गुरु पूर्णिमा का पर्व कब कैसे और क्यों मनाया जाता है
हमारे देश में गुरु का बहुत सम्मान किया जाता है और ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि यह गुरु सामान हमारे देश में अभी से होने लगा है बल्कि यह गुरुओं का सम्मान हमारे देश में प्राचीन समय से होता आ रहा है इसके बारे में आपको रामायण महाभारत और दूसरे बड़े ग्रंथों में भी देखने को मिल जाएगा प्राचीन समय में हमारे देश में बहुत बड़े-बड़े संत महात्मा ज्ञानी और ऋषि मुनि पैदा हुए.
जिनके अनेक अलग-अलग छोटे और बड़े शिष्य होते थे और वे हमेशा अपने गुरुओं का आदर करते थे और अपने गुरुओं के बताए हुए रास्ते पर चलते थे इसीलिए उन्होंने अपने जीवन में सफलता पाई आज के समय में भी हमारे देश में गुरुओं का सम्मान किया जाता है हालांकि आजकल के आधुनिक समय में गुरु का स्थान अध्यापकों ने ले लिया है लेकिन अध्यापक या गुरु एक ही होता है ऐसा नहीं है.
कि गुरु का आदर सिर्फ बच्चे या उनके शिष्य ही करते हैं.बल्कि गुरुओं का आदर सभी लोग करते हैं चाहे वह किसी भी गुरु के शिष्य हो या न हो गुरु को हमेशा ही एक प्रेम और सद्भावना के साथ देखा जाता है इसीलिए आपको पता होगा कि हर साल टीचर्स डे भी मनाया जाता है जिसके मौके पर सभी बच्चे अपने अपने अध्यापकों को अलग-अलग प्रकार के उपहार व दूसरी चीजें देकर अपने प्रेम को दर्शाते हैं.
लेकिन प्राचीन समय में भी गुरुओं का सम्मान किया जाता था और हमारे देश में गुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए हर साल गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है जो कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है शायद आप इसके बारे में जरूर जानते होंगे.
लेकिन बहुत सारे लोगों को हमारे देश में गुरु का क्या महत्व रहा है इसके बारे में सही से जानकारी नहीं है तो इस ब्लॉग में हम आप को गुरु पूर्णिमा कब, कैसे और क्यों मनाई जाती है इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा का पर्व एक ऐसा पर्व है जो कि भारत में सबसे ज्यादा प्रेम और सद्भावना के साथ देखा जाता है क्योंकि इस पर्व को गुरु और शिष्य के बीच प्रेमभाव के लिए मनाया जाता है यह पर्व किसी त्यौहार से कम नहीं है क्योंकि आप सभी को पता होगा कि हमारे देश में गुरुओं व अध्यापकों को किस देवता से कम नहीं माना जाता और प्राचीन समय में भी ऐसा ही होता था.
प्राचीन काल में सभी गुरु अपने शिष्यों के साथ आश्रम में रहते थे और वहीं पर उनकी शिक्षा-दीक्षा और उनको अलग-अलग प्रकार की तीरंदाजी व दूसरी विद्या दी जाती थी और आश्रम में ही गुरु पूर्णिमा के दिन सभी शिष्य इकट्ठा होकर अपने गुरुओं के लिए पूजा का आयोजन करते थेजिसमें सभी बच्चे अपने गुरुओं से आशीर्वाद लेते थे आज के समय में टीचर डे मनाया जाता है.
उसी तरह से प्राचीन समय में गुरु पूर्णिमा मनाया जाता था प्राचीन काल से ही गुरु के महत्व को देखते हुए हमारे देश में हर साल गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है बहुत सारे लोग इस दिन अपने अपने गुरुओं व अध्यापकों को अलग-अलग प्रकार के उपहार देते हैं और अपने गुरुओं से आशीर्वाद लेते हैं
गुरु पूर्णिमा का पर्व कैसे मनाया जाता है
गुरु पूर्णिमा का पर्व सभी शिष्य अपने गुरुओं के आदर सम्मान और सत्कार के लिए मनाते हैं और सभी शिष्य अपने गुरु के प्रति प्रेम भाव को दर्शाते हैं प्राचीन काल में सभी गुरु अपने अपने आश्रमों में ही अपने शिष्यों को शिक्षाएं देते थे इसीलिए सभी लोग बचपन से ही अपने बच्चों को गुरु के पास आश्रम में भेजें देते थे.
वहीं पर उनका रहना सहना खाना-पीना और शिक्षा होती थी और सभी गुरु अपने अपने बच्चों को सही राह पर चलने की शिक्षा देते थे और जब गुरु अपने शिष्यों को पूर्ण शिक्षा दे देते थे उसके बाद सभी शिष्य अपने घर चले जाते थे लेकिन हर साल सभी शिष्य आश्रम में अपने गुरुओं के लिए गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाते थे
हालांकि गुरु पूर्णिमा का पर्व अलग-अलग आश्रमों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता था लेकिन इस पर्व के मौके पर मुख्य रूप से शिष्य और गुरु के बीच प्रेम भाव होता है इस मौके पर सभी बच्चे अपने अपने गुरु के चरण स्पर्श करते थे और आशीर्वाद लेते थे.
ताकि वे भविष्य में अपने जीवन में सफल हो सके और सभी बच्चे और सभी शिष्य अपने अपने गुरुओं को कुछ चीजें उपहार में भी देते थे गुरु पूर्णिमा का पर्व अध्यापक दिवस की तरह ही मनाया जाता है आप सभी को पता हो कि अध्यापक दिवस के मौके पर भी ऐसा ही होता है जो अपने गुरु से शिक्षा दीक्षा पा करअलग हो चुके हैं.
वे भी गुरु पूर्णिमा के मौके पर आश्रम में जाकर अपने से आशीर्वाद लेते हैं.बहुत सारे लोग गुरु पूर्णिमा के पर्व को एक बहुत ही शुभ दिन मानते हैं इसीलिए कई लोग गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और फिर भगवान विष्णु शंकर और व्यास जी की पूजा अर्चना करते हैं
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है
किसी भी पर्व को मनाने की पीछे कोई ना कोई वजह जरुर होती है इसी तरह से गुरु पूर्णिमा के पर्व को भी मनाने के पीछे एक बहुत ही प्राचीन वजह मानी गई है इसके अनुसार ऐसा माना जाता है कि प्राचीन समय में सभी गुरु अपने शिष्यों को बिल्कुल फ्री शिक्षा देते थे और सभी गुरु अपने शिष्यों के साथ आश्रम में रहा करते थे और सभी शिष्य अपने गुरु के आदर के लिए पूर्णिमा के दिन हर साल गुरु पूर्णिमा का आयोजन करते थे.
जिसमें सभी शिष्य और सभी गुरु भाग लेते थे और गुरु पूर्णिमा का दिन वही दिन जिस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था इसीलिए सभी लोग गुरु पूर्णिमा के पर्व को महर्षि वेदव्यास जी को भी समर्पित करते हैं और इस दिन सभी वेदव्यास जी की भी पूजा करते हैं महर्षि वेद व्यास जी का जन्म लगभग 3000 ई. वर्ष पूर्व हुआ था.
इससे ऐसा अनुमान जरूर लगाया जा सकता है कि गुरु पूर्णिमा का पर्व हमारे देश में कितना प्राचीन समय से मनाया जा रहा है और महर्षि वेदव्यास वही इंसान है जिन्होंने महाभारत की रचना की थी
गुरु पूर्णिमा का पर्व कब मनाया जाता है
पूर्णिमा शब्द सुनकर आप समझ गई होगी कि यह पर्व हिंदी कैलेंडर के अनुसार ही मनाया जाता है तो इस पर्व को हर साल हिंदी कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इस पर्व को महर्षि वेदव्यास जी के जन्म दिवस के मौके पर मनाया जाता है जो कि एक बहुत ही प्राचीन पर्व माना जाता है अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह पर्व हर साल अलग-अलग तारीख को आता है जोकि लगभग हर साल जुलाई के महीने में आता है
गुरु पूर्णिमा का महत्व
शायद ही दुनिया में कोई ऐसा इंसान होगा जिसके लिए उसके गुरु महत्व नहीं रखते होंगे क्योंकि आप सभी को पता हो कि हमारे जीवन में हमें शिक्षा दीक्षा और अच्छी राह पर चलने की सलाह देने वाला एक गुरु जरूर होता है चाहे हम इतना ज्यादा पढ़े लिखे ना हो तब भी हमारे जीवन में गुरु जरूर होगा.
उनके आदर सत्कार के लिए हर साल गुरु पूर्णिमा के पर्व मनाया जाता है ताकि हम अपने अपने गुरु से मिल सके और उनके आशीर्वाद ले सकें बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो कि किसी कारण अपने गुरुओ से नहीं मिल पाते इसीलिए गुरु पूर्णिमा के पर्व को देखते हुए वे दूर से भी अपने गुरु के पास मिलने के लिए जा सकते
F&Q
Q : गुरु पूर्णिमा के दिन किस महर्षि का जन्म हुआ था ?
Ans : गुरु वेद व्यास जिन्होंने महाभारत की रचना की थी.
Q : गुरु पूर्णिमा को और किस नाम से जाना जाता है ?
Ans : व्यास पूर्णिमा
Q : हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा किस दिन मनाई जाती है
Ans : आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन
Q : गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाती है
Ans : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह जुलाई अथवा अगस्त माह में मनाई जाती है
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई गुरु पूर्णिमा के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.