पेशाब में रुकावट आने के कारण, लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार
वैसे तो जब भी हमारे शरीर में कोई बीमारी उत्पन्न होती है तब उसके कुछ लक्षण दिखाई देंते है और हम इस बीमारी के बारे में समझ जाते हैं लेकिन कुछ रोग ऐसे होते है जो अचानक उत्पन्न होते है.
ये हमारे शरीर को बहुत ज्यादा परेशानी देते है इसी तरह से कई बार हमारे मूत्र में रुकावट आ जाती है जिससे हमारे शरीर में कई बीमारियां उत्पन्न होने का भी डर रहता है और इससे रोगी को बहुत परेशानी होती है तो आज के इस ब्लॉग में हम के साथ बंद होने के कारण उपचार तो आज किस ब्लॉग में है पेशाब बंद होने के लक्षण कारण और उपचार के बारे में बात करेंगे.
पेशाब में रुकावट आना
Urinary obstruction in Hindi – आपने किसी इंसान के मन को रुकने के बारे में सुना होगा जिसको साधारण भाषा में कब्ज़ कहा जाता है लेकिन पेशाब में रुकावट भी एक ऐसी ही समस्या है इस समस्या में रोगी का मूत्र बाहर नहीं निकलता और इससे रोगी को कई परेशानियां होती है
और ऐसा तब होता है जब रोगी की मूत्र नली में किसी भी वजह से रुकावट उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण रोगी का मूत्र बाहर नहीं निकल पाता है इसी समस्या को पेशाब में रुकावट आना कहा जाता है
जब किसी रोगी के मूत्र में रुकावट आ जाती है तब इससे रोगी के पेट का निचला हिस्सा बिल्कुल फुल जाता है और पेट में दर्द भी महसूस होने लगता है अगर यह समस्या किसी रोगी में ज्यादा लंबे समय तक रह जाती है तब इससे रोगी के शरीर में कई अन्य रोग भी उत्पन्न होने लगती है
क्योंकि आप सभी को पता होगा कि हमारे शरीर में मूत्र के द्वारा गंदे पदार्थ बाहर निकलते रहते हैं और जब हमारा मूत्र रुक जाता है तब इससे हमारे शरीर के दूषित पदार्थ बाहर नहीं निकलेंगे और इससे हमारे शरीर में अलग-अलग प्रकार की बीमारियां व संक्रमण फैलने का डर बना रहता है
पेशाब में रुकावट आने के कारण
Cause to urinary obstruction in Hindi – अब आपके लिए यह जानना बहुत ही जरूरी है कि आखिरकार हमारे पेशाब में रुकावट क्यों आती है और इसके कौन-कौन से कारण होते हैं जब किसी इंसान के पेशाब में रुकावट आती है
तब इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे रोगी को मेरुदंड रोग होना, रोगी के मूत्र नली में पथरी होना, रोगी के मूत्र मार्ग में संक्रमण या सूजन होना, रोगी के मूत्राशय में ट्यूमर होना, रोगी के मूत्र मार्ग में संकुचन होना,
स्त्रियों में गर्भाशय के कारण पेशाब रुकने की समस्या ज्यादा उत्पन्न होती है ज्यादा शराब, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि का इस्तेमाल करना, ज्यादा तले हुए भोजन का सेवन करना, ज्यादा एलोपैथिक दवाओं और औषधियों का इस्तेमाल करना,
रोगी की मूत्र थैली में अन्य दिक्कत उत्पन्न होना, रोगी को सर्जरी आदि करवाना,भोजन में शर्करा व नमक की अधिकता, एण्टी कोलीनैर्जिक ड्रग्स आदि इस समस्या के बहुत सारे कारण हो सकते हैं
पेशाब में रुकावट के लक्षण
Symptoms of urinary obstruction in Hindi – जब किसी इंसान के पेशाब में रुकावट आती है तब इस समस्या के रोगी के शरीर में कई लक्षण भी देखने को मिलते हैं
जैसे रोगी को बेचैनी वह घुटन महसूस होना, रोगी को असहनीय दर्द होना, रोगी को बार बार पेशाब करने की इच्छा होना, लेकिन पेशाब न निकलना, रोगी के नाभि के निचले भाग में जलन होना, रोगी का मूत्र बिल्कुल कम मात्रा में बूंद-बूंद बनकर निकलना, रोगी के मूत्र में मवाद या खून आना,
रोगी को हल्का सर दर्द वह बदन दर्द होना, रोगी का पेशाब न उतरने पर उठने बैठने में दिक्कत होना, रोगी के नाभि का निचला भाग फूलना, रोगी को एक जगह पर बैठने या लेटने का मन न करना, रोगी का जी मचलना, रोगी का स्वभाव गुस्सैल व चिड़चिड़ा होना इसके अलावा रोगी के मूत्र मार्ग से जुड़ी हुई कई और अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है
क्या क्या करें
- रोगी को हर रोज सुबह सुबह खुली हवा में घूमना चाहिए
- रोगी को हर रोज व्यायाम व प्राणायाम आदि करने चाहिए
- रोगी को हल्का और सुपाच्य भोजन खाना चाहिए
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा पानी वाले फल जैसे अनार पपीता अंगूर संतरा आदि खाना चाहिए
- रोगी को हर रोज सुबह सुबह खाली पेट पानी पीना चाहिए
क्या न करें
- रोगी को अपने मल मूत्र के वेगों को नहीं रोकना चाहिए
- रोगी को कठोर भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा कठोर चीजें जैसे कुरकुरे चिप्स बिस्किट भुजिया का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को को लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
- रोगी को ज्यादा शराब तंबाकू बीड़ी सिगरेट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को हर रोज सुबह सुबह मल को त्याग देना चाहिए
- रोगी को अपने शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए
उपचार
- रोगी को हर रोज एक चम्मच एरंड के तेल को पिलाना चाहिए
- रोगी को हर रोज 2 ग्राम खांड में एक 1 ग्राम राई और कलमीशोरा को पीसकर मिलाएं और हर रोज 2/2 घंटे बाद रोगी को देनी चाहिए
- रोगी को हर रोज 3 से 4 ग्राम सजी खार की पीसी हुई चूर्ण को लस्सी में मिलाकर पिलाना चाहिए
- रोगी को हर रोज आधा चम्मच पिसी हुई अजवाइन को शहद में मिलाकर देनी चाहिए
- रोगी को छोटी इलायची काली मिर्च और पीपल को पीसकर चूरन बनाएं और फिर उस चूर्ण में आधा चम्मच शहद डालकर रोगी को देनी चाहिए इसमें रोगी को तुरंत राहत मिलती है
- रोगी को ज्यादा समस्या बढ़ने पर अपने लिंग के छेद में कपूर डालना चाहिए
- रोगी को आधा ग्राम कांच को पीसकर पानी के साथ लेने से पेशाब तुरंत निकलने लगता है
- रोगी को हर रोज दो गिलास लस्सी के साथ 5 ग्राम जखोल मिलाकर पीना चाहिए इससे रोगी को तुरंत राहत मिलने लगती है
- रोगी के नाभि पर गोपीचंद को पीसकर लेप लगाने से यह रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है
अगर फिर भी किसी इंसान को बार-बार पेशाब में रुकावट आने की समस्या उत्पन्न हो रही है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपने टेस्ट आदि करवा कर दवाइयां लेनी चाहिए क्योंकि कई बार यह समस्या आपके शरीर में दूसरी बीमारियों के उत्पन्न होने पर भी हो सकती है इसलिए इस बीमारी में देरी करना आपके लिए महंगा पड़ सकता है
पेशाब न आने पर घरेलू उपचार पेशाब रुक रुक के आने की दवा बार-बार पेशाब आना और जलन होना घरेलू उपाय पेशाब रुक रुक के करने के फायदे पेशाब रुक रुक कर आना बार-बार आना पेशाब की नली में इन्फेक्शन के लक्षण पेशाब खुलकर आने की दवा पतंजलि पेशाब रुक रुक कर आना और दर्द होना