हाइपरथाइरॉयडिज़्म के कारण लक्षण व इसका होम्योपैथिक उपचार
मनुष्य का शरीर काफी सारी अलग-अलग चीजों से मिलकर बना हुआ है हमारे शरीर के लिए इन सभी चीजों का संतुलन बनाए रखना काफी महत्वपूर्ण होता है अगर हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तब इसके पीछे हमारे शरीर में किसी ना किसी चीज के संतुलन का बिगड़ना ही पाया जाता है.
फिर उन्हीं की वजह से हमें काफी सारी अलग-अलग प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है कई बार हमारे शरीर में ऐसी खतरनाक बीमारियां उत्पन्न हो जाती है जिस से छुटकारा पाना काफी मुश्किल होता है.
इसी तरह से कई बार हमारे शरीर में थायराइड की समस्या उत्पन्न हो जाती है तो इस ब्लॉग में हम आपको हाइपोथायराइड के कारण लक्षण व इसके होम्योपैथिक उपचार के बारे में बताने वाले हैं.
थायराइड क्या होता है
जैसा कि हमने आपको बताया हमारा शरीर कई अलग-अलग चीजों से मिलकर बना हुआ है इन सभी चीजों का संतुलन हमारे शरीर में बहुत जरूरी है इसी तरह से हमारे कई अलग-अलग प्रकार के हारमोंस भी होते हैं जो कि हमारे शरीर में अलग-अलग काम करते हैं जब इन हारमोंस में अचानक से कमी हो जाती है.
तब हमें अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसी तरह से कई बार जब हमारे हारमोंस में कमी आ जाती है तो हमें हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो जाती है जो कि हमारे गले में मौजूद एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है.
जिसको थायराइड कहा जाता है यह ग्रंथि कई अलग-अलग हार्मोन से मिलकर बनी होती है जिनमें Tri–iodothyronin (T3) और Thyrocalcitonin T4 शामिल हैं.
यह हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी नियंत्रित करती है इसके अलावा भी यह हमारे शरीर के दूसरे हारमोंस से मिलकर कई अलग-अलग काम करती है लेकिन जब इनके संतुलन में दिक्कत आती है.
तब हमें काफी सारी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है. क्योंकि हमारे शरीर में पिट्यूटरी ग्रंथि होती है. जोकि थायराइड के हार्मोन को नियंत्रण में करती है. यह पिट्यूटरी ग्रंथि T3 और T4 हारमोंस को नियंत्रण में करने के लिए हारमोंस बनाती है.
जो कि हमारे खून में T3 और T4 की मात्रा को कम ज्यादा करता है लेकिन जब हमारे खून के में इन हार्मोन का स्तर अचानक से बढ़ जाता है तब उस स्थिति को थायराइड बढ़ना या हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है.
हाइपोथायरायडिज्म के कारण
किसी भी इंसान के शरीर में हाइपरथाइरॉयडिज़्म की समस्या उत्पन्न होने के पीछे काफी सारे अलग-अलग कारण हो सकते हैं क्योंकि यह एक ऐसी स्थिति है जो कि हमारे हारमोंस के साथ जुड़ी हुई है हमारे हारमोंस भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं इसलिए इस समस्या के कारणों को जानना भी बहुत जरूरी है.
- रोगी का मनोवैज्ञानिक रोग की दवाइयों का सेवन करना
- एंटी थायराइड दवाओं का लगातार सेवन करना
- रोगी के शरीर में आयरन की कमी होना
- रोगी को वायरल संक्रमण और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होना
- रोगी को जन्मजात थायराइड समस्या उत्पन्न होना
- महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान हाइपरथाइरॉयडिज़्म की समस्या होना
- रोगी के शरीर में कैंसर के लक्षण उत्पन्न होना
- रोगी का ज्यादा शराब बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि का सेवन करना
- रोगी का ज्यादा मिर्च मसालेदार और तले भुने हुए भोजन का सेवन करना
- रोगी की गर्दन के ऊपर गहरी चोट लगना
- रोगी का किसी प्रकार की गतिविधि में शामिल न होना
- रोगी को स्वस्थ व पौष्टिक भोजन न मिलना
- ज्यादा गंदे पानी और गंदी चीजों का सेवन करना
- ज्यादा उत्तेजक चीजों का सेवन करना
इसके अलावा भी इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे काफी सारे और अलग-अलग कारण हो सकते हैं
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण
जब भी किसी इंसान के शरीर में हाइपोथायरायडिज्म की समस्या उत्पन्न होती है तब इसके पहले रोगी में इस समस्या के कई अलग-अलग लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं जिन को आसानी से पहचाना जा सकता है जैसे
- रोगी को थकान घबराहट बेचैनी महसूस होना
- रोगी के शरीर में दुर्बलता आना
- रोगी का भार अचानक से बढ़ना शुरू होना
- रोगी के बाल बिल्कुल मोटे और सूखे होना
- रोगी की मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द शुरू होना
- रोगी के गर्दन की आस पास की मांसपेशियों में दर्द होना
- रोगी को गर्दन को घुमाने में परेशानी होना
- रोगी की त्वचा सूखी और पीली पढ़ना
- रोगी का स्वभाव गुड्स गुस्सैल व चिड़चिड़ा होना
- रोगी का मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होना
- महिलाओं में असामान्य मासिक धर्म होना
- रोगी की कामेच्छा में कमी आना
- रोगी का डिप्रेशन जैसी समस्या में चला जाना
- रोगी की स्मरण शक्ति की क्षति की कमजोरी होना आदि
ऐसी और भी बहुत सारे लक्षण है जो कि आपको इस समस्या के उत्पन्न होने के बाद दिखाई दे सकते हैं
हाइपोथायरायडिज्मकी होम्योपैथिक दवा
अगर आपको आपके शरीर में हाइपोथायरायडिज्म की समस्या के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तब आपको किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना चाहिए इसके अलावा इस समस्या की शुरुआत में आप कुछ आयुर्वेदिक होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करके भी इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं क्योंकि होम्योपैथिक की कई ऐसी दवाएं आती है जो कि आप को इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करती है.
1. आयोडीनम (Iodine)
बहुत सारे लोगों में हाइपोथायरायडिज्म की समस्या का होने के पीछे आयोडीन की कमी पाई जाती है इस स्थिति में रोगी को होम्योपैथिक दवा आयोडीनम (Iodine) का सेवन करना चाहिए नियमित रूप से इस दवाई का सेवन करने पर यह आपकी हाइपोथाइरॉएडिज्म की समस्या को ठीक कर सकती है.
2. थाइरॉएडिनम (thyroidinum)
इस समस्या के उत्पन्न होने पर एनीमिया मांसपेशियों की कमजोरी हाथ पैर व चेहरे पर कंपन, नब्ज का अचानक से तेज या कम होना, मोटापा आना और खाना पीना अच्छा न लगना जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है इस समस्या के उत्पन्न होने पर आपको होम्योपैथिक थाइरॉएडिनम (thyroidinum) दवा का सेवन करना चाहिए यह दवा आपको इस बीमारी के उत्पन्न होने पर इन सभी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है.
3. नक्स वोमिका (Nux vomica)
होम्योपैथिक की काफी सारी ऐसी दवाई आती है जो की बहुत सारी अलग-अलग बीमारियों के लक्षणों पर काम करती है नक्स वोमिका (Nux vomica) भी एक ऐसी ही दवाई है यह दवाई भी आपकी हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को ठीक करने में मदद कर सकती है.
4. स्पोंजिया टोस्टा (Spongia Tosta)
अगर आपके अंदर रात के समय में दम घुटना, श्वास नली में सूखापन महसूस होना, छाती में दर्द होना, बार-बार पसीना आना, अचानक से धड़कन का बढ़ना और घबराहट बेचैनी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही है तब आपको होम्योपैथिक दवा स्पोंजिया टोस्टा (Spongia Tosta) का सेवन करना चाहिए ह दवाई आपकी काफी सारी परेशानियों को ठीक करने में मदद करती है.
5. नैट्रम म्यूरिएटिकम (natrum muriaticum)
अगर हाइपोथायरायडिज्म की समस्या के चलते आपको बार-बार कब्ज होना, गुर्दे में दर्द होना, योनि का सूखापन, नब्ज तेज़ धड़कना, बाल झड़ना, सिरदर्द होना और नमक व नमकीन चीजें ज्यादा खाने का मन कर रहा है तब आपको होम्योपैथिक दवा नैट्रम म्यूरिएटिकम (natrum muriaticum) का सेवन करना चाहिए यह दवा आपकी हाइपोथायरायडिज्म में उत्पन्न होने वाली इन सभी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है.
इसके अलावा भी होम्योपैथिक कई कई ऐसी और दवाएं आती है जो कि हाइपोथायरायडिज्म की समस्या को ठीक करने में मदद करती है इन दवाइयों में कैल्केरा कार्बनिका, सेपिया ऑफिसिनलिसिस, लाइकोपोडियम क्लावैटम, ग्रेफाइट्सजैसी होम्योपैथिक दवाएं शामिल है.
लेकिन इनमें से किसी भी दवाई का सेवन करने से पहले आपको किसी अच्छे स्पेशलिस्ट डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए बिना किसी सलाह के इन दवाइयों का सेवन आपके लिए घातक साबित हो सकता है.
hyperthyroidism symptoms,hyperthyroidism treatment,hypothyroidism,what is hyperthyroidism,homeopathy treatment for hyperthyroidism,thyroid homeopathic medicine,thyroid homeopathic medicine hindi,treatment for hyperthyroidism