सोयाबीन के फायदे और नुकसान
सोयाबीन की खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है और इसे मसल्स बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है जिसका सबसे बड़ा करना है इसमें मौजूद हाई वैल्यू प्रोटीन जिसकी वजह से इसका प्रयोग किया जाता है और इसके बेस पर सोया प्रोटीन बनाया जाता है
और जिनको दूध या दूध से बने प्रोडक्ट से दिक्कत है और वो मसल्स बिल्ड करना चाहता है तो वो सोयाबीन या इससे बने प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकते है.
हर एक चीज खाने में लिमिट के हिसाब से होनी चाहिए अगर आप कोई चीज अधिक मात्रा में लेते है तो उसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है वो शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है कई रिसर्च के बाद पता लगा है
की इससे आदमियों में सेक्स पॉवर कम होने का खतरा रहता है और सोयाबीन में एस्ट्रोजन के गुण पाए जाते है जो की मुख्य कारण है इससे ज्यादा मात्रा में ने लेने का.
क्या होता है एस्ट्रोजन
एस्ट्रोजन एक स्त्री हॉर्मोन है जो की यौन विकास और प्रजनन क्रिया को प्रभावित करता है. यह हॉर्मोन अंडाशय में बनता है जो की जो की एक लड़की के अन्दर होता है.
क्या होता जब एस्ट्रोजन की मात्रा ज्यादा हो जाती है पुरषों में
जैसा की हमने आपको बताया की एस्ट्रोजन एक स्त्री हॉर्मोन है लेकिन यह पुरुष के अन्दर भी उत्पादित होता है लेकिन कम मात्रा में जिसका वजह से यह पुरुषो में कामेच्छा और रक्त में कोलेस्ट्रॉल की दर का समर्थन करता है. मसल्स को अच्छा बनाता है और और स्पाइन कार्ड को समायोजित करता है.
लेकिन अगर पुरषों में अगर इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो testosterone की मात्रा में गिरावट आ जाती है जिसकी वजह से शरीर में वजन और फैट की मात्रा बढ़ जाती कामेच्छा, अवसाद, स्तन वृद्धि, शक्ति विकारों में कमी हो जाती है।
सोयाबीन के नुक्सान:-
सायबान की ज्यादा मात्रा से सेक्स प्रॉब्लम हो जाती है और उनके हार्मोन, लिबिडो पावर, स्पर्म और प्रजनन पॉवर का स्तर प्रभावित हो सकता है।
सोयाबीन के लाभ
सोयाबीन के कुछ फायदे भी है जिन्हें नजर अंदाज नही किया जा सकता है यह पुरषों में हृदय रोग और प्रोस्टेट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की रोकथाम करता है.
वैसे इसके सेवन की कोई मात्रा निश्चित नही की गयी है लेकिन इसको दिन में दो बार इसका सेवन सुरक्षित माना गया है.
इसका सेवन कौन ना करे
जो लोग फैमली प्लानिंग कर रहे उनको इसके सेवन से बचना चाहिए क्योकि यह स्पर्म की संख्या को कम देता है और इसके साथ साथ सेक्स करने की इच्छा भी कम हो जाती है.