कागज का आविष्कार किसने किया – Who invented the paper In Hindi
हमने आपको हमारी वेबसाइट पर बहुत सी रोचक जानकारी बताई है आज फिर से हम आपको एक और रोचक जानकारी के बारे में बताएंगे क्योंकि कई बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी होती है जो कि आप सही से नहीं जानते हैं वह जानकारी आपके लिए बहुत ही आवश्यक होती है
क्योंकि वह हमारे आम जीवन में काम आने वाली चीजें होती है जिनके बारे में हमें जानना है हम आज आपको इस पोस्ट में पेपर के आविष्कार और इतिहास के बारे में बताएंगे और इसकी पूरी जानकारी देंगे.
पेपर हमारी जिंदगी में काम आने वाली एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है पेपर नहीं होता तो शायद आज के समय में कुछ भी हमें नहीं मिलता सिर्फ हमें किसी चीज के चित्र या उसके प्रमाण ही मिल पाते और उसके इतिहास के बारे में शायद हमें जो लिखा हुआ मिलता है वह कभी नहीं मिल पाता
क्योंकि जब किसी चीज को लिखा जाता है तो उसके बाद वह चीज आने वाले बहुत सालों तक वैसे की वैसे ही मिलती है हमें जैसे किसी ने लिखी थी क्योंकि बहुत सी ऐसी चीजों के इतिहास है जो सिर्फ पेपर के ऊपर लिखे हुए पाए हैं और बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो कि पेपर पर लिखी हुई मिली है और उसके बाद में हमें बहुत सी जानकारी मिल पाई.
तो नीचे हम आप को इस पोस्ट में पेपर के इतिहास और आविष्कार kagaj ki khoj in india, kagaj ka avishkar itihash के बारे में जानकारी दे रहे हैं आप इस जानकारी को अच्छी तरह से पढ़े.
कागज का आविष्कार किसने किया
Who invented the paper In Hindi ? पेपर पर लिखी हुई जानकारी मिल जाने के बाद ऐसी बहुत सी चीजों के बारे में पता लगाया गया है जो कि शायद पहले कोई भी नहीं जानता था और ऐसी बहुत सी चीजों का आविष्कार भी किया गया है पेपर पर ही सिर्फ उन चीजों के प्रमाण मिले थे
और उन के बाद उन चीजों का आविष्कार करके दुनिया के सामने लाया गया तो हमारे जीवन में पेपर का बहुत बड़ा महत्व होता है क्योंकि आज के समय में पढ़ाई के लिए भी पेपर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है दिन प्रतिदिन पेपर का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है जब हम सुबह उठते हैं
तो एक पेपर के कारण ही हमें बहुत ज्यादा न्यूज़ मिलती है क्योंकि न्यूज़पेपर एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचाए जाते हैं और उन पर लिखी जानकारी हमें मिलती है और आज के समय में बहुत ही अच्छे अच्छे और बढ़िया बढ़िया पेपर बनाए जा रहे हैंतो नीचे हम आप को इस पोस्ट में पेपर के इतिहास और आविष्कार के बारे में जानकारी दे रहे हैं आप इस जानकारी को अच्छी तरह से पढ़े.
पेपर के आविष्कार से पहले जरूरी चीजों को लिखने के लिए हड्डी लकड़ी बंबू और कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था. 3500 मिस्र में पेपर बनाने के लिए पपीरस नाम के पौधे का इस्तेमाल किया गया जो नील नदी के पास होता था और इस पौधे के पपीरस नाम से ही पेपर का नाम रखा गया
और आज के समय के आविष्कार की बात अगर हम करें पेपर बनाना चीनी लोगो द्वारा शुरू किया गया था वैसे तो चीन में बहुत बड़े-बड़े आविष्कार हुए हैं और दुनिया के बहुत से ऐसे आविष्कारों में चीन का नाम लिया जाता है जो की बहुत बड़े आविष्कार हुए हैं उन्हें आविष्कारों में से पेपर का आविष्कार भी एक ऐसा अविष्कार है
जो कि चीन में हुआ था चीन में 105 AD में हुआ था उस में के ऐतिहासिक रिकॉर्ड दिखाते हैं कि शाही अदालत के एक अधिकारी, Ts’i लुन द्वारा पूर्वी हान सम्राट हो-डि ने कागज के आविष्कार की सूचना दी थी. उस T’sai Lun को पक्षियों के घोंसले को देखकर पेपर को बनाने का तरीका दिमाग में आया
फिर उन्होंने उसके बाद पेपर को बनाने के लिए पौधे के बेस्ट के साथ पानी में मिलाकर एक मिश्रण बनाया जाता था इसको इसके अंदर एक छन्नी को डुबो कर धुप में सुखा दिया जाता था. उसके बाद अलग अलग पौधों को लेकर अलग अलग तरह से पेपर बनाए जाने लगे और जैसे-जैसे पेपर को बनाने वाले सांचे में बदलाव होता गया
वैसे-वैसे ही कागज पेपर बढ़िया बनता गया और पेपर को बनाने में और भी ज्यादा आसानी होने लगी.पेपर का आविष्कार तो हो गया था लेकिन चीन इस पेपर को बनाने के तरीके को दुनिया में किसी को बताना नहीं चाहते थे
लेकिन इसी बात के कारण ही यह इसका सिर्फ कई सालों तक चीन में ही रहा. करीब 600 A.D में लकड़ी की छपाई का आविष्कार किया गया था और 740 A.D में पहला मुद्रित समाचार पत्र चीन में देखा गया था।
इसके बाद में पेपर बनाने का तरीका कोरिया में चला गया वंहा पर पेपर का उत्पादन 6 वीं शताब्दी में शुरू हुआ वंहा पेपर को पल्प भांग, रतन, शहतूत, बांस, चावल का भूरा और समुद्री शैवाल के तंतुओं से तैयार किया गया था।
फिर एक परंपरा के अनुसार, डोन-को नाम का एक कोरियाई भिक्षु ने जापान में बौद्ध धर्म पेश किए जाने के लगभग 610 वर्षों में इंपीरियल पैलेस में अपने ज्ञान को साझा करके जापान के लिए पेपर बनाने के तरीके को लाया गया था.
उसके बाद 750 A. D में अरब और चीन के बीच में एक युद्ध हुआ और उस युद्ध में चीन हार गया था लेकिन उस समय में अरब का नियम यह था कि यदि कोई भी यदि मुसलमानों को कोई ऐसी चीज की जानकारी देते हैं जो कि उनके बहुत काम आए तो वह कैदियों को रिहा कर देते थे
और उसके बाद चाइनीस कैदियों ने अरब के मुसलमानों को पेपर बनाने का तरीका बता दिया जिसके बाद उनको रिहा कर दिया गया इसके बाद अरब में सबसे पहला पेपर मेल उपजे किस्तान में बनाया गया
और 10 वीं सदी तक पेपर का इस्तेमाल पूरे अरब में फैल गया और पेपर को यूरोप में पहुंचने के लिए लगभग 500 साल लग गए 12 वीं शताब्दी में पेपर जब स्पेन में पहुंचा उसके बाद वहां से पूरे यूरोप में पेपर का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया गया
सिल्क रोड के साथ पता लगाया कि पुरातात्विक अभिलेखों के मुताबिक, झिंजियांग क्षेत्र में कागज को बहुत जल्दी शुरू किया गया था। काओचांग, लोलन, कुशा, कोटान और डुनहुंग साइटों पर पाया जाने वाला पेपर 2 शताब्दी में इस तकनीक ने लगभग 650 ए.डी. के आसपास तिब्बत पर पहुंचा और 645 A. D के बाद भारत में पहुंचा दिया।
जब तक चीन से ह्सआन त्सांग 671 ए.डी. में भारत आए, तब तक पेपर पहले ही व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा चुका था. लेकिन 7 वीं शताब्दी में जब पेपर भारत में आया था तो उस समय बहुत कम है इसका इस्तेमाल किया जाता था
लेकिन इसको पूरे भारत में फैलने में 12 वीं शताब्दी तक का समय लगाया और उसके बाद पूरे भारत में पेपर का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होने लगा और यह पूरे भारत में फैल गया.
करीब 1100 A.D कागज उत्तरी अफ्रीका में पहुंचे और 1150 A.D तक यह धर्मयुद्ध के परिणामस्वरूप स्पेन पहुंचे और यूरोप में पहला पेपर उद्योग स्थापित किया। 1453 में ए.डी. जोहान गुटेनबर्ग ने छपाई प्रेस का आविष्कार किया। उत्तर अमेरिका का पहला पेपर उद्योग फिलाडेल्फिया में 1690 में बनाया गया था.
1830 और 1840 के दशक में, दो अलग-अलग महाद्वीपों पर दो पुरुषों ने चुनौती दी, लेकिन एक पूरी तरह से नए योजना से फ्रेडरिक गोटलोब केलर और चार्ल्स फेनेर्टी दोनों ने लकड़ी के साथ प्रयोग शुरू किया, लेकिन कागज बनाने में इस्तेमाल की गई तकनीक का इस्तेमाल किया; लुगदी के टुकड़े के बजाय, उ
न्होंने लकड़ी का पुष्पण करने के बारे में सोचा। और लगभग उसी समय, 1844 के मध्य तक, उन्होंने अपने निष्कर्षों की घोषणा की उन्होंने एक मशीन का आविष्कार किया जिसमें लकड़ी से तंतुओं को निकाला गया था (ठीक से लत्ते के साथ) और उसमें से पेपर बना दिया। चार्ल्स फेनेर्टी ने लुगदी को भी प्रक्षालित किया था
ताकि कागज सफेद हो। इसने पेपर बनाने के लिए एक नया युग शुरू किया 19वीं शताब्दी के अंत तक पश्चिमी दुनिया के लगभग सभी प्रिंटर कागज बनाने के लिए वस्र-खंड के बदले लकड़ी का इस्तेमाल कर रहे थे.
[catlist name=”खोज और अविष्कार”]
तो इस तरह से यह पेपर पूरी दुनिया में फैल गया और जैसे-जैसे पेपर दुनिया में फैला उसके बाद थोड़ा समय निकलते ही इस पेपर में बदलाव कर दिए गए और पेपर को अच्छा से अच्छा बनाने की कोशिश की गई और आज के समय में बहुत ही अलग अलग तरह के नए नए किस्म के पेपर बनाए जा रहे हैं
और वह इतने महंगे भी नहीं होते हैं क्योंकि पहले वाले पेपर ज्यादा महंगे हुआ करते थे वे महंगे इसलिए हुआ करते थे क्योंकि उनको बनाने में बहुत ज्यादा समय लगता था और उनको सुखाना भी पड़ता था लेकिन आज के समय में पेपर बहुत ज्यादा मात्रा में बनाए जाते हैं और पेपर को बनाने के लिए बहुत बड़े बड़े कारखाने फैक्ट्री लगी हुई है
आज के समय में नई नई तकनीक के साथ पेपर को बनाया जाता है जो कि बहुत जल्दी बन जाता है इसी कारण से आज का पेपर इतना महंगा नहीं है . तो आज हमने आपको इस पोस्ट में पेपर के आविष्कार और इतिहास कागज का आविष्कार कहाँ हुआ कागज का आविष्कार सर्वप्रथम कहाँ हुआ था
कागज की खोज कागज का आविष्कार कब हुआ था कागज की आत्मकथा कागज पर निबंध कागज निर्माण कागज बनाने की विधि के बारे में बताया हमारे द्वारा बताई गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.
बहुत सुंदर जानकारी दी गई है