- हीमोफीलिया के कारण लक्षण बचाव व उपचार what is the treatment for hemophilia,hemophilia a and b treatments,treatment options for hemophilia a
दुनिया में ऐसी बहुत सारी खतरनाक जानलेवा बीमारियां फैली हुई हैं. जिनके बारे में आप सभी अच्छे से जानते होंगे जिसमें कैंसर हार्टअटैक आदि बीमारियां शामिल हैं. लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं. जो कि खतरनाक भी हैं. और इनके बारे में आप इतना नहीं जानती क्योंकि इन बीमारियों के बहुत ही कम मामले सामने आते हैं
तो इस ब्लॉग में हम आपको ऐसी ही एक बीमारी के बारे में बताने वाले हैं. इस ब्लॉग में हम आपको हिमोफीलिया बीमारी के बारे में बताएंगे जो कि एक बहुत ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी हैं. इस ब्लॉग में हम आपको इस बीमारी के कारण लक्षण बचाव व उपचार के बारे में विस्तार से बताने वाले है
हिमोफीलिया क्या होता हैं What is Hemophilia in Hindi
यह एक ऐसी खतरनाक बीमारी हैं. जिसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होता हैं. जब किसी इंसान को यह बीमारी होती हैं. तब उस इंसान के शरीर पर चोट लगने या किसी भी कारण से घाव होने पर उसके घाव से खून नहीं रुकता
और लगातार लंबे समय तक खून निकलता रहता हैं. और अगर ज्यादा देर तक खून निकलने से रोगी के शरीर में खून की कमी हो जाती है
और इससे रोगी की मौत भी हो सकती हैं. क्योंकि इस बीमारी के उत्पन्न होने पर रोगी के शरीर में रक्त कोशिकाएं क्लोट नहीं बनाती हैं. जिसकी वजह से चोट या घाव वाली जगह पर खून नहीं रुकता और इस स्थित को हीमोफीलिया कहा जाता है
वैसे तो यह बीमारी बहुत ही कम लोगों में देखी जाती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में हीमोफीलिया ए बीमारी के लगभग 10 हज़ार व्यक्तियों में एक मामला सामने आता है
जबकि हीमोफीलिया बी बीमारी के लगभग 40 हज़ार से भी ज्यादा लोगों में से एक मामला सामने आता हैं. इस बीमारी को ब्रिटिश रॉयल डिजीज के नाम से भी जाना जाता हैं. दुनिया भर में 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया बनाया जाता है
हीमोफीलिया बीमारी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं. जिसको हीमोफीलिया A और हीमोफीलिया B के नाम से जाना जाता हैं. इन दोनों ही स्थिति में रोगी के शरीर में अलग-अलग कमियां पाई जाती हैं. जिस इंसान के शरीर में हीमोफीलिया A की कमी होगी
उस इंसान के शरीर में सेक्टर 8 और हिमोफीलिया B बीमारी होने पर सेक्टर 9 की कमी पाई जाती हैं. इन दोनों ही समस्याओं में रोगी के शरीर से खून बहना बंद नहीं होता
हिमोफीलिया होने के कारण Hemophilia Cuases in hindi
अगर हीमोफीलिया बीमारी के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस बीमारी का अभी तक सटीक कारण पता नहीं लग पाया हैं. क्योंकि यह बीमारी जन्मजात ही होती हैं. जिसमें रोगी के शरीर पर चोट लगने के बाद खून निकलना बंद नहीं होता
आसान भाषा में समझा जाए तो इस बीमारी के होने पर रोगी की चोट वाली जगह पर खून का थक्का नहीं बनता जिसके कारण होगी का लगातार खून बहता रहता हैं. क्योंकि हमारे शरीर पर चोट लगने पर हमारे शरीर में सूक्ष्म रक्त कोशिकाएं एक दम से इकट्ठी हो जाती है
और वह कुछ समय बाद ही एक ऐसा क्लोट बना देती हैं. जिससे हमारे घाव से खून निकलना बंद हो जाता हैं. और अगर किसी इंसान को यह बीमारी हैं. तो उसके शरीर में रक्त कोशिकाएं क्लोट नहीं बना पाती और यही इस बीमारी का मुख्य कारण होता हैं. इस बीमारी वाले इंसान को बचकर रहने की जरूरत होती हैं. क्योंकि यह बीमारी किसी भी समय उस इंसान के लिए जानलेवा साबित हो सकती है
हिमोफीलिया होने के लक्षण Symptoms of Hemophilia in hindi
अगर हीमोफीलिया बीमारी के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस बीमारी में रोगी के शरीर में कई लक्षण भी दिखाई देते हैं. जैसे किसी भी प्रकार की चोट लगने पर रोगी के शरीर से खून का लगातार बहते रहना रोगी की शरीर की त्वचा नीली पड़ जाना, रोगी के नाक से बार बार खून बहना, रोगी के शरीर में आंतरिक रक्तस्त्राव होना
जिसकी वजह से रोगी के शरीर में सूजन की समस्या हो सकती है,रोगी के शरीर पर चोट के बड़े-बड़े निशान बन जाना, रोगी के शरीर की मांसपेशियां फटना, रोगी की कोहनी हाथ पैरों के जोड़ों आदि से रक्तस्त्राव होना
रोगी के दिमाग में रक्तस्त्राव होना जिसकी वजह से रोगी के दिमाग की नस फटना व दिमाग में सूजन आना जैसी समस्याएं होती हैं. रोगी के चोट के घाव को भरने में काफी समय लगना, रोगी को किसी भी प्रकार की हल्की से हल्की चोट लगने पर भी खून निकलने लगना आदि समस्या के मुख्य लक्षण होते हैं
इसके अलावा इस समस्या का सबसे बड़ा मुख्य लक्षण यही होता हैं. कि इस बीमारी में रोगी के चोट के घाव से लगातार खून बहता रहता है
हिमोफीलिया से बचाव Prevention of Hemophilia in hindi
अगर किसी भी इंसान को हीमोफीलिया नामक बीमारी हैं. तब उस इंसान को बहुत ज्यादा सावधानी रखनी होती हैं. और उसको बहुत सारी चीजों से बचकर रहने की जरूरत होती हैं. क्योंकि यह बीमारी एक बहुत ही खतरनाक बीमारी हैं. इससे रोगी की कुछ ही समय में मौत भी हो सकती है
- रोगी को किसी भी प्रकार की ऊंची नीची जगह और चोट आदि लगने वाली जगह से बच कर रहना चाहिए
- रोगी को कभी भी बाइक स्कूटर साइकिल आदि नहीं चलानी चाहिए
- रोगी को किसी भी प्रकार के कठोर कार्य को नहीं करना चाहिए
- रोगी को बलेड व चाकू आदि से नाखून आदि नहीं काटने चाहिए
- रोगी को चोट लगते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
- अगर आपके शरीर में चोट लगने पर घाव को भरने में देरी हो रही हैं. तब आपको एक बार डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाना चाहिए
हिमोफीलिया के उपचार Hemophilia Treatment in hindi
अगर इस बीमारी के उपचार के बारे में बात की जाए तो पहले तो इस बीमारी का उपचार संभव नहीं था लेकिन हाल ही में इस बीमारी के उपचार को संभव बनाया गया हैं. जिसमें डॉक्टर रोगी के शरीर में क्लॉट बनाने वाले ऊतकों को नली के द्वारा शरीर में इंजेक्ट करते हैं. जिनके बाद रोगी को इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है.
और अगर किसी इंसान को यह बीमारी इतनी ज्यादा तीव्र नहीं हैं. तब उस इंसान को दवाइयों के जरिए भी ठीक किया जा सकता हैं. इसके लिए डॉक्टर आपके शरीर की कई अलग-अलग टेस्ट आदि करके बीमारी की तीव्रता को मापते हैं. उसी के आधार पर आपको उपचार दिया जाता है.
अगर किसी इंसान के शरीर में यह बीमारी हैं. और वह इस को हल्के में ले रहा हैं. तब यह उसके लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं. इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और इस बीमारी को हल्के में बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए.
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