शन लेने के लिए सिर्फ 37 सेकंड का समय था और फिर भी जहाज के ऑफिसर जहाज को मोड़ने की कोशिश की और जहाज मोड़ भी गया था
लेकिन वह साइड से हिम शिला से टकरा गया अगर 30 सैकेंड पहले भी हिम शिला दिखाई देती तो Titanic को बचाया जा सकता था लेकिन रात का समय होने के कारण कुछ भी दिखाई नहीं दिया और चालक दल के सदस्यों के पास उस समय दूरबीन भी नहीं थी
दूरबीन एक लाकर रखी हुई थी जिसकी चाबी गुम हो गई थी इसी कारण ही चालक दल के सदस्य हिमसिला को देख नहीं पाए और जहाज हिम शिला से टकरा गया जब टाइटेनिक जहाज डूब रहा था तब उसकी सबसे नजदीक कैलिफ़ोर्निया नाम का जहाज था लेकिन जहाज के वायरलेस ऑपरेटर खराब होने के कारण रिप्लाई नहीं दे पाया
और जहाज में सबसे ज्यादा डूबने वाले आदमी थे क्योंकि बच्चों और महिलाओं को पहले भेजा गया था जब जहाज डूब रहा था उस समय उसके म्यूजिशियन गाना बजा दे रहे मैं सोच रही थी कि मरने वालों को थोड़े समय के लिए खुशी मिले मरने वालों में फर्स्ट क्लास के लोग बहुत ही कम थे
फर्स्ट क्लास के लोग 40% मरे क्योंकि फर्स्ट क्लास के लोगों के सबसे नजदीक लाइफबोट थी और सेकंड क्लास के लोग 58 प्रतिशत मरे और 75% लोग थर्ड क्लास के मरे वैसे तो Titanic को लाइफबोट ले जाने के लिए तैयार किया गया था लेकिन उसके अंदर सिर्फ 20 लाइफ बोर्ड थी जबकि टाइटेनिक जहाज अपने साथ 64 लाइफबोट ले जा सकता था
अगर इसके अंदर 64 लाइफबोट होती तो कुछ ज्यादा लोगों की जानें बचाई जा सकती थी और 20 लाइफ कोट्स के होने के बाद भी जहाज के क्रू मेंबर्स और कुछ पैसे पैसेंजर इन लाइफबोट को लेकर भाग गए जबकि 1 लाइफबोट के अंदर लगभग 40 आदमी आ सकते थे लेकिन क्रू मेंबर और पैसेंजर लाइफबोट लेकर भाग गए जिनमें सिर्फ 24 लोग थे.
टाइटैनिक जहाज पर 13 लोग हनीमून मनाने के लिए गए थे Titanic जहाज़ के यात्रियों के पास 60 लाख डॉलर का सामान था उनमें से कैश ज्वेलरी और अन्य कीमती सामान था टाइटैनिक जहाज की सीटियों को लगभग 16 किलोमीटर दूर से सुना जा सकता था.जिस जगह पर टाइटैनिक डूबा था, वहाँ पानी का तापमान -2°C था. जिसमें कोई भी व्यक्ति 15 मिनट से ज्यादा जिंदा नहीं रह सका.
टाइटेनिक जहाज की यात्रा और स्टाफ के लिए खाने के लिए 36000 से 40000 अंडे और 40 टन आलू समेत और भी बहुत सा सामान था. Full load होने के बाद Titanic का वजन 46,326 टन था (करीब 4 करोड़ 63 लाख 26 हजार किलो). इतने वजन के बावजूद भी यह 42 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता था.
टाइटेनिक जहाज का इंजन 46,000 हॉर्स पावर की ऊर्जा पैदा करता था और किस के अंदर हर दिन लगभग 6 लाख किलो कोयला चलाया जाता था जो कि 176 लोगों के द्वारा भट्टी में डाला जाता था और 1 दिन के अंदर इसकी 1 लाख किलो राख को समंदर के अंदर फेंका जाता था टाइटैनिक जहाज के ऊपर चार रानियां थी
लेकिन इसमें से 3 के अंदर ही धुआं निकलता था और एक चिमनी जहाज की सुंदरता और मजबूती को दर्शाने के लिए लगाई गई थी टाइटेनिक जहाज के डूबने के 73 साल बाद 1 सितंबर 1985 को इस के मलबे को ढूंढा गया यह समुंदर में 12,600 फुट की गहराई पर मिला लेकिन टाइटैनिक जहाज के दो टुकड़े हो गए थे जो कि समुन्द्र 600 मीटर की दूरी पर अलग-अलग है
लेकिन अभी तक यह अनुमान नहीं लगाया गया है कि टाइटैनिक जहाज इतना मजबूत होने के कारण दो टुकड़ों में कैसे टूटा लेकिन यह अभी तक किसी को पता नहीं चल पाया है.
टाइटैनिक जहाज के नाम पर एक मूवी भी बनाई गई जोगी 1997 में रिलीज हुई थी. जिसका बज़ट ‘Titanic जहाज’ से भी ज्यादा था. जहाज को बनाने में 75 लाख डाॅलर (करीब 48 करोड़ रूपए), जबकि मूवी को बनाने में 20 करोड़ डाॅलर (करीब 12 अरब रूपए) का खर्च आया था. यह फिल्म कमाई के मामले में world में 2nd नंबर पर है
इसने 2 अरब डाॅलर की कमाई की. टाइटेनिक जहाज के डूबने के साथ ही इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा सदमा लगा क्योंकि इसके ऊपर यात्रा करने वाले सबसे ज्यादा अमीर ही लोग थे और इसके ऊपर है इंग्लैंड का सबसे अमीर आदमी, ‘John Jacob Astor IV’ भी यात्रा कर रहा था.
टाइटेनिक जहाज के ऊपर बचने वाले जापानी आदमी को आज भी जापान के लोग कायर कहते हैं वह कहते हैं कि वह अपने पूर्वजों के साथ मर क्यों नहीं गई टाइटेनिक जहाज के ऊपर जिंदा बचने वाली एक लड़की थी जिसकी उम्र उस समय 2 महीने थी और 97 साल की उम्र में 2009 में उसका निधन हो गया,
लगातार चार दिन की यात्रा करी फिर चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक हिमशीला से टकरा गया क्योकि जे .ब्रूस इस्मे ने जहाज के कप्तान Edward Smith को जहाज को अत्यधिक गति से चलाने के लिए कहा था
वह अधिक गति के कारण समय पर नहीं मुड पाया और चटान से जा टकराया। जिससे जहाज के आगे के हिसे में छेद हो गए और (11:40 p.m) वो डूबने लगा। तक़रीबन (2:20 a.m) पर वो पूरा समुन्द्र में डूब गया.
1 .टाइटैनिक जहाज की कुल क्षमता यात्रियों और चालक दल के साथ 3549 थी उस समय 2,223 यात्रि के साथ जहाज न्यूयॉर्क शहर के लिए रवाना हुआ था और नियमों का पालन करने के बावजूद केवल 1,178 लोगों के लिए जीवनरक्षक नौका थी जिसमे 1,517 लोगों की मृत्यु हुईं जिसमे से पुरुषो की संख्या ज्यादा थी क्योकि महिलाओं और बच्चों को पहले को पहले उतरा गया
2 . टाइटैनिक उस समय के सबसे अनुभवी इंजीनियरों के द्वारा डिजाइन किया गया था और इसके निर्माण में उस समय में उपलब्ध सबसे उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल किया गया था
टाइटैनिक का निर्माण Belfast (Ireland) के Harland ओर Wolff शिपयार्ड में किया गया था RMS टाइटैनिक का निर्माण 31 मार्च 1909 को American J.P. Morgan और International Mercantile Marine Co. की लागत से शुरू हुआ।
3. टाइटैनिक का आकार बहुत ही शानदार था उसकी कुल लम्बाई 882 फीट ओर 269.1 मीटर ढलवें की चौड़ाई 28.0 मीटर भार 46,328 टन (GRT) और पानी के स्तर से डेक तक की ऊंचाई 18 मीटर थी टाइटैनिक में 29 boiler थे जो 159 कोयला संचालित भट्टियो से जुड़े हुए थे और जहाज को 23 समुद्री मील 43 km/h की शीर्ष गति प्रदान करते थे।
4. टाइटैनिक जहाज की रूपरेखा बहुत ही शानदार थी इसके अंदर सभी सुविधा थी जैसे प्रथम श्रेणी के खंड पर स्विमिंग पूल, एक व्यायामशाला, एक स्क्वैश कोर्ट, तुर्की स्नानगृह, इलेक्ट्रिक स्नानगृह और एक कैफे का बरामदा था। प्रथम श्रेणी के कमरो को अलंकृत लकड़ी के तख़्तो, महंगे फर्नीचर और अन्य सजावट से सजाया गया था।
इसके अलावा, Parisien Café प्रथम श्रेणी के यात्रियों के लिए सूर्य के उजास वाले, साजो सजावट से युक्त बरामदे में भोजन की पेशकश किया करते थे|
आज हमने आपको इस पोस्ट में टाइटैनिक जहाज के बारे में कुछ रोचक जानकारी दी इसमें हमने आपको टाइटेनिक जहाज के डूबने से संबंधित बहुत सी महत्वपूर्ण बातें बताई हैं यदि आपको यह पोस्ट पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं.
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