सौरमंडल की खोज किसने की
सौरमंडल सूर्ये के बहार का वातावरण होता है जहा हमारे धरती के जैसे बहुत ग्रह और सितारे मोजूद है और सौरमंडल सूर्य और उसकी परिक्रमा करते ग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतुओ से बना है। इसके केन्द्र मे सूर्य है और सबसे बाहरी सीमा पर नेप्च्युन ग्रह है। नेपच्युन के परे प्लुटो जैसे बौने ग्रहो के अलावा धूमकेतु भी आते है
सौरमंडल में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं और सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है कहा जाता है की सौर मंडल निर्माण एक विशाल आणविक बादल इंटरस्टेलर का गुरुत्वीय पतन से 4.6 अरब साल पहले हुआ था
और क्षुद्र ग्रह पथरीले और धातुओ के ऐसे पिंड है जो सूर्य की परिक्रमा करते है लेकिन इतने लघु है कि इन्हे ग्रह नही कहा जा सकता। इन्हे लघु ग्रह या क्षुद्र ग्रह कहते है। ये क्षुद्रग्रह पृथ्वी की कक्षा के अंदर से शनि की कक्षा से बाहर तक है। लेकिन अधिकतर क्षुद्रग्रह मंगल और गुरु के बिच मे एक पट्टे मे है।
कुछ की कक्षा पृथ्वी की कक्षा को काटती है और कुछ ने भूतकाल मे पृथ्वी को टक्कर भी मारी है और जो क्षुद्रग्रह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से पृथ्वी के वातावरण मे आकर पृथ्वी से टकरा जाते है उन्हे उल्का (Meteoroids) कहा जाता है। अधिकतर उल्काये वातावरण मे ही जल जाती है लेकिन कुछ उल्काये पृथ्वी से टकरा भी जाती है।
सौरमंडल में बौने ग्रह और छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह के साथ बड़े ग्रह जैसे बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून, और प्लूटो भी है ये सभी सूर्य की परिक्रमा करते है इन सभी ग्रहों में कोई गर्म तो कोई ठंडा कोई बड़ा तो कोई छोटा सभी अपनी अपनी विशेषताओं से प्रसिद्ध है
और सभी के ऊपर अलग-अलग वातावरण है इसलिए इन सभी को दो कैटेगरीज में बांटा गया है कोई सूरज के पास है तो कोई दूर है सूर्य अथवा सूरज सौर मंडल के केन्द्र में स्थित एक G श्रेणी का तारा है जिसके इर्द-गिर्द पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य ग्रह घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है सूर्य का जन्म 4.6 बिलियन साल पहले हुआ।
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यह ज्यादातर हइड्रोजन और हीलियम गैस से बना हुआ है। यह सब ग्रहों को प्रकास और गर्मी प्रदान करता है। सूर्य की किरणों को सूर्य के केंद्र से निकलने में कई मिलियन साल लग जाते हैं। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है।
और यह चक्कर सूर्य 225-250 मिलियन वर्ष में पूरा करता है। और सभी ग्रह के बाद ऐस्टरौएड बॅल्ट आती है यह हमारे सौर मण्डल का एक क्षेत्र है जिसे क्षुद्रग्रह घेरा भी कहते है क्षुद्रग्रह घेरा ( Asteroid Belt ) कई छोटे चट्टानों से मिल कर बना है जोकि मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच में है। ये सब भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सीरीस ( Ceres ) क्षुद्रग्रह सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह है।
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सौरमंडल की खोज Exploration of the solar system in Hindi –
सन 1543 में सबसे पहले निकोलस कोपरनिकस ने खोजा की सूर्य ब्रह्मांड का केंद्र में है और निकोलस कोपर्निकस mathematically predictive से heliocentric system डेवेलोप करने वाले पहले इन्सान थे
17 वीं शताब्दी में, Galileo Galilei, और Johannes Kepler पता लगया की कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है फिर दूरबीन का आविष्कार होने के बाद ग्रहों और चन्द्रमाओं की खोज होने लगी और 1704 के आसपास, “सौर प्रणाली” शब्द पहली बार अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया
और Galileo Galilei को सौरमंडल की फिजिकल डिटेल्स सबसे पहले पता चला और उनको पता चला की बृहस्पति के चार उपग्रह चारों ओर कक्षा में थे
और Galileo Galilei की खोज से ही क्रिस्टियान ह्यूजेन्स ने सैटर्न के चंद्रमा टाइटन और शनि के चारो और छल्ले की खोज की और बाद में Giovanni Domenico Cassini ने शनि के चार और उपग्रह की खोज की और सन 1781 में binary stars की तलाश में थे जब उन्होंने एक नया धूमकेतू देखा । इसकी कक्षा से पता चला कि यह एक नया ग्रह, यूरेनस था.
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सौरमंडल के ग्रह की खोज
शुक्र ( Venus )
शुक्र सौर मंडल का सबसे गरम ग्रह है और इसको गैलीलियो ने 1610 में देखा था इसका का तापमान 475 डिग्री सेल्सिअस रहता है। यह तापमान दिन और रात दोनों में एक जैसा रहता है। इसका कारण है कि यहाँ के वातावरण में 96 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड है। जोकि ताप को कैद कर लेती है,
जैसा कि धरती पर ग्रीन हाउस का प्रभाव है। शुक्र का आकार और बनावट लगभग पृथ्वी के बराबर है। इसलिए शुक्र को पृथ्वी की बहन कहा जाता है। यह रात के आसमान में सबसे चमकदार ग्रह है और धरती से आसानी से पहचाना जा सकता है। सौर मंडल में यह एकमात्र ग्रह है जो पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है।
सौर मंडल के बारे में रोचक जानकारी
बृहस्पति (Jupiter )
यह सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह हैर इसकी खोज शुक्र ग्रह के बाद हुई कई बार यह ग्रह सबसे ज्यादा चमकता है। जिसका कारण है इसका विशाल आकार। इसका व्यास धरती से 11 गुना ज्यादा है।
यह ग्रह सूर्य की भांति ही हाइड्रोजन और हीलियम से बना है। इसलिए इसे गैस दानव भी कहा जाता है। इसके तेज गति से घूमने के कारण यहाँ अक्सर तूफान आते रहते हैं। बृहस्पति के कम से कम 64 चन्द्रमा है। इसमें गैनिमीड ( Ganymede ) सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका व्यास बुध ग्रह से भी ज्यादा है।
शनि ( Saturn )
शनि सौरमण्डल का एक ग्रह है यह सूरज से छटे स्थान पर है और सौरमंडल में बृहस्पति के बाद सबसे बड़ा ग्रह हैं सौर मंडल में यह दूसरा सबसे बड़ा ग्रह हैऔर यह इसके छल्ले ( Ring ) के लिए जाना जाता है।
अध्ययन बताते हैं कि शनि ग्रह के कई पतले छल्ले हैं जो बर्फ के कणों से बने हुए हैं। शनि के कुल 62 चंद्रमा हैं। इनमें सबसे बड़ा चंद्रमा टाइटन है जो बृहस्पति के गैनिमीड ( Ganymede ) के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है।
अरुण ( Uranus )
अरुण हमारे सौर मण्डल में सूर्य से सातवाँ ग्रह है और व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह हैऔर इसको 13 मार्च, 1781 को सर विलियम हर्शल द्वारा खोजा गया
इसका आकार धरती से चार गुना बड़ा है। यह बृहस्पति और शनि ग्रह जैसा ही है परन्तु इसका तापमान बहुत ठंडा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी सूर्य से बहुत ज्यादा दूरी है। इसके भी इर्द गिर्द छल्ले हैं जिनका रंग काला है।
वरुण ( Neptune )
वरुण को नीला दैत्य ( Blue Giant ) भी कहा जाता है यह 23 सितंबर, 1846 को जॉन कोच एडम्स द्वारा खोजा गया यह धरती से बहुत दूर है इसलिए इसे बहुत ज्यादा ताकत वाले टेलेस्कोप से भी बहुत मुश्किल से देखा जा सकता है।
इस ग्रह के 11 चंद्रमा हैं। अरुण ग्रह की तरह इसके भी पतले छल्ले हैं। यह सौर मंडल का चौथा सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य से पृथ्वी के मुकाबले तीस गुना अधिक है।
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बुध (Mercury )
बुध आकार में सबसे छोटा ग्रह है और यह सौर मंडल का सूर्य से सबसे निकट ग्रह है प्लूटो को पहले सबसे छोटा ग्रह माना जाता था पर अब इसका वर्गीकरण बौना ग्रह के रूप में किया जाता है यह सबसे तेज घूमता है और इसी कारण यह सूर्य का एक चक्कर 88 दिन में पूरा करता है
यह लोहे और जस्ते का बना हुआ हैं। यह अपने परिक्रमा पथ पर 29 मील प्रति क्षण की गति से चक्कार लगाता हैं। बुध सूर्य के सबसे पास का ग्रह है और द्रव्यमान से आंठवे क्रमांक पर है।
पृथ्वी ( Earth )
पृथ्वी बुध और शुक्र के बाद सुर्य से तीसरा ग्रह है पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन का अस्तित्व है। अगर आप पृथ्वी की तस्वीर देखें तो आप पाएँगे कि इसमें तीन रंग नजर आएँगे :- नीला, सफ़ेद और हरा।
ये नीला रंग महासागरों और सागरों का है। सफ़ेद रंग बादलों का और हरा रंग वनस्पति का है। धरती एक ऐसे वातावरण से घिरी हुयी है जिसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और जल वाष्प शामिल है। इसमें एक ओजोन परत भी है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों को अपने अन्दर सोख लेती हैं। धरती पर जीवन का मुख्य कारण इस पर मौजूद पानी है।
मंगल ( Mars)
मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है मंगल ग्रह को “लाल ग्रह” ( Red Planet ) के नाम से भी जाना जाता है। इसका कारण है इसका रंग लाल होना। यह धरती से मिलता जुलता ग्रह है। जैसे कि मंगल ग्रह पर भी धरती की तरह ही बादलों वाला वातावरण है। इसका वातावरण विरल है।
हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स ( Olympus Mons ) मंगल पर ही स्थित है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं – “स्थलीय ग्रह” जिनमें ज़मीन होती है और “गैसीय ग्रह” जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है।
पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है सौर मंडल के सभी ग्रहों में हमारी पृथ्वी के अलावा, मंगल ग्रह पर जीवन और पानी होने की संभावना सबसे अधिक है। मंगल के दो चन्द्रमा, फो़बोस और डिमोज़ ( Phobos and Deimos ) हैं। इस ग्रह को पृथ्वी से नंगी आँखों से देखा जा सकता है।
सन ,1801 Giuseppe Piazzi ने मंगल और बृहस्पति के बीच एक छोटी सी दुनिया को खोजा जिसे Ceres कहा जाता है शुरू में इसे एक नया ग्रह माना जाता था
और इसके बाद सन ,1846 में नेप्च्यून की खोज हुई और सन , 1859 में, रॉबर्ट बूनसेन और गुस्ताव किर्चॉफ ने स्पेक्ट्रोस्कोप का इस्तेमाल करके सौर मंडल और सितारों के बीच की विशाल दूरी का पता लगाया और सन ,1 9 30 में लॉवेल ऑब्ज़र्वेटरी प्लूटो की खोज की
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आपकी पोस्ट पढ़ कर लगा कि आपने कभी आर्यभट्ट के बारे में कभी नहीं पढ़ा । आपने केवल वहीं पढ़ा जो अंग्रेजो ने पढ़ाया हम भारतीयों को । सूर्यमंड़ल की खोज आर्यभट्ट ने की थी । वो भी कोपरनिकस के दादा के जमाने से भी पहले ।