नवरात्रि कब कैसे और क्यों रखे जाते हैं
भारत एक बहुत ही प्राचीन देश है और भारत में हर साल अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं क्योंकि यह सभी त्योहार भारत की प्राचीन संस्कृति के साथ जुड़े हुए हैं इसीलिए हमारे देश में सबसे ज्यादा त्योहारों को मनाया जाता है और हर साल अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है.
बहुत सारे ऐसे विशेष दिन भी आते हैं जिनके मौके पर सभी लोग मंदिरों में जाकर धूमधाम से भगवान के दर्शन करते हैं और मेले आदि में जाते हैं आप में से भी बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जो कि हर साल अलग-अलग मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं और सभी लोग अपने अपने घरों में भी देवी देवताओं की पूजा करते हैं.
क्योंकि हमारे देश के लोग भगवान के ऊपर ज्यादा विश्वास करते हैं उनका मानना है कि अगर सच्चे मन से भगवान की भक्ति की जाए. तो भगवान हमेशा कुछ न कुछ जरूर देते हैं और भगवान कभी भी भक्तों को निराश नहीं करते इसीलिए हर साल हमारे देश में कई बड़ी बड़ी पूजा होती है.
इनमें से एक नवरात्रि का पर्व भी रहता है जो कि हिंदू धर्म में मनाए जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है क्योंकि नवरात्रि पर्व के मौके पर सभी लोग माता रानी के व्रत रखते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं आप में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जो कि नवरात्रि रखते भी होंगे लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे हैं.
जिनको नवरात्रों के बारे में इतना ज्यादा जानकारी नहीं है तो इस ब्लॉग में हम आपको नवरात्रों के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको नवरात्रि कब कैसे और क्यों रखे जाते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं.
नवरात्रि
अगर हिंदू कैलेंडर को उठाकर देखा जाए तो उनमें आपको त्योहारों की एक लंबी लिस्ट दिखाई देगी और उन्ही त्योहारों में से कई त्यौहार ऐसे हैं जो कि सिर्फ 1 दिन नहीं बल्कि कई दिनों तक चलते हैं और ऐसी ही कई पूजा और देवी देवताओं के दिन भी आते हैं जो कि कई दिनों तक मनाया जाते हैं आप सभी जानते हो कि ओणम और दशहरा जैसे त्यौहार लगभग लगातार 10 दिन तक चलते हैं.
इसी तरह से नवरात्रि भी 10 दिनों तक चलते हैं नवरात्रि माता रानी के नौ रूपों के रूप में रखे जाते हैं नवरात्रों की शुरुआत से लेकर अंत तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और सभी माता रानी के भक्त अपने-अपने घरों में माता रानी की मूर्तियां लाते हैं और नवरात्रों के लिए माता रानी का सिंगार किया जाता है.
इसके अलावा नवरात्रों में भी बहुत सारी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है नवरात्रि भारत के एक कोने में मनाए जाते हैं नवरात्रि त्योहार को भी हिंदू धर्म में एक बहुत ही बड़ा स्थान प्राप्त है यह भारत में मनाए जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है नवरात्रों को नवरात्रि दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है नव+रात्रि.
नव यानी नौ रात्रि मतलब रातें यानी नवरात्रि यह पर्व हमारे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इस पर्व को मनाते समय सभी माता रानी के भक्त माता रानी की आरती व भजन कीर्तन में रंग जाते हैं और यह पर भारत के लगभग सभी हिस्सों में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है.
लेकिन इस पर्व के मौके पर सभी लोग माता रानी के नौ रूपों की पूजा करते हैं इस पर्व को मनाने वाले सभी भक्तों 9 दिनों तक माता रानी के लिए व्रत भी रखते हैं और माता रानी को खुश करने के लिए सभी भक्तों को भी बहुत सारी रीति रिवाज निभाते हैं. माता रानी से अपने मंगलमय और सुखी जीवन की कामना करते हैं.
माता रानी भी अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती और अपने भक्तों की मनोकामना हमेशा पूरी करती हैनवरात्रि को हर साल चार बार रखा जाता है लेकिन मुख्य रूप से नवरात्रि साल में दो बार ही रखते हैं ज्यादातर माता रानी के भक्त दो नवरात्रे ही रखते हैं और हर बार यह नवरात्रि हर माह की एकम से लेकर नवमी तक चलते हैं जिसमें माता रानी के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है
नवरात्रि कैसे रखा जाता है
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया हर साल मुख्य रूप से नवरात्रे दो बार रखे जाते हैं दोनों ही नवरात्रि अलग-अलग रूप से मनाए जाते हैं अगर बात की जाए शरद माह के नवरात्रों के बारे में तो यह एक बहुत ही धूमधाम से मनाए जाने वाला नवरात्रि है क्योंकि इस नवरात्रि के मौके पर सभी लोग इकट्ठा होकर मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं.
सबसे पहले मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित किया जाता है फिर मां दुर्गा की मूर्ति को पूरे सिंगार के साथ सजाया जाता है और सभी आसपास के लोग मिलजुलकर मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं वह पूजा अर्चना में अलग-अलग प्रकार की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है फिर नवरात्रों के आठवें और नौवें दिन एक बहुत बड़े यज्ञ का आयोजन किया जाता है .
जिसमें सभी माता रानी के भक्त बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस यज्ञ में भाग लेने वाले सभी भक्तों को माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और यज्ञ के बाद माता रानी के भंडारे का भी आयोजन किया जाता है. जिसमें माता रानी के भंडारे में कई लग-अलग प्रकार पकवान बनाए जाते हैं जो कि माता के प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है.
अगर बात की जाए चैत माह के नवरात्रों के बारे में तो यह नवरात्रि के शरद नवरात्रों से बिल्कुल अलग होते हैं क्योंकि इन नवरात्रों के मौके पर सभी महिलाएं जंवारें उगाती है और व्रत रखती हैफिर उन ज्वारों को सभी महिलाएं अपने सिर पर रखकर ढोल नगाड़ों के साथ विसर्जन के लिए जाती है और इसके अलावा नवरात्रों के मौके पर माता रानी के कई बड़े बड़े कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है.
जिसमें माता रानी का पंडाल लगाया जाता है और इन सभी पंडालों को अलग-अलग फूलों और सजावट युक्त चीजों का इस्तेमाल करके अच्छी तरह से सजाते हैं और और फिर ढोल नगाड़ों के साथ माता रानी के गीत संगीत बजाएं जाते हैं और माता रानी को अंतिम विदाई दी जाती है.
इसके अलावा बहुत सारे भक्त साल में दो और नवरात्रि भी रखती हैं. जो कि इनके जैसे रखे जाते हैं लेकिन ज्यादातर भक्त मुख्य रूप से इन दो ही नवरात्रों को रखते हैं
नवरात्रि क्यों मनाई जाती है
किसी भी पर्व को मनाने के पीछे कोई न कोई वजह जरूर होती है इसी तरह से ऐसा माना जाता है नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है ऐसा भी माना जाता है कि प्राचीन समय में एक महिषासुर एक बहुत बड़ा राक्षस होता था जो कि ब्रह्मा जी का भक्त था और उसने अपनी तपस्या के कारण ब्रह्मा जी को वचन देने पर मजबूर कर दिया.
इस वचन में महिषासुर ने भगवान ब्रह्मा जी से वचन मांगा की धरती पर रहने वाला कोई भी प्राणी या मनुष्य उसकी मृत्यु न कर सके और ब्रह्मा जी भी यह वरदान देने के लिए मजबूर हुए और उन्होंने यह वरदान दे दिया इसी का फायदा उठाकर महिषासुर तीनों लोगों में आतंक मचाने लगा और सभी देवी देवताओं को परेशान करने लगा तीनों लोकों में बढ़ते हुए.
आतंक को देखकर भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश के साथ मिलकर.इन तीनों लोगों को महिषासुर के आतंक से बचाने के लिए मां दुर्गा को जन्म देने के बारे में सोचा और फिर इसके बाद मां दुर्गा ने महिषासुर के वध के लिए जन्म दिया और महिषासुर के साथ मां दुर्गा ने लगातार नौ दिनों तक युद्ध लड़ा और दसवें दिन मां दुर्गा को महिषासुर के ऊपर विजय प्राप्त हुई.
मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया और तीनों लोगों को उसके आतंक और कहर से बचाया इसीलिए सभी भक्त ऐसा मानते हैं कि मां दुर्गा ने 9 दिनों तक युद्ध लड़ के बुराई पर अच्छाई की जीत पाई इसीलिए सभी भक्त नवरात्रि रखते है.
नवरात्रि कब मनाया जाते हैं
वैसे तो साल में नवरात्रों को 4 बार मनाया जाता है लेकिन मुख्य रूप से साल में नवरात्रि दो बार ही मनाए जाते हैं हिंदी कैलेंडर के अनुसार नवरात्रि पौष, चैत्र, शरद एवं आषाढ़ माह में मनाए जाते हैं जिनमें से मुख्य रूप से मनाए जाने वाले दो नवरात्रि चैत्र व शरद माह में आते हैं और यह सभी नवरात्रि एकम से लेकर नवमी तक चलते हैं
Q. नवरात्रि साल में कितनी बार मनाया जाती है
Ans. नवरात्रि साल में 4 बार मनाया जाते हैं लेकिन मुख्य रूप से दो बार ही मनाए जाते हैं जो कि चैत्र और शहद माह में आते हैं
Q. नवरात्रि कितने दिनों तक चलते हैं
Ans. 9 दिनों तक
Q.नवरात्रों में किसकी पूजा की जाती है
Ans. मां दुर्गा के नौ रूपों की
Q. मां दुर्गा ने किस राक्षस का वध किया था
Ans. महिषासुर
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई नवरात्रों के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.