नाभि हर्निया क्या है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार
जब कोई बच्चा 1 से 5 वर्ष की बीच की आयु में होता है तब उसमें सबसे ज्यादा बीमारियों का खतरा रहता है और इससे उसको बहुत ज्यादा परेशानियां होती है जब कोई बच्चा 1 से 5 वर्ष की आयु के बीच होता है तब बोलना चलना खाना पीना भी नहीं कर पाता जिससे उसके बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है कि उसको क्या दिक्कत है और उसको क्या चाहिए
इसलिए 1 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों की देखभाल करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि बच्चों में कुछ ऐसी बीमारियां हो जाती है जिससे कई बार आपके बच्चे की जान भी चली जाती है और ऐसी ही एक बीमारी नाभिका हर्निया है
जो कि एक खतरनाक बीमारी है तो इस ब्लॉग में हम इसी बीमारी के बारे में विस्तार से जानेंगे इस ब्लॉग में हम इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव व उपचार आदि के बारे में बात करेंगे
नाभि हर्निया Umbilical hernia
नाभिका हर्निया 1 बच्चों से जुड़ी हुई बीमारी है जो कि ज्यादातर 1 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों में उत्पन्न होती है यह बीमारी बच्चों की नाभि में उत्पन्न होती है जिससे बच्चों को बहुत तेज दर्द होता है इस बीमारी के होने पर बच्चों की नाभि सूज जाती है और यह बीमारी बच्चों की मांसपेशियां कमजोर होने के कारण उत्पन्न होती है जब यह बीमारी होती है तब बच्चा जोर से चिल्लाना व रोना शुरू कर देता है
फिर यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ने लगती है अगर आप इस समस्या के दर्द को कम करना चाहते हैं तब आपको बच्चे की नाभि दबानी चाहिए इससे बच्चे को दर्द में राहत मिलती है और सूजन भी कम हो जाती है
जब किसी बच्चे के पेट के ऊपर ज्यादा दबाव पड़ता है तब हर्निया का तब हर्निया उत्पन्न होता है अगर आपके बच्चे को हर्निया की शिकायत हो जाती है तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि यह एक खतरनाक बीमारी है इसमें बच्चे को बहुत तेज पीड़ा का सामना करना पड़ता है
नाभि हर्निया के कारण
Causes of umbilical hernia in Hindi – जब किसी बच्चे की नाभि में हर्निया रोग की समस्या उत्पन्न होती है तब इसके पीछे बहुत सारे कारणों का हाथ हो सकता है लेकिन इसका सबसे बड़ा और इसका सबसे मुख्य कारण बच्चे की मांसपेशियों का कमजोर होना ही है
लेकिन कई बार आपके बच्चे के साथ कुछ ऐसी समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे हर्निया रोग हो जाता है जैसे बच्चे के शरीर के ऊपर दबाव पड़ना, बच्चे के पेट पर चोट लगना,
बच्चे का किसी कठोर चीज के ऊपर गिर जाना, बच्चे को किसी कठोर चीज़ का सेवन करना, बच्चे को भारी भोजन देना, बच्चे को भूख से ज्यादा खाना खिला देना, बच्चे को लंबे समय तक एक जगह पर बैठे या लेट आए रखना लेकिन इसके अलावा भी बच्चों में यह समस्या अपने आप भी उत्पन्न हो सकती है क्योंकि कई बच्चों की मांसपेशियां जन्म से ही कमजोर होती है
नाभि हर्निया के लक्षण
Symptoms of umbilical hernia in Hindi – अगर आपके बच्चे को नाभि का हर्निया की समस्या उत्पन्न होती है तब इसमें सबसे ज्यादा दो ही लक्षण दिखाई देते हैं पहला आपके बच्चे को बहुत तेज पीड़ा का सामना करना पड़ता है
जिससे आपका बच्चा जोर से चिल्लाना या बहुत तेज रोना शुरू कर देगा अगर आपका बच्चा बार-बार लंबे समय तक रोना या चिल्लाना शुरू कर देता है तब आपको उससे यह पूछने की कोशिश करना चाहिए कि उसको किस जगह पर दर्द हो रहा है दूसरा आपके बच्चे की नाभि में सूजन आ जाती है
और जब आपका बच्चा तेज रोता या चिल्लाता है तब यह सूजन अपने आप और बढ़ने लग जाती है इसको देख कर भी आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके बच्चे को नाभि हर्निया की समस्या उत्पन्न हो गई है
इसके अलावा भी आपके बच्चे में कुछ छोटे-छोटे और लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे आपके बच्चे का बार-बार नाभि के ऊपर हाथ लगाना बच्चे का हाथ पांव मारना आदि
बचाव
- आपको अपने बच्चे को पेट के बल नहीं लेट आना चाहिए
- आपको अपने बच्चे के पेट पर दबाव नहीं डालना चाहिए
- आपको अपने बच्चे को नाभि का में दर्द होते ही तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए
- आपको अपने बच्चे को ज्यादा गर्म वह ज्यादा ठंडे खाद्य पदार्थों को नहीं खिलाना चाहिए
- आपको अपने बच्चे को भूख से ज्यादा भोजन नहीं देना चाहिए
- आपको अपने बच्चे को नाभि का में सूजन होने पर हल्का-हल्का दबाते रहना चाहिए इससे बच्चे को सूजन में दर्द दोनों में राहत मिलती है
- आपको अपने बच्चे को ज्यादा रोने और चिल्लाने नहीं देना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर यह समस्या तेजी से बढ़ती है
- आपको अपने बच्चे की जाँच करवाते रहना चाहिए जिससे आपके बच्चे की मांसपेशियों की कमजोरी के बारे में जानकारी मिल सके
- अगर आपके बच्चे की दवाइयां या औषधियां आ गई चल रही है तो उसको कुछ समय के लिए बंद कर देना चाहिए
- आपको अपने बच्चे को बासी दूध वह दूषित पानी नहीं पिलाना चाहिए
उपचार
वैसे तो ऐसा माना जाता है कि हर्निया रोग का उपचार सिर्फ ऑपरेशन के द्वारा ही किया जाता है जब किसी बच्चे को हर्निया की समस्या हो जाती है तब डॉक्टर ऑपरेशन के द्वारा हर्निया को बाहर निकाल देते हैं
लेकिन अगर रोगी को यह समस्या इतनी ज्यादा नहीं है तब कुछ दवाइयों के जरिए भी इस समस्या को ठीक किया जा सकता है इसके लिए डॉक्टर आपके बच्चे के टेस्ट करते हैं और फिर डॉक्टर आपके बच्चे के टेस्ट के आधार पर ही आपको ऑपरेशन या दवाइयों की सलाह देते हैं
अगर समय रहते इस समस्या को नियंत्रण में किया जाए तो है इतनी ज्यादा बड़ी समस्या नहीं है इससे ऑपरेशन के कुछ दिनों के बाद ही आपका बच्चा बिल्कुल ठीक हो जाता है लेकिन अगर आप इस समस्या को हल्के में लेते हैं तब इससे आपके बच्चे को बहुत ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है और इससे आपके बच्चे को और समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है
तो अगर आपके बच्चे को हर्निया रोग की समस्या हो जाती है तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना बहुत जरूरी है क्योंकि यह बच्चे को असहनीय दर्द देती है इसलिए इस समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए और झाड़-फूंक आदि में विश्वास न करें
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