पोलियो के लक्षण कारण व उपचार
दुनिया भर में समय-समय पर अनेक खतरनाक और बड़ी बीमारियां आती रहती है जिनको महामारी घोषित किया जाता है जिस तरह से करो ना वायरस महामारी के रूप में पूरी दुनिया में फैला हुआ है उसी तरह से इससे पहले भी ऐसी बहुत सारी खतरनाक और जानलेवा बीमारियां आई है जिन से लाखों लोगों ने अपनी जाने गंवाई है जिनमें प्ले, मलेरिया, हैजा जैसी महामारी शामिल है
इसी तरह से पोलियो बीमारी भी एक महामारी के रूप में बहुत समय पहले सामने आई थी और इससे लाखों लोगों ने अपने शरीर के अंगों को गवा दिया लेकिन फिर कुछ समय बाद में इस खतरनाक बीमारी के इलाज को खोजा गया
और उसके बाद इस बीमारी को खत्म कर दिया गया लेकिन आज भी यह बीमारी कई बच्चों को अपना शिकार बना लेती है तो आज के इस ब्लॉग में हम इसी खतरनाक बीमारी के कारण लक्षण व इसके उपचार आदि के बारे में बताएंगे
पोलियो Polio
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया पोलियो बीमारी एक महामारी के रूप में सामने आई थी इस बीमारी ने हजारों और लाखों लोगों को अपनी चपेट में लिया है पोलियो बीमारी पोलियो नामक वायरस से होती है
जो कि एक दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है और फिर यह एक से दूसरे व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेता है यह और यह वायरस रोगी की रीड की हड्डी और उसके दिमाग को सबसे ज्यादा संक्रमित करता है
जिससे रोगी का शरीर बिल्कुल सुन हो जाता है और उसे लकवा हो जाता है जिससे वह अपने शरीर को हिलाने डुलाने में असमर्थ हो जाता है हालांकि भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी से मुक्त घोषित कर दिया है यह रोग ज्यादातर बच्चों को प्रभावित करता है जिससे उनके हाथ-पांव या शरीर के किसी दूसरे हिस्से में लकवा मार जाता है
पोलियो के कारण
Cause to polio in Hindi – अगर पोलियो के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे किसी पोलियो ग्रस्त व्यक्ति के दूषित पानी भोजन आदि का सेवन करना या उसको या उसके दूषित भोजन या पानी के संपर्क में आना पोलियो ग्रस्त व्यक्ति के कपड़े या बिस्तर आदि का इस्तेमाल करना,
पोलियो ग्रस्त व्यक्ति के मल के संपर्क में आना, रोगी की खांसी या छींक के संपर्क में आना रोगी के आसपास रहना या उसके साथ उठना बैठना
रोगी के बेड या कुर्सी के ऊपर बैठना रोगी के साथ खाना खाना रोगी के आसपास ज्यादा गंदगी रहना आदि इस समस्या के आदि इस बीमारी के उत्पन्न होने के कारण हो सकते हैं लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती है या कोई एचआईवी पॉजिटिव है तो उस स्थिति में यह रोग बहुत ज्यादा होने के चांस होते हैं
पोलियो के लक्षण
Symptoms of polio in Hindi – अगर इस समस्या के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया यह रोग ज्यादातर 2 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है और इससे सबसे ज्यादा उन बच्चों के पैर में लकवा आता है
लेकिन इसके अलावा भी इस समस्या में कई और लक्षण देखने को मिल सकते हैं जैसे हल्का बुखार रहना, गले में खराश रहना, लगातार सिरदर्द व थकान रहना, रोगी की आंखों में पानी आना,
रोगी को बार बार उल्टी आना, रोगी की पीठ में मांसपेशियों में ऐंठन होना, रोगी की मांसपेशियों में दर्द होना, रोगी की मांसपेशियां बिल्कुल कमजोर होना, रोगी को आलस्य, थकावट, कमजोरी, घुटन व बेचैनी रहना, रोगी की रीड की हड्डी में दर्द होना,
रीड की हड्डी सुन्न होना, रोगी के कुल्ले और पैर में दर्द होना, रोगी के शरीर के किसी एक हिस्से में सुन्न होना आदि इस समस्या के मुख्य लक्षण होते हैं
उपचार Treatment
पोलियो एक खतरनाक महामारी के रूप में बहुत तेजी से फैली थी इसलिए इस बीमारी का इलाज ढूंढने में समय लगा जब तक इस बीमारी का इलाज सामने आया उससे पहले इस बीमारी से लाखों बच्चे ग्रस्त हो चुके थे और यह बीमारी बहुत सारे बच्चों के जीवन पर प्रभाव डाल चुकी थी
लेकिन डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार इस बीमारी के टीके को खोजा गया और फिर बहुत तेजी से इस बीमारी को टीकाकरण अभियान के तहत शुरू में कम किया गया
और फिर धीरे-धीरे इस बीमारी को नियंत्रण में किया गया और 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत को इस बीमारी से बिल्कुल मुक्त घोषित किया गया यानी अब पोलियो बीमारी का इलाज 100% संभव है
इसके लिए आपको अपने बच्चों को 1 से 5 वर्ष की आयु तक पोलियो के टीकाकरण अभियान के तहत टीका लगवाना होता है जिससे आपके बच्चे इस बीमारी से लड़ने में सक्षम होते हैं
क्या करें
- आपको अपने बच्चे को बिल्कुल स्वस्थ साफ पानी और भोजन खिलाना चाहिए
- आपको अपने बच्चे के आसपास साफ सफाई रखनी चाहिए
- आपको अपने बच्चे को 5 वर्ष की आयु तक पोलियो का टीका जरूर लगवाना चाहिए
- आपको अपने बच्चे के गले या पीठ में जरा सी भी दिक्कत दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए
- आपको अपने बच्चे को दूसरे बच्चों से दूर रखना चाहिए
क्या न करें
- आपको किसी अनजान व्यक्ति को अपने बच्चे को नहीं सौंपना चाहिए
- आपको अपने बच्चे को किसी अनजान आदमी की कुर्सी और बिस्तर आदि पर नहीं लेटना चाहिए
- आपको अपने बच्चे को दूषित पानी व भोजन का सेवन नहीं करवाना चाहिए
- आपको अपने बच्चे के आसपास गंदगी नहीं होने देनी चाहिए
- आपको अपने बच्चे को ज्यादा भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र में नहीं लेकर जाना चाहिए
लेकिन अगर आपके बच्चे में इस समस्या की कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपने बच्चे की जांच करवानी चाहिए क्योंकि यह एक खतरनाक बीमारी है
इस बीमारी से आपके बच्चे का पूरा जीवन बिल्कुल खराब हो सकता है या आपका बच्चा पूरे जीवन अपाहिज रह सकता है इसलिए इस समस्या के लक्षणों में देरी करना आपके बच्चे के लिए श्राप बन सकता है
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