हैजा रोग के कारण लक्षण व उपचार
वैसे तो दुनिया भर में फैली हुई अनेक बीमारियां जब हमारे शरीर में उत्पन्न होती है तब यह हमारी ही किसी गलती के कारण होती है लेकिन दुनिया में कई ऐसे संक्रामक रोग भी है जो कि हमें दूसरे लोगों से लग सकते हैं और यह सभी खतरनाक रोग होते हैं.
यह रोगी की जान भी ले सकते हैं इसी तरह से हैजा भी एक ऐसा खतरनाक रोग है जो कि एक संक्रामक रोग है इससे रोगी को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है और समय पर इलाज न होने से हजारों के रोगी की मौत भी हो सकती है
तो आज के इस ब्लॉग में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से बात करेंगे इस ब्लॉग में हम आपको हैजा के कारण लक्षण व उपचार आदि के बारे में बताएंगे.
हैजा रोग क्या है
what is cholera disease in Hindi – सबसे पहले हम बात करेंगे कि हैजा रोग क्या होता है हैजा में एक ऐसा संक्रामक रोग है जो कि दूसरे संक्रामक व्यक्ति से दूसरे संक्रामक व्यक्ति के संपर्क में आने से उत्पन्न होता है यह रोग रोगी के दूषित भोजन या पानी के कारण रोगी की आंत उत्पन्न होता है और इससे रोगी के शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है.
यह रोग विब्रियो कोलरा नामक बैक्टीरिया से उत्पन्न होता है इस रोग में रोगी को बार-बार उल्टियां वह पाखाना जाने की आजत होती है और इस रोग का बैक्टीरिया रोगी के मल के द्वारा भी दूसरे लोगों तक पहुंच सकता है
हैजा रोग होने पर रोगी को सबसे ज्यादा साफ सफाई का ध्यान रखना पड़ता है और गंदी चीजों के सेवन से बचना होता है अगर रोगी गंभीर रूप से हैजा की चपेट में आ जाता है तब उससे समय पर इलाज न मिलने से उसकी तुरंत मौत भी हो सकती है
हैजा के कारण
Due to cholera in Hindi – अगर हैजा रोग उत्पन्न होने के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या में कई कारण देखने को मिलते हैं जैसे रोगी का गंदे पानी या गंदे भोजन का सेवन करना,रोगी का किसी हैजा रोग से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आना रोगी का हैजा से ग्रस्त व्यक्ति के बर्तन में भोजन या पानी का सेवन करना, बाजार से लाई हुई सब्जियों या फल आदि का सेवन करना,
धोये वस्तुओं का सेवन करना कोई भी चीज सीधा उठाकर अपने मुंह में लेना,किसी हैजा रोग से ग्रस्त व्यक्ति के कपड़ों व बिस्तर आदि का इस्तेमाल करना, पूरा दिन हैजा रोग से ग्रस्त व्यक्ति के पास रहना,
रोगी के मुंह के सामने बैठना, रोगी किए द्वारा किए गए मल के आस पास जाना या उसके इस्तेमाल किए हुए बाथरूम आदि को अच्छे से बिना साफ किए हुए इस्तेमाल करना, घर में ज्यादा मक्खियाँ पैदा होना, ज्यादा देर तक रखी हुई
फलों या भोजन का सेवन करना, बासी भोजन का सेवन करना, नहर कुएं और तालाब आदि के पानी को पीना या उसमें स्नान करना इसके अलावा भी इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं
हैजा रोग के लक्षण
Symptoms of cholera disease in Hindi – अगर किसी इंसान के शरीर में हैजा रोग की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसके अंदर कई प्रकार के लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे रोगी को बार बार उल्टी आना, रोगी को दस्त की समस्या उत्पन्न होना, रोगी के मल में दुर्गंध आना, रोगी के शरीर में पानी की कमी होना,
पैरों में ऐंठन हो जाना, रोगी को ज्यादा पानी वाले दस्त आना, रोगी को कुछ भी खाया पिया हुआ हजम होना, रोगी के शरीर में थकावट में कमजोरी दिखाई देना, रोगी का शरीर बिल्कुल कमजोर हो जाना,
रोगी को पेट में हल्का दर्द महसूस होना, रोगी के भोजन करते ही तुरंत पाखाना जाने की हाजत होना, रोगी का शरीर दुबला पतला हो जाना, रोगी के सभाव में बदलाव आना, रोगी के चेहरे पर उदासी व बेचैनी दिखाई देना,
रोगी को हल्का बुखार होना, रोगी के सिर में हल्का दर्द रहना, रोगी के होंठ कान नाक व शरीर के अन्य भाग नीले दिखाई देना इसके अलावा भी रोगी में इस रोग के उत्पन्न होने पर बहुत सारे लक्षण दिखाई दे सकते हैं
हैजा रोग होने पर क्या करना चाहिए
What should be done in case of cholera? in Hindi – अगर किसी को हैजा रोग हो जाता है तब रोगी को कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होगा जिससे रोगी को इस रोग से बचने में वह इसके ऊपर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है जैसे
- रोगी को साफ-सुथरी रोगी को अपने शरीर की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए
- रोगी को स्वस्थ भोजन में ताजा पानी का सेवन करना चाहिए
- रोगी को हमेशा उबालकर पानी पीना चाहिए
- रोगी को हमेशा सुपाच्य व हल्के भोजन का ही सेवन करना चाहिए
- रोगी को अपने शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए
- रोगी को पखाना जाने के बाद तुरंत अपने हाथ साबुन से साफ करने चाहिए वह खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने चाहिए
- रोगी को अपने बिस्तर बर्तन वह अपने कपड़े आदि किसी दूसरे इंसान को नहीं देने चाहिए
- रोगी को अपने भोजन व फल आदि को बिल्कुल ढक कर रखना चाहिए
हैजा रोग होने पर क्या नहीं करना चाहिए
- रोगी को किसी भी चीज को उठाकर अपने मुंह में नहीं लेनी चाहिए
- रोगी को गंदे पानी व बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को अपने शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए
- रोगी को बिना हाथ धोने भोजन नहीं करना चाहिए
- रोगी को किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर तुरंत हाथ पांव धोने चाहिए
- रोगी को नहर तालाब कुएं आदि के पानी का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को गंदे इलाके में गंदी जगह पर जाने से बचना चाहिए
- रोगी को गंदे कपड़े नहीं पहने चाहिए वह हर रोज स्नान करना चाहिए
लेकिन फिर भी अगर किसी को हैजा रोग हो जाता है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह जल्दी से जल्दी अपने टेस्ट आदि करवा कर दवाइयां लेनी चाहिए क्योंकि हैजा रोग एक ऐसा खतरनाक रोग है जो कि आपका आसानी से पीछा नहीं छोड़ेगा और इससे आपका शरीर बिल्कुल कमजोर भी हो जाएगा जिससे आपके शरीर में दूसरी कई बीमारियां भी हो सकती है.
हैजा की आयुर्वेदिक औषधियाँ
Ayurvedic medicines for cholera in Hindi – अरहर के ताजा पत्ते 1 तोला (12 ग्राम) एक छटांक (60 ग्राम) ठण्डे पानाम पीसकर तथा कपड़े से छानकर 1-1 घंटे के अन्तराल से रोगी को सेवन कराने से हैजा म आराम हो जाता है।
अफीम 1 रत्ती तथा कपूर, कालीमिर्च, हींग और सोंठ प्रत्येक 2-2 रत्ती का माता में लें-पीसकर मिलाकर मंग के आकार की गोलियाँ बना लें। यह 1 से 6 गोला कि में रोगी को देने से हैजा नष्ट हो जाता है.
सोंठ और जायफल समान मात्रा में लेकर बारीक पीसकर रोगी के हाथ-पैरों पर मालिश करने से ऐंठन मिटकर हाथ-पैरों में गरमाई आ जाती है।
ब्राण्डी शराब और प्याज का रस 6-6 ग्राम मिलाकर रोगी को सेवन कराने से तुरन्त लाभ होता है। (यदि आवश्यक हो तो यही मात्रा पुनः रोगी को दें।)
हैजा रोग का कारण है हैजा की बीमारी कब आई थी हैजा के प्राथमिक उपचार हैजा से बचाव के उपाय हैजा से बचने के लिए हमें किस तरह का भोजन और पानी प्रयोग करना चाहिए क्षयरोग और हैजा किस सूक्ष्मजीव के कारण फैलते हैं ?