कैल्शियम की कमी से बचें
कैल्शियम हमारे बॉडी के लिए एक महत्वपूर्ण मिनरल है. हमारी बॉडी कैल्शियम को हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए इस्तेमाल करती है. कैल्शियम हमारे हार्ट और दूसरी muscle के सही ढंग से काम करते रहने के लिए बहुत जरुरी है. जब हम सही मात्रा में कैल्शियम नही लेते है
तो osteoporosis, osteopenia और hypocalcemia जैसी दिक्कत हो जाती है. अगर बचपन में सही मात्रा में कैल्शियम न दिया जाए तो बच्चो की हाइट ग्रोथ भी रुक सकती है. (what is calcium deficiency in hindi?)
कैल्शियम की पूर्ति करने के लिए आपको सही मात्रा में कैल्शियम लेना बहुत जरुरी है इसके लिए आप कैल्शियम फ़ूड, सप्लीमेंट और विटामिन सप्लीमेंट इस्तेमाल कर सकते है.
Hypocalcemia के कारण (Reason Of Calcium Deficiency in hindi)
जैसे जैसे उम्र बढती है कैल्शियम की प्रॉब्लम हर किसी की होती है. इसके कई कारण है जिसकी वजह से Hypocalcemia हो जाता है.
- बचपन से कम कैल्शियम लेने की वजह से यह हो सकता है.
- दवाइयों की वजह से कैल्शियम को सोखने की क्षमता कम कर देता है.
- कम कैल्शियम वाले फ़ूड लेना
- हॉर्मोन बदलने की वजह से, ज्यादातर महिलाओ में
- कुछ जेनेटिक फैक्टर की वजह से
यह बहुत जरुरी है की आप हर उम्र में सही कैल्शियम की मात्रा ले.
बच्चो और किशोरों के लिए दिन में सही मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए जिससे उनको Hypocalcemia जैसी प्रॉब्लम ना हो. इसके लिए NIH ने एक टेबल बनाई है जिसमे उम्र के हिसाब से हर रोज कितनी मात्रा में कैल्शियम लेनी चाहिए बताया गया है.
उम्र | रोज कैल्शियम की मात्रा |
9–18 years | 1,300 mg |
4–8 years | 1,000 mg |
1–3 years | 700 mg |
7–12 months | 260 mg |
0–6 months | 200 mg |
और बड़े उम्र के लोगो के लिए कैल्शियम की मात्रा
उम्र | रोज कैल्शियम की मात्रा |
औरत , 71 years और इससे ऊपर | 1,200 mg |
औरत , 51–70 years | 1,200 mg |
औरत , 31–50 years | 1,000 mg |
औरत , 19–30 years | 1,000 mg |
आदमी , 71 yearsऔर इससे ऊपर | 1,200 mg |
आदमी , 51–70 years | 1,000 mg |
आदमी , 31–50 years | 1,000 mg |
आदमी , 19–30 years | 1,000 mg |
चाहे पुरुष हो या स्त्री उम्र बढ़ने के साथ में आपको कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ानी पड़ती है. कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि एक महिला रजोनिवृत्ति तक पहुंचती है.
औरत रजोनिवृत्ति में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा दें चाहिए क्योकि इससे osteoporosis और Hypocalcemia जैसे रोग होने की सम्भावना कम हो जाती है. जब रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन हॉर्मोन कम होता है तो औरतो की हड्डियाँ जल्दी कमजोर और पतली होने लगती है.
हॉर्मोन डिसऑर्डर hypoparathyroidism की वजह से कैल्शियम की कमी भी आ सकती है. जब हमारी बॉडी सही ढंग से पैराथाइरॉइड हॉर्मोन नही बनांये तो हमारे खून में कैल्शियम का लेवल कण्ट्रोल में नही रहता है.
इसके अलावा खराब पोषण और कम अवशोषण की वजह से भी hypocalcemia हो सकता है. कम अवशोषण में हमारी बॉडी सही ढंग से विटामिन और मिनरल को absorb नही कर पाती है जिसकी वजह से यह दिक्कत हो सकती है. और इसके और भी कई कारण है जैसे:-
- विटामिन D की कमी की वजह से कैल्शियम absorb करने में दिक्कत होती है.
- दवाइयां जैसे की phenytoin, phenobarbital, rifampin, corticosteroids, और drugs से ऊँचे कैल्शियम लेवल के इलाज़ के लिए ली जाती है. अगर एक नार्मल इंसान इसका सेवन करता है तो यह कैल्शियम की कमी का कारण बन सकती है.
- pancreatitis
- hypermagnesemia और hypomagnesemia
- hyperphosphatemia
- septic shock
- massive blood transfusions (MBT)
- Kidney failure
कैल्शियम की कमी एक दिन में नही होती है जब आप रेगुलर अपनी डाइट में पूरी कैल्शियम वैल्यू ना ले तो इससे आपको कैल्शियम की कमी हो सकती है. आपको ध्यान रखना है की आप रोज कैल्शियम की सही मात्रा ले ताकि यह बॉडी में जल्दी से जल्दी absorb हो सके. पूर्ण शाकाहारी लोगो को कैल्शियम की कमी ज्यादातर होती है क्योकि वह कैल्शियम से भरपूर फ़ूड इस्तेमाल नही करते है.
कैल्शियम कमी ना तो जल्दी होती है और ना ही इसके लक्षण का पता लगता है क्योकि बॉडी हड्डियों से भी कैल्शियम लेकर हमारे बॉडी की जरूरत पूरी करती है. लम्बे टाइम तक कैल्शियम की कमी की वजह से इसके घातक प्रभाव हो सकते है.
Hypocalcemia का लक्षण (Calcium Deficiency Symptoms in hindi)
कैल्शियम की कमी के शुरुवाती लक्षणों को पहचानना मुश्किल है. जैसे जैसे कैल्शियम की कमी बढती जाती है तो इसके कुछ लक्षण देखने को मिलते है जैसे:-
- मांसपेशियों की ऐंठन
- भ्रम और याददास्त खोना
- हाथ, पैर और चेहरे में सुन्नता और झुनझुनी
- तनाव
- भ्रम होना कमजोर और भंगुर नाखून
- छोटी छोटी चोट से हड्डी टूटना
कैल्शियम की कमी की वजह से पूरी बॉडी को प्रभावित करता है जैसे कमजोर नाख़ून, बालो की कम ग्रोथ होना, पतली चमड़ी इस तरह के लक्षण देखने को मिल सकते है.
कैल्शियम muscle contraction और neurotransmitter को release करने में अहम् भूमिका निभाता है. जब बॉडी में कैल्शियम की कमी हो जाती है तो इसकी वजह से आपको कई तरह के काम करने में दिक्कत हो सकती है.
अगर आपको मेमोरी loss, muscle cramp और हठ पैर में सुन्न जैसी समस्या है तो आप डायरेक्ट डॉक्टर से जा कर मिले.
कैल्शियम की कमी को कैसे पहचाने? (How to know calcium deficiency)
अगर आपको उपर बताये गए लक्षण दिखते तो आप डायरेक्ट डॉक्टर से बात करे. डॉक्टर आपके test और मेडिकल हिस्ट्री से कैल्शियम के कमी के ट्रीटमेंट को शुरू कर सके.
कैल्शियम की कमी को डॉक्टर खून के सैंपल से जांच करते है की खून में कितनी कैल्शियम की मात्रा है. इसका test इंडिया में 300-400 रूपए के लगभग है. इसके लिए 2 test होते है जिसमे calcium level और albumin level का test किया जाता है. Albumin एक प्रोटीन है जो कैल्शियम को खून से बाँध कर रखती है. खून में लगातार कम कैल्शियम वैल्यू की वजह से Hypocalcemia हो सकता है.
एक सामान्य व्यक्ति के बॉडी में सामान्य कैल्शियम लेवल 8.8 से 10.4 मिलीग्राम/डेसीलिटर होती है. अगर आपका कैल्शियम लेवल 8.8mg/DL से कम है तो आपको कैल्शियम की कमी हो सकती है. बच्चो और किशोरों में कैल्शियम लेवल लगभग ज्यादा ही होता है.
Neonatal hypocalcemia क्या है? (What is Neonatal Hypocalcemia in hindi)
Neonatal hypocalcemia जन्म के के बाद नवजात शिशु में देखा जाता है. यह ज्यादातर जन्म के 2 दिन के अन्दर होता है. लेकिन hypocalcemia जन्म के 3 दिन और उसके बाद हो सकता है.
इसकी वजह से maternal diabetes और कम कद रहने की समस्या हो सकती है. Hypocalcemia बच्चो में गाय के दूध और ज्यादा फॉस्फेट वाली चीजो से हो सकता है.
Neonatal Hypocalcemia लक्षण (Neonatal Hypocalcemia symptoms in hindi)
- घबराहट
- उचित पोषण न मिलना
- धीरे धीरे सांस लेना
- दिल की धड़कन तेज होना.
Test के बाद में पता लगता है की बच्चे के खून में कितनी कैल्शियम वैल्यू है और कितनी ionized calcium level है. इसके साथ साथ बच्चे का ग्लूकोस लेवल भी चेक किया जाता है.
इसके ट्रीटमेंट के लिए बच्चे को oral calcium gluconate दिया जाता है.
कैल्शियम की कमी को कैसे ठीक किया जाए? (how to treat calcium deficiency in hindi)
कैल्शियम की कमी को ठीक करना बहुत ही आसान है. इसको ठीक करने के लिए आपको अपनी डाइट में कैल्शियम से भरपूर फ़ूड का इस्तेमाल करना होगा.
अगर आप कैल्शियम सप्लीमेंट इस्तेमाल करना चाहते है तो आपको डॉक्टर से बात करनी होगी क्योकि हाई कैल्शियम dose की वजह से आपको किडनी स्टोन भी हो सकता है.
कैल्शियम की कमी को पूरा करने वाले सप्लीमेंट:-
- calcium carbonate, यह सस्ता सप्लीमेंट है और इसमें अच्छी कैल्शियम की मात्रा होती है.
- calcium citrate,यह आसानी से absorb किया जा सकता है.
- calcium phosphate, यह आसानी से absorb भी हो जाता और कब्ज का कारण भी नही बनता.
कैल्शियम सप्लीमेंट आपको लिक्विड, टेबलेट और chewable तीनो फॉर्म्स में मिल जायेगा.
कुछ दवाइयों के साथ कैल्शियम सप्लीमेंट नेगेटिव इफ़ेक्ट करता है, ये दवाइयां है:-
- blood pressure beta-blockers जैसे atenolol, ये मेडिसिन कैल्शियम को absorb होने से रोकती है तो आपको इस मेडिसिन के 2 घंटे बाद ही कैल्शियम सप्लीमेंट लेना चाहिए.
- antacids में aluminum की मात्रा होती है , इससे हमारे खून में aluminum का लेवल बढ़ जाता है. यह stomach acidity को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है.
- cholesterol-lowering bile acid sequestrants जैसे colestipol, इसकी वजह से भी कैल्शियम absorb कम होता है और कैल्शियम पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है.
- estrogen दवाइयां ,इसकी वजह से शरीर में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा हो सकती है.
- digoxin (high calcium levels की वजह से digoxin toxicity बढ़ सकता है जिसकी वजह से सिरदर्द, उलटी पेटदर्द जैसी समस्या हो सकती है)
- diuretics, इसकी वजह से खून में कैल्शियम लेवल के बढ़ने और घटने दोनों समस्या हो सकती है. इसका उसे fat बर्नर की तरह भी किया जाता है.
कई बार हमारी डाइट और सप्लीमेंट हमारे कैल्शियम की कमी को पूरा नही कर पाते है तो उस टाइम आपको कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर से बात करके रेगुलर कैल्शियम इंजेक्शन लेने होंगे जिससे आपका कैल्शियम लेवल ठीक हो जाए.
कैल्शियम की कमी की लक्षण आपको 1 से 3 महीने के भीतर महसूस होने लगेंगे और इसके ट्रीटमेंट शुरू करने के बाद में आपको 1 हफ्ते बाद फर्क महसूस होने लगेगा.
Hypocalcemia से क्या नुकसान हो सकते है? (What can damage with calcium deficiency in hindi)
Hypocalcemia यानी की कैल्शियम की कमी से आपको आँखों में दिक्कत, हार्टबीट ज्यादा रहना, और osteoporosis जैसी समस्या हो सकती है.
osteoporosis से आपको disability, spinal fractures और दुसरे bone fractures, और चलने फिरने में भी दिक्कत हो सकती है.
कैल्शियम की कमी से कैसे बचे? (How to prevent calcium deficiency in hindi)
अगर आप अपनी डाइट में सही कैल्शियम की मात्रा रखते है तो आप इससे होने वाले रोगों से बच सकते है.
ज्यादा मात्रा में हाई कैल्शियम फ़ूड का उसे ना करे क्योकि इनमे saturated fat और trans fat भी बहुत ज्यादा मात्रा में होते है. कम fat और fat फ्री फ़ूड से आप हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुडी समस्याओं से बच सकते है.
कैल्शियम की पूर्ति करने के लिए आप अणि डाइट में एक सर्विंग दूध की और एक सर्विंग दही की add कर सकते है.
एक नार्मल आदमी को दिन में कितनी मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए यह जानना उतना ही जरुरी है जितना की प्रोटीन की वैल्यू जानना है.
- 2,000 mg एक दिन में पुरुष के लिए और 51 साल से उपर की औरत के लिए
- 2,500 mg एक दिन में आदमी और औरत के लिए जिनकी उम्र 19 से 50 साल के बीच है.
आप इसके लिए अपनी डाइट में मल्टीविटामिन भी add कर सकते है. लेकिन आप कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर से बात जरुर करे.
मल्टीविटामिन में सिर्फ कैल्शियम नही होता इसके साथ साथ आपको और भी विटामिन और मिनरल मिलते है जो आपकी हेल्थ को सपोर्ट करते है.
Vitamin D
Vitamin D से हमारे खून में कैल्शियम absorb होने की क्षमता बढ़ा देता है.
जब आप अपनी डाइट में कैल्शियम intake बढ़ाते है तो आपको विटामिन D से भरपूर फ़ूड अपनी डाइट में add करने होंगे.
- orange juice
- milk
- mushrooms
- eggs
धुप सेकने से भी हमारी बॉडी में विटामिन D की प्रोडक्शन ट्रिगर हो जाती है. इसीलिए रेगुलर थोड़ी देर धुप में जरुर बैठना चाहिए.
जीवन प्रणाली बदले (Change lifestyle)
कैल्शियम और विटामिन D की वैल्यू को मेन्टेन करने के लिए आपको अपने लाइफ में कुछ बदलाव करने होंगे जिससे आपके bone हेल्थ improve हो सके और आप कैल्शियम की कमी से होने वाले रोगों से बच सके. इसके लिए आपको अपना वजन मेन्टेन करना होगा, रेगुलर एक्सरसाइज करनी होगी, तम्बाकू और शराब का सेवन बंद करना होगा. शराब और तम्बाकू से आपके हड्डियों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.
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