पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय
दुनिया के हर देश में ऐसी महान शख्सियत जरूर जन्म लेती है जो कि अपने देश के लिए हमेशा अच्छे कार्य करते है और भी अपने देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं हमारे देश में भी ऐसे बहुत महान नेता व समाजसेवी पैदा हुए हैं जिन्होंने भारत के निर्माण में अपना सब कुछ लगा दिया और उन्होंने भारत को ऊपर उठाने के लिए बहुत कठोर मेहनत की और इसी कठोर मेहनत के कारण आज भी दुनिया उनको याद रखती है.
इसीलिए हर साल इन महान व्यक्तियों के जन्मदिवस को पूरा देश एक साथ मिलकर मनाता है भारत में भी हर साल ऐसे महान आदमियों के जन्म दिवस को मनाया जाता है जिन्होंने भारत को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद की ऐसे ही एक महान इंसान पंडित जवाहरलाल नेहरू भी थे जो कि भारत के पहले प्रधानमंत्री थे. पंडित जवाहरलाल नेहरू के काम करने का तरीका एक बहुत ही सरल तरीका था.
वह किसी दूसरे इंसान को ठेस नहीं पहुंचाते थे और वे हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलते थे क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे आप मेंसे बहुत सारे लोग पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में जानते होंगे क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे.
इसलिए उनसे जुड़े हुए बहुत सारे क्वेश्चन आपकी परीक्षा में भी आते रहते हैं लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनको पंडित जवाहरलाल नेहरू के पूरे जीवन परिचय के बारे में जानकारी नहीं है तो इसमें हम आपको पंडित जवाहरलाल नेहरू के पूरे जीवन परिचय, उनके कार्यों और उनके भारत के निर्माण में दिए गए योगदान के बारे में विस्तार से बताने वाले है.
पंडित जवाहरलाल नेहरू
अंग्रेजों ने भारत के ऊपर लगभग 200 साल तक किया लेकिन भारतीय युवाओं, भारतीय सैनिकों और भारत के हर एक नौजवान की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली और भारत एक आजाद देश बना लेकिन जब भारत आजाद हुआ तब उस समय सबसे बड़ा सवाल था कि भारत का प्रथम प्रधानमंत्री कौन बनेगा.
क्योंकि देश को चलाने के लिए एक ऐसे इंसान की जरूरत पड़ती है जो कि एक समझदार इंसान हो और वह अपने देश के लोगों का चहिता भी होना चाहिए इसीलिए जब भारत आजाद हुआ तब आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को बनाया गया क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू एक ऐसे शांत स्वभाव के इंसान थे जो कि बड़े बूढ़े और बच्चों से लेकर हर इंसान से प्यार करते थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के साथ एक अलग ही लगाव रहता था.क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करते थे और वह हर समय कुछ ना कुछ बच्चों को देते रहते थे इसीलिए छोटे बच्चे को प्यार से चाचा नेहरू की कहकर पुकारते थे पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है आजकल के युवाओं के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू सीख का पत्र है.
उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर भारत को आजाद करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वह हमेशा महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलते थे क्योंकि वे महात्मा गांधी को अपना गुरु मानते थे इसीलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के चहिते थे पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनने के पीछे भी कुछ हद तक महात्मा गांधी का ही प्रभाव रहा जवाहरलाल नेहरू को गुलाब का फूल भी बहुत पसंद था इसीलिए हर समय अपने शेरवानी के ऊपर गुलाब का फूल लगाकर रखते थे.
जीवन परिचय
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इस्लामाबाद में हुआ था पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था और उनकी माता का नाम स्वरूपरानी नेहरू था पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता एक बहुत ही जाने माने वरिष्ठ एवं समाजसेवी थे पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने परिवार के एक मात्र बेटे थे इसके अलावा उनके परिवार में उनकी तीन बहने थी.
पंडित जवाहरलाल नेहरू एक सारस्वत ब्राह्मण परिवार के पुत्र थे उन्होंने अपने जीवन की शुरुआती शिक्षा अपने घर पर ही निजी अध्यापकों से प्राप्त की थी और जब पंडित जवाहरलाल नेहरू 15 वर्ष के थे तब वे आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए जहां पर उन्होंने जाने-माने प्रसिद्ध विश्वविद्यालय कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लिया.
वहां पर उन्होंने विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की.उसके बाद में वे 1912 में भारत लौट आए और भारत लौटने के तुरंत बाद उन्होंने राजनीति जीवन की शुरुआत की क्योंकि जब पढ़ाई करके भारत आए तब ब्रिटिश सरकार की हुकूमत थी और वे भारतीय लोगों के ऊपर बहुत अत्याचार कर रहे थे इसलिए उन्होंने बड़े बड़े राजनीतिक व समाजसेवियों के साथ मिलकर भारत को स्वतंत्र कराने की थान ली.
उन्होंने आयरलैंड से आए हुए सिनफेन आंदोलन अपनी दिलचस्पी दिखाई और बाद में भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए इसके अलावा भी पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर कई दूसरी यात्रा, सम्मेलन व सभाओं में भी भाग लिया.पंडित जवाहरलाल नेहरू 1916 नहीं कमला नमक लड़की से शादी की जिनकी एक बेटी थी.
उसका नाम इंदिरा गांधी का और इंदिरा गांधी भी अपने पिता को ही अपना गुरु मानती थी और उन्होन अपने पिता से ही बहुत सारे राजनीतिक गुण भी सिखे वे हमेश अपने पिता के साथ रहती थी और आगे चलकर इंदिरा गांधी भी भारत की प्रधानमंत्री बनी और उन्होनें भी भारत की तरक्की में अपना महानवपूर्ण योगदान दिया वह भी हमेश अपने पिता के बताए कदम पर चलती थी
राजनीतिक जीवन
पंडित जवाहरलाल नेहरू पहली बार 1916 में महात्मा गांधी से मिले जिनसे उनको बहुत सारी सीख मिली और वे महात्मा गांधी के साथ जुड़ गए वह महात्मा गांधी को अपना गुरु मानते थे और वह हर समय महात्मा गांधी के साथ ही रहते थे उनके जीवन के ऊपर महात्मा गांधी की बहुत सारी बातों का प्रभाव पड़ा 1920 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से किसान मार्च का आंदोलन किया.
उसके बाद में 1920 से 1922 तक असहयोग आंदोलन के चलते उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा इसके बाद में वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के साथ जुड़ गए बाद में उन्होंने 1926 में बेल्जियम, इंग्लैंड, रूस, जर्मनी जैसे देशों का भी दौरा करने का मौका मिला जहां से पंडित जवाहरलाल नेहरू को बहुत कुछ प्रेरणा मिली.
इसके अलावा भी पंडित जवाहरलाल नेहरू को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण व दूसरे कई आंदोलनों में शामिल होने के कारण कई बार जेल जाना पड़ा और 1935 में उन्होंने जेल में ही अपनी आत्मकथा का लेखन कार्य पूरा किया इसके अलावा भी पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए और धीरे-धीरे उनका राजनीतिक जीवन आगे बढ़ता गया
पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती
पंडित जवाहरलाल नेहरू के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए हर साल भारत में उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे और बच्चे भी उनको चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे इसीलिए जब एक बार उनसे पूछा गया कि हम आपका जन्म दिवस मनाना चाहते हैं तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि मेरा जन्म दिवस बाल दिवस के रुप में मनाया जाना चाहिए.
तब से हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जब भारत आजाद हुआ तब पंडित जवाहरलाल नेहरू को पहला प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत को तेजी से आगे बढ़ाने में कई अच्छे फैसले की है और उन्होंने भारत को कई क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ाया और उनके इसी महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उनको 1955 में भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से भी नवाजा गया.
पंडित जवाहरलाल नेहरू हमेशा अपने पड़ोसी देश चीन में पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए प्रयास करते रहे लेकिन चीन और पाकिस्तान की खराब नियत कभी उनके सपनों को साकार नहीं होने दिया और इसके बाद 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से पंडित जवाहरलाल नेहरू का देहांत हो गया और के साथ भारत ने अपना पहला प्रधानमंत्री को दिया.
लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू भरी इस दुनिया को छोड़ कर चले गए होंगे आज भी भारत के लोगों के दिलों में बसते हैं और भारतीय लोग भी उनका सम्मान करते है इसीलिए आपको भारत में हर जगह पर उनके नाम से सड़क स्कूल यूनिवर्सिटी कॉलेज हॉस्पिटल जैसी चीजें देखने को मिलेगी
F&Q
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ
Ans. 14 नवंबर 1889 को
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कहां हुआ
Ans. इस्लामाबाद जो कि हाल में पाकिस्तान में है
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरु की माता और पिता का क्या नाम था
Ans. पिता का नाम मोतीलाल नेहरू के माता का नाम स्वरूपरानी था
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के कौन से प्रधानमंत्री हैं
Ans. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु कब हुई
Ans. 27 मई 1964 को दिल्ली में
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन परिचय के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी ही और जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.