निमोनिया क्या है इसके लक्षण कारण व उपचारनिमोनिया क्या है इसके लक्षण कारण व उपचार
जैसा कि आप सभी जानते हैं आज के समय में दुनिया भर में बहुत खतरनाक बीमारियां फैली हुई है जो की कुछ ही समय में किसी भी इंसान को मौत की नींद सुला सकती है. लेकिन कई ऐसी बीमारियां है जो कि बहुत तेजी से इंसानों को अपनी चपेट में ले लेती है इसी तरह की एक बीमारी का नाम निमोनिया भी है जो कि एक खतरनाक बीमारी है.
यह किसी भी इंसान को आसानी से हो सकती है और इस बीमारी का समय पर इलाज न होने पर यह उस इंसान की मौत का कारण भी बन सकती है तो आज के इस ब्लॉग में हम आपको निमोनिया बीमारी के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको निमोनिया बीमारी के लक्षण, इसके कारण व इसके उपचार आदि के बारे में बताएंगे.
निमोनिया क्या है
अगर निमोनिया बीमारी के बारे में बात की जाए तो यह एक ऐसी बीमारी है जो कि एक संक्रमण बीमारी है इस बीमारी में रोगी के फेफड़ों के अंदरूनी हिस्सों में संक्रमण हो जाने के कारण उन भागों में सूजन आ जाती है और शरीर के अंदरूनी भागों के कोष्ठकों में द्रव इकट्ठा होने लगता है और यह बीमारी है ज्यादातर बच्चों और बूढ़ों में उत्पन्न होती है क्योंकि बच्चों और बूढ़ों में इम्यूनिटी कम होने के कारण यह रोग उनको जल्दी अपनी चपेट में लेता है और यह एक घातक बीमारी है जिसका समय पर इलाज न होने से रोगी की मृत्यु हो सकती है
निमोनिया के कारण
जब किसी इंसान को निमोनिया होता है तब उसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं क्योंकि निमोनिया कई प्रकार से होता है और इन सभी प्रकारों के अलग-अलग कारण भी होते हैं जैसे कई बार निमोनिया स्ट्रेप्टोकोकस, डिपलो कोकस निमोनिया, स्टेफिलोकोकस, एच. इंफ्लुएंजा वायरस आदि के संक्रमण से होता है इसके अलावा यह रोग कई बार लोबर निमोनिया न्यूमोकोकस बैक्टीरिया से होता है और कई बार निमोनिया रोग दूसरे रोगों के शरीर में उत्पन्न होने के साथ ही हो सकता है जैसे हृदय या वृक्क के रोग, डिफ्थीरिया, हैजा, खसरा, सर्दी-जुकाम ब्रोंकाइटिस, मधुमेह, फ्लू आप लोग आदि रोग होने पर निमोनिया हो सकता है तो यह कुछ ऐसे कारण हैं जो कि निमोनिया रोग का कारण बन सकते है.
निमोनिया के लक्षण
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया निमोनिया रोग कई प्रकार का होता है और कई प्रकार से उत्पन्न हो सकता है और इसी तरह से इस रोग के कई प्रकार के लक्षण भी होते हैं अगर इसके मुख्य लक्षणों की बात की जाए तो अधिक पसीना और पेशाब आना, अचानक तेज बुखार होना, छाती में दर्द होना, बार बार प्यास लगना, मुंह और आंखें लाल होना, सूखी खांसी आना, सिर दर्द करना, नाडी की गति बढ़ना, फेफड़ों में सूजन आना, श्वास की गति बढ़ना, पीठ के बल लेटने में कठिनाई होना, बलगम के साथ खून आना, भूख कम लगना, शरीर में कमजोरी महसूस होना, आलस, थकावट रहना हाथ, पैरों में जलन महसूस होना, बार बार नाक बंद होना आदि कई लक्षण निमोनिया रोग में देखने को मिलते हैं.
क्या-क्या खाना चाहिए
निमोनिया रोग होने पर रोगी को खानपान की चीजों के ऊपर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है क्योंकि अगर वह गलत चीजों का सेवन कर लेता है तब इसके साथ ही और रोग होने के भी खतरा बढ़ जाता है या फिर आपको ज्यादा लंबे समय तक बीमारी का सामना करना पड़ सकता है
- आपको ज्यादा साबूदाने की खीर, बार्ली, शोरबा, आहार में तली हुई चीजें उबला हुआ अंडा अखरोट मूंग की दाल आदि का सूप पीना चाहिए
- आपको ज्यादा से ज्यादा सादा पानी गर्म या लेमन सोडा पीना चाहिए
- आपको ज्यादा गर्म पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे गरम चाय, गरम दूध, कॉफी आदि
- आपको एक लहसुन की कली पीस कर दो चम्मच गर्म पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीनी चाहिए
- बार-बार प्यास लगने पर गर्म पानी में एक चम्मच शहद डालकर पीना चाहिए
क्या नहीं खाना चाहिए
- आपको ज्यादा ठंडे पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे ठंडा पानी, बर्फ, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि
- आपको ज्यादा शराब, बीड़ी, तंबाकू और सिगरेट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको बे मौसमी व बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको ज्यादा मिर्च मसालेदार व कड़क भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
क्या-क्या करना चाहिए
- रोगी को गर्म वस्त्र पहनने चाहिए व पांव गर्म रखना चाहिए
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए और उससे खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए
- रोगी की पीठ पर सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिए व गर्म कपड़े से सेंकना चाहिए
- रोगी को गर्म कमरे में रखना चाहिए जहां से हवा आती-जाती रहे
- रोगी को अधिक दर्द होने पर सफेद तेल की मालिश करनी चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए
- रोगी को बंद कमरे में नहीं रखना चाहिए
- रोगी घूमने-फिरने और शारीरिक परिश्रम करने से बचना चाहिए
- बच्चों और कमजोर बुजुर्गों के पास ज्यादा लोगों को बैठने को आने जाने नहीं देना
- रोगी को ठंडे पानी में स्नान नहीं करना चाहिए
- रोगी को बारिश के मौसम व ज्यादा ठंड में बाहर नहीं जाना चाहिए
- रोगी को ज्यादा भारी व जोर लगाने का काम नहीं करना चाहिए
निमोनिया की आयुर्वेदिक दवा
अगर फिर भी किसी बच्चे बूढ़े या जवान को निमोनिया की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए या आप कुछ आयुर्वेदिक व घरेलू चीजों का भी इस्तेमाल करके निमोनिया से छुटकारा पा सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है इन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें
- अलासिन डिकोफ्सिन टेबलेट 1-2 गोली दिन में 3-4 वार या आवश्यकतानुसार दें। तीव्रावस्था में 2-2 गोली दिन में 3 बार दें।
- वासू स्टेप कैपसूल वयस्क को 1-2 कैपसूल दिन में 2-3 बार। बालक को 1 कैपसूल दिन में 2 बार अथवा इसका सीरप 1-1 चम्मच सुबह-शाम दिन में 2 बार दें।
- चरकचरक करिल टेबलेट बड़ों को 2-3 गोली दिन में 3 बार दें। बच्चों को 1-1 गोली दिन में 3 बार सेवन करायें।
निमोनिया का घरेलु उपचार
एक चम्मच भर अजवायन लेकर 250 मिली० पानी में उबालें और (चौथाई) पानी रहने पर रात को सोते समय गरम-गरम पीकर कपड़ा ओढ़कर सो जायें। यह दिन में 2 बार , 5-7 दिन करने से छाती का दर्द दूर हो जाता है। यह काढ़ा 2 चम्च दिन में 2 बार निरन्तर कुछ दिन सेवन करने से पसली चलना तथा साथ ही यकृत, तिल्ली, हिचकी, वमन, मिचली, खट्टी डकारें आना, पेट की गुड़गुड़ाहट, मूत्रल विकार और पथरी रोग दूर होता है तथा मौसम परिवर्तन के समय होने वाले जुकाम भी दूर होता है।
वृहद कस्तूरी भैरव रस 3 रत्ती में शुद्ध यानि फुलाई हुई फिटकरी 6 रत्ती लेकर खरल करके 3 मात्रा में बनाकर दिन में 3 बार (सुबह, दोपहर, शाम) को 4-4 घटे पर शहद+अदरक का स्वरस अथवा पान के स्वरस के साथ सेवन करना हितकर है।
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