हमारी मसल ग्रो कैसे करती है
जो भी कोई जिम में जाता है चाहे वह वजन कम करने के लिए जाता है या वजन बढ़ाने के लिए जाता है। जब वह वजन के साथ एक्सरसाइज करता है तो साथ-साथ उनकी मसल ग्रो होती है। आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे
कि हमारी मसल कैसे ग्रो करती है और साथ ही हम भी बताएंगे कि लड़कियों के इतनी ज्यादा मसल ग्रो क्यों नहीं हो पाती है चाहे वह लड़कों के जितना वर्कआउट करती हो।
आज हम इस आर्टिकल में डिफरेंट टाइप की मसल के बारे में बात करेंगे जैसे की हमारे दिल जिसे कार्डियक मसल कहते हैं। और जो हमारी Skeletal Muscle है उसके बारे में हम बात करेंगे जो रस्सी की तरह दिखती है। हमारे शरीर में लगभग 650 के लगभग Skeletal Muscle है जिसको मोटर न्यूरॉन से सिग्नल मिलता है और वह उसी बेस पर काम करती हैं।
यह सिग्नल हमारे सेल के एक पार्ट से भेजा जाता है जिसको कि Sarcoplasmic Reticulum कहा जाता है। मोटर न्यूरॉन हमारे मसल को बताते हैं कि कब उनको फैलना है और कब उनको सिकुड़ना है जब यह सिग्नल अच्छा होता है तो हम ज्यादा वजन उठा पाते हैं और जब यह सिग्नल वीक होते हैं तो हम ज्यादा वजन नही उठा पाते है।
आपने देखा होगा कि जो वेट लिफ्टिंग करने वाले होते हैं। वह लगते लगभग बॉडी बिल्डर जैसे ही हैं लेकिन वह बॉडी बिल्डर से ज्यादा वजन उठाते हैं क्योंकि उनमे अपने मोटर न्यूरॉन्स को एक्टिवेट करने की क्षमता ज्यादा होती है जिसकी वजह से बहुत ज्यादा वजन उठा सकते हैं। मोटर न्यूरॉन्स के बारे में यहां पर बताना इसलिए जरूरी है
क्योंकि जब हम वर्कआउट स्टार्ट करते हैं तो मोटर न्यूरान की एक्टिवेट होने की क्षमता बढ़ जाती है जिससे हम ज्यादा हैवी वेट लगा सकते हैं और जब हम हैवी वेट लगाते हैं तो हमारी मसल ग्रोथ अच्छी होती है।
मसल ग्रोथ की फिजियोलॉजी:-
Physiology of muscle growth in Hindi – हमारे वर्क आउट करने के बाद हमारी बॉडी हमारे मसल फाइबर को एक सेलुलर प्रोसेसके द्वारा नई मसल टिश्यू और पेशीतंतुओं को बनाने का काम करती है जिससे कि हमारे पेशीतंतुओं की मोटाई बढ़ जाती है और इसके साथ साथ नई मसल फाइबर वहां बन जाती है।
तभी होती है जब हमारी मसल प्रोटीन सिंथेसिस हमारी मसल प्रोटीन ब्रेकडाउन से ज्यादा होती है तभी जाकर हमारी मसल की ग्रोथ होती है। इसीलिए जब हम वजन उठाते हैं तब हमारी मसल की ग्रोथ नहीं होती है यह तब होती है जब हम रेस्ट कर रहे होते हैं।
इसी बीच एक और सेल भी है जो कि महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। जिसका नाम सैटेलाइट सेल है जब यह एक्टिवेट होता है तो ज्यादा से ज्यादा न्यूक्लियस हमारी मसल सेल में ऐड होते हैं जो की सीधे-सीधे हमारी मसल को ग्रो करने में हेल्प करते हैं।
इनको एक्टिवेट होने की प्रोसेस डिपेंड करती है कि आप कितने मसल ग्रो कर सकते हैं इस वजह से कुछ लोग आसानी से मसल ग्रो कर सकते हैं और कुछ लोगों को मसल ग्रो करने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है।
मसल्स ग्रो होने के 3 मैकेनिज्म 3 mechanisms for muscle growth :-
हमारी मसल की ग्राथ तभी होती है जब हम अपने मसल पर लगातार दबाव डालते हैं। यही दबाव सबसे बड़ा कारण है जिसकी वजह से हमारी मसल ग्रो होती है। और इसी टाइप के हम 3 मैकेनिज्म की बात करेंगे जो भी हमारी मसल ग्रोथ के लिए जिम्मेदार होते हैं।
1. मसल टेंशन
मसल की ग्रोथ करने के लिए हमें पहले सेट से ज्यादा द्वारा दवाब मसल पर देना पड़ता है इसीलिए हम हर सेट के बाद वजन बढ़ाते हैं और अगला सेट लगाते हैं। इसी वजह से मसल पर होने वाली टेंशन से मसल्स की कमेस्ट्री में बदलाव होते हैं जिससे हमारे mTOR और सैटेलाइट सेल एक्टिवेट होते हैं। जो की ग्रोथ के जिम्मेवार होते हैं।
2. मसल्स डैमेज
अगर आपको एक्सरसाइज के बाद अपने मसल में दर्द महसूस होता है तो इसका मतलब है आपकी मसल डैमेज हुई है। एक्सरसाइज करने से मसल डैमेज का कारण है
जब Inflammatory Molecules और इम्यून सिस्टम सेल हमारे सैटेलाइट सेल को एक्टिवेट करते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप ऐसा इसी की वजह से होता है, लेकिन एक्सरसाइज़ से हुई क्षति हमारी मसल सेल में उपस्थित रहती है।
3. मेटाबोलिक स्ट्रेस
एक्सरसाइज करने के बाद अगर आपको मसल में जलन महसूस होती है या आपको आपकी मसल पंप हुई दिखाई देती है तो यह सब कारण मेटाबोलिक स्ट्रेस का होता है मसल में जब मेटाबोलिक स्ट्रेस होता है
तब हमारी मसल और भी बड़ी हो जाती है और साइज भी बढ़ जाता है। मेटाबोलिक स्ट्रेस में हमारी मसल के आसपास सेल में सूजन आ जाती है जो कि हमारी मसल ग्रोथ को बढ़ावा देती है। इस ग्रोथ को Sarcoplasmic Hypertrophy कहा जाता है।
तो यह तीन मैकेनिज्म है जिससे कि हमारी मदद की जरूरत होती है जिनका जानना आपके लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी था। इससे आगे हम आपको बताएंगे कि मसल ग्रोथ पर हार्मोन क्या इफेक्ट करते हैं।
हॉर्मोन्स मसल ग्रोथ को कैसे प्रभावित करते हैं?
How do hormones affect muscle growth? in Hindi – हॉर्मोन्स हमारे मसल ग्रो करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं। यह हमारे सैटेलाइट सेल की एक्टिविटी को नियंत्रित करते हैं।
क्योंकि सीधे सीधे मसल ग्रो करने में मदद करते हैं। इसमें IGF (इंसुलिन ग्रोथ फैक्टर) हॉर्मोन्स बड़ा रोल अदा करती है इसके अलावा (MGF) मेको ग्रोथ फैक्टर और टेस्टोस्टोरोन जैसे vital मैकेनिज्म भी मसल ग्रोथ को प्रमोट करते हैं।
सबसे पहले हम बात करते हैं टेस्टेस्टोरॉन की। टेस्टोस्टोरोन हमारे बॉडी में प्रोटीन सिंथेसिस बढ़ाता है, हमारे सैटेलाइट सेल को एक्टिवेट करता है, और एनाबोलिक हॉर्मोन्स को रिलीज करने में मदद करता है। मसल प्रोटीन को टूटने से बचाता है।
इसके अलावा टेस्टेस्टोरॉन ग्रोथ हार्मोन को तेज कर के डैमेज हुए मसल फाइबर पर न्यूरोट्रांसमीटर को वहां इकट्ठा करने में मदद करता है जिससे कि हमारे टिश्यू की ग्रोथ बढ़ जाती है।
इंसिडेंट ग्रोथ फैक्टर हमारे प्रोटीन सिंथेसिस को बढ़ाकर मसल मास ग्रोथ को रेगुलट करने में मदद करता है। जिससे कि हम हमारी मसल में एमिनो एसिड को अलग-अलग भाग में विभाजित कर सकते हैं। और इसके अलावा यह हमारे सैटेलाइट सेल को भी एक्टिवेट कर के हमारी मसल की ग्रोथ करता है।
मसल ग्रो के लिए आराम करना क्यों जरूरी है?
Why is rest important for muscle growth? in Hindi – अगर हम अपनी बॉडी को प्राप्त पर्याप्त आराम नहीं देते हैं या पोषक तत्व नहीं देते हैं तो हमारी बॉडी एनाबोलिक प्रोसेस से केटाबोलिक प्रोसेस में चली जाती है जिसमें कि हमारी मसल बनने की वजाए और ज्यादा टूटने लगती है इसी वजह से हमें किसी भी एक्सरसाइज के बाद कम से कम 24 से 48 घंटे का रेस्ट करना जरूरी होता है।
यहां कुछ लिमिट्स भी है जिससे कि हमारी मसल कितनी ग्रो होगी वह डिपेंड करता है जैसे हमारे जेंडर पर, हमारी उम्र पर और हमारे जेनेटिक्स पर। जिन लोगों में टेस्टेस्टोरॉन लेवल ज्यादा होता है उनकी मसल ज्यादा बड़ी होती है और स्ट्रांग होती है।महिलाओं में पुरुषों से कम टेस्टोस्टोरोन होता है इसी वजह से महिलाओं की मसल ज्यादा बड़ी नहीं हो पाती है।
कुछ लोगों की मसल बहुत धीरे ग्रो करती है कुछ की बहुत तेज। ऐसा क्यों?
Some people’s muscles grow very slowly and some people’s muscles grow very fast. Why so? in Hindi कुछ लोगों के मसल ग्रो बहुत ही स्लो होती है या बहुत ज्यादा टाइम लेती है और कुछ लोगों में मसल की ग्रोथ कुछ हफ्तों तक या कुछ महीनों तक दिखाई नहीं देती है।
यह कारण होता है हमारे नर्वस सिस्टम की एबिलिटी का जिससे की हम अपने मसल को एक्टिवेट करते हैं। हर किसी ने अलग जैनेटिक फेक्टर होता है
जिससे कि हमारी हार्मोन की आउटपुट, मसल फाइबर के टाइप और नंबर, और इसके साथ-साथ सैटेलाइट सेल के एक्टिवेशन जो कि हमारी मसल की ग्रोथ को कंट्रोल करते हैं। सही मसल ग्रो करने के लिए हमारे मसल प्रोटीन सिंथेसिस हमारे मसल प्रोटीन ब्रेकडाउन से ज्यादा होने चाहिए तभी हमारी मसल सही करो होगी।
इसके लिए आपको अपनी डाइट में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सही रखनी पड़ेगी। जिससे कि आपकी मसल बनाने की सेलुलर प्रोसेस सही ढंग से काम कर सके और आपकी मसल ज्यादा से ज्यादा ग्रो कर सके। जब मसल की ग्रोथ होती है तो आपकी बॉडी में फिजिकल चेंज आता है। इसी वजह से यह आपको जानना जरूरी है कि आप के मसल कैसे ग्रो होती है।
मसल ग्रो:- सौ बातों की एक बात
Muscle Grow:- One thing out of a hundred things in Hindi मसल ग्रो के लिए हमें हमारी मसल पर दवाब देना पड़ता है। यह हम ज्यादा वेट उठाकर अपनी मसल पर डाल सकते हैं या हम अपनी एक्सरसाइज में चेंज करते रहते हैं
तो हमारी मसल ब्रेकडाउन ज्यादा होती है इसके बाद हम अपनी डाइट लेते हैं तो हमारे शरीर में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से हमारी मसल की जरूरत पूरी होती है
जिससे कि हमारे मसल प्रोटीन ब्रेकडाउन से ज्यादा हमारे मसल प्रोटीन सिंथेसिस होते हैं जो कि हमारी मसला ग्रो करने में मदद करते है। इसीलिए हैवी वर्कआउट लगाएं और सही न्यूट्रीशन लें तो आपकी मसल ग्रो होगी और 100% होगी।