शिक्षक दिवस कब कैसे और क्यों मनाया जाता है
किसी भी सफल इंसान के पीछे उसके माता-पिता व उसके अध्यापक का बहुत बड़ा हाथ होता है क्योंकि माता-पिता का काम सिर्फ पालन पोषण करना होता है लेकिन सही मायने में उस इंसान या उस बच्चे को कामयाब करने के पीछे अध्यापकों का ही हाथ होता है क्योंकि अध्यापक अपने बच्चों को बहुत ही बढ़िया तरीके से पढ़ाते हैं और उनको जीवन की सही राह पर चलने के बारे में बताते हैं और जब कोई इंसान पढ़ाई नहीं कर पाता तब भी अध्यापकों को बहुत बुरा लगता है यानी अध्यापक हमारी सफलता को अपने मुकाम तक पहुंचाने में बहुत बड़ा योगदान देते हैं और बहुत सारे अध्यापक ऐसे भी होते हैं.जो कि अपने खुद के पैसों और खुद की मेहनत के कारण किसी ऐसे बच्चों को इतना बड़ा आदमी बना देते हैं जो कि शायद कोई कल्पना भी नहीं कर सकता.
बच्चों का भी फर्ज बनता है कि अपने अध्यापकों का सम्मान करें और बहुत सारे बच्चे अलग-अलग मौकों पर अपने अध्यापकों को गिफ्ट व दूसरी चीजें सम्मान के रूप में भी देते हैं और इसी के चलते हर साल शिक्षक दिवस की बनाया जाता है ताकि सभी बच्चे अपने शिक्षकों को सम्मान दे सके तो इस ब्लॉग में हम आप को शिक्षक दिवस के बारे में बताने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आप को शिक्षक दिवस क्यों,कैसे, कब मनाया जाता है इसके बारे में विस्तार से बताने वाले है.
शिक्षक दिवस
किसी भी दिवस को बनाने के पीछे कोई ना कोई घटना या कोई ना कोई वजह जरुर होती है तो शिक्षक दिवस बनाने के पीछे भी ऐसी ही कुछ घटनाएं शामिल है आप सभी को पता होगा कि हमारे देश में बहुत सारे ऐसे महान शिक्षक हुए हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन अध्यापन कार्य में लगा दिया और बहुत सारे शिक्षक तो ऐसे भी हैं जिन्होंने कभी भी बच्चों से बिल्कुल फीस नहीं ली और भी पूरा समय अध्यापन कार्य में लगाते हैं और कभी भी किसी भी तरह की कोई चीज या सैलरी नहीं लेते और ऐसे अध्यापकों को सम्मानित करने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है क्योंकि उन सभी अध्यापकों का देश की उन्नति व विकास में बहुत बड़ा योगदान होता है.
शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है क्योंकि दुनिया में ऐसी कोई भी दूसरी चीज नहीं है जिसको कोई दूसरा भाई दोस्त या रिश्तेदार बटवा न सके लेकिन शिक्षा एक ऐसी चीज है जिसको कोई दूसरा इंसान बटवा नहीं सकता और ना ही कभी छीन सकता है शिक्षा हासिल की जाती है और उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है और आज के युग में शिक्षा लेना बहुत जरूरी है क्योंकि किसी भी देश की उन्नति व विकास में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है इसलिए जिस देश के युवा पढ़ाई के और ज्यादा अग्रसर होते हैं.
वे देश अक्सर जल्दी तरक्की करते हैं और इसी वजह से रशिया, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देश भारत से बहुत आगे हैं क्योंकि यह सभी देश अपनी शिक्षा के ऊपर बहुत ज्यादा जोर देते हैं हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि भारत में शिक्षा के ऊपर जोर नहीं दिया जाता लेकिन भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए यहां के युवा ज्यादा पढ़ाई नहीं करते और अगर कोई इंसान सही से पढ़ाई नहीं कर पाता तब वह दूसरे कामों व खेती आदि में लग जाता है लेकिन भारत में बहुत सारे ऐसे इंसान भी पैदा हुए हैं जिन्होंने अपनी शिक्षा की दम पर बड़ी-बड़ी कंपनियों में बड़े-बड़े पद हासिल किए हैं इसका उदाहरण आप गूगल व टि्वटर के सीईओ और दूसरी बड़ी कंपनियों के सीईओ के तौर पर देख सकते हैं.
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है
शिक्षक दिवस भी दूसरे दिवस की तरह ही दुनिया भर के लगभग 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है और हर देश में शिक्षक दिवस अलग-अलग तारीख को मनाया जाता है और सभी देश शिक्षक दिवस अलग-अलग रूप में अलग-अलग वजहों से बनाते हैं और बहुत सारे स्कूलों में शिक्षक दिवस के दिन छुट्टी भी होती है लेकिन कई स्कूल ऐसे होते हैं जहां पर शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए बहुत बड़े-बड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं इसी तरह से भारत में भी शिक्षक दिवस के मौके पर कई स्कूलों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
जिनमें शिक्षकों को गिफ्ट फूल व मालाएं पहनाकर सम्मानित किया जाता है और बहुत सारे शिक्षकों को इस दिन पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की जाती है वह उनके अध्यापन कार्य की सराहना की जाती है और उनके अध्यापन के तरीके को याद किया जाता है भारत में शिक्षक दिवस का प्राचीन इतिहास भी रहा है क्योंकि प्राचीन समय में शिक्षकों की जगह पर भारत में गुरु होते थे और वे गुरुकुल चलाते थे और बच्चों को शिक्षा देते थे.
प्राचीन समय में गुरुकुल में गुरु बच्चों को शारीरिक मानसिक सामाजिक शिक्षा तो देते ही थे इसके साथ ही गुरुकुल में शस्त्र शिक्षा भी दी जाती थी जिनमें उनको अलग-अलग प्रकार से धनुष आदि चलाने की शिक्षा मिलती थी इसके चलते भारत में प्राचीन समय के गुरुओं को गुरु पूर्णिमा के दिन याद किया जाता है और गुरु पूर्णिमा को भी भारत का एक शिक्षक दिवस ही माना जाता है इस दिन सभी लोग अपने पुराने गुरुओं को याद करते हैं वह उनको फूल मालाएं व श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
भारत में शिक्षक दिवस मनाने की वजह
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया किसी भी दिवस को बनाने के पीछे कोई ना कोई घटना या कोई ना कोई वजह जरुर होती है इसी तरह से भारत में शिक्षक दिवस बनाने के पीछे भी एक अलग वजह है भारत में शिक्षक दिवस बनाने के पीछे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी जितना ताल्लुक राजनीति से रखते थे उतना ही वे अपने अध्यापन कार्य से भी रखते थे और डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपने जीवन का आधे से ज्यादा समय अध्यापन कार्य में लगा दिया और उन्होंने बहुत सारे बच्चों को अपनी सफलता की मंजिल तक भी पहुंचाया और इसी वजह से डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस के ऊपर उनके अध्यापन कार्य की तारीफ की जाती है.
वह उनको उनके अध्यापन कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है और राधा कृष्ण जी के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के एक छोटे से गरीब परिवार में हुआ था और 5 सितंबर को उनकी जयंती को ही शिक्षक दिवस मनाया जाता है राधा कृष्ण एक बहुत बड़े शिक्षक के साथ भारत के राष्ट्रपति भी बने हालांकि कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गई डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन 17 अप्रैल 1975 को हुआ.
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी से छात्र, उनके मित्र और उनके साथी अध्यापक बहुत ज्यादा प्यार करते थे क्योंकि इन सभी को उनके पढ़ाने का तरीका बहुत ज्यादा पसंद आता था और राधाकृष्णन जी अपने छात्रों से बहुत प्यार भी करते थे और छात्र उनके जन्मदिवस को मनाने की बातें करते थे जब डॉ राधा कृष्ण से उनके जन्मदिवस को मनाने के बारे में पूछा गया तब उन्होंने खुद अपने जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की बात कही और इसी वजह से तब से लगातार 5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है.
शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है
शिक्षक दिवस दुनिया भर के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों व अलग-अलग संस्कृति व रीति रिवाज के साथ मनाया जाता है क्योंकि सभी देशों में शिक्षक दिवस अलग-अलग वजहों से मनाया जाता है इसलिए शिक्षक दिवस मनाने की तरीके भी अलग-अलग होते हैं भारत में शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर बनाया जाता है इसलिए भारत में शिक्षक दिवस के मौके पर उनके अध्यापन कार्यों को याद किया जाता है.
वह उनके द्वारा भारत की उन्नति में दिए गए योगदान को सराहाया जाता है और इस मौके पर अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है और सभी स्कूल अपने सबसे अच्छे अध्यापक को सम्मानित करते हैं उनको फूल मालाएं व उपहार आदि देकर सम्मानित किया जाता है और सभी छात्र अपने अध्यापकों के द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने की प्रतिज्ञा लेते हैं.
लक्ष्य
भारत में शिक्षक दिवस बनाने के पीछे भारत के युवाओं को शिक्षा की तरफ आकर्षित करना है ताकि भारत के छोटे व गरीब घर के बच्चे जो कि अपनी गरीबी के कारण पढ़ नहीं पाते उनको पढ़ाई की तरफ ले जाया जा सके और शिक्षकों व छात्रों के बीच प्यार को बढ़ाया जा सके क्योंकि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार होता है आज के समय में बिना शिक्षा के रहना एक बहुत बड़ी भूल होती है क्योंकि इस तेजी से बदलते वैज्ञानिक युग में शिक्षा का होना बहुत जरूरी है अगर किसी इंसान के पास शिक्षा नहीं है तो वह इस तेजी से बदल रही दुनिया में खुशहाल जीवन व्यतीत नहीं कर पाएगा.
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई शिक्षक दिवस के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आए और आप ऐसी की मजेदार जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.