हींग बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें
हमारा देश मसालों के मामले में प्राचीन समय से ही दुनिया भर में अव्वल नंबर पर रहा है और भारत में बनाए गए मसाले दुनियाभर में प्रचलित है और इसीलिए दिन प्रतिदिन भारत के मसालों की मांग भारत के अलावा बाहरी देशों में भी बढ़ती जा रही है भारत हर साल लाखों, करोड़ों रुपए का मसाला बाहर भेजता है.
इसी मसाले को विदेशी लोग काफी पसंद करते हैं और जब विदेशी लोग भारत में आते हैं तब भी भारत से कुछ मसालों के पैकेट जरूर लेकर जाते हैं क्योंकि भारतीय मसालों में एक अलग प्रकार का सवाद होता है जो कि दुनिया की किसी भी मसाले में नहीं है.
इसीलिए हमारे देश में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो कि सिर्फ मसालों का ही व्यापार करते हैं और बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो कि मसालों की ही खेती करते हैं और वे लोग हर साल इन मसालों से ही काफी पैसा कमा रहे हैं और कुछ लोग तो ऐसे हैं जो कि सीधा विदेशों में ही अपने माल को भेजते हैं.
क्योंकि विदेशों से सीधा संपर्क करके मसाला भेजने में आपको अच्छी कमाई होती है लेकिन यदि भारतीय मसालों की बात की जाए तो हमारे देश में मुख्य रूप से हल्दी, जीरा, इलायची, मेथी, हींग आदि शामिल है.
इसके अलावा भी हमारे देश में कई ऐसी चीजें तैयार की जाती है जो कि आती बाहर से है लेकिन हमारे देश में तैयार होने के बाद यह एक अलग ही सवाद देती है जिसमे सबसे पहले हींग का नाम आता है.
जो कि भारत अफगानिस्तान और ईरान से मंगवाता है लेकिन हमारे देश में इसे बढ़िया तरीके से खाने योग्य तैयार किया जाता है तो इस ब्लॉग में हम आपको हींग के व्यवसाय को शुरू करने के बारे में बताने वाले हैं.
क्योंकि यदि आप हींग के व्यवसाय को शुरू कर लेते हैं तो इससे आपको काफी मुनाफा होने वाला है और भविष्य में भी यह व्यवसाय आपको काफी अच्छी इनकम दे सकता है
हींग क्या होती है
जिस तरह से दुनिया भर में अनेक प्रकार के मसाले खाने में इस्तेमाल किए जाते हैं उसी तरह से हींग का भी इस्तेमाल खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है इसके अलावा भी हींग के कई दूसरे इस्तेमाल किए जाते हैं.
लेकिन जिस तरह से दूसरे मसालों की खेती की जाती है उस तरह से हींग की खेती नहीं की जाती बल्कि यह एक बहुत ही कठोर पत्थर की तरह से मिलने वाली चीज है.
जिसको अनेक प्रकार की प्रक्रियाओं से गुजार कर खाने योग्य बनाया जाता है इसमें कई अलग-अलग प्रकार की चीजें डाली जाती है एक बहुत ही तेज गंध वाली चीज है इसमें अलग-अलग प्रकार के गुण पाए जाते हैं
इनमें हींग में मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है जो कि सफेद हींग और लाल हींग होती है सफेद हींग को काबुली सुफेड भी कहा जाता है क्योंकि यह अफगानिस्तान में पाई जाती है और लाल हींग बहुत ही तीखी और कड़वी होती है.
जिसमें कई अलग-अलग चीजें मिलाकर खाने योग्य बनाया जाता है इसमें मुख्य रूप से सल्फर के योगिक पाए जाते हैं जिनके अंदर बहुत ही की गंध निकलती है हींग पाउडर की मांग दिन-प्रतिदिन भारत के अलावा दूसरे देशों में भी बढ़ती जा रही है.
क्योंकि हिंग पाउडर से खाने में एक अलग प्रकार का सवाद आता है इसीलिए इस को खाने योग्य बनाने के बाद भारत के अलावा बेल्जियम, केनेडा, यूनाइटेड स्टेट और दूसरे कई देशों में भेजा जाता है इस खाने योग्य बनाने के बाद मुख्य रूप से पाउडर और गोलियों के रूप में ही पैक किया जाता है.
हींग बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करें
यदि आप हींग बनाने के व्यवसाय को शुरू कर लेते हैं तब यह आपको भविष्य में काफी कमाई देने वाला है हालांकि इस व्यवसाय को करना थोड़ा कठिन है इस क्योंकि इस व्यवसाय के लिए आपको कच्चे माल के रूप में बाहर से ही माल को मंगवाना पड़ता है.
लेकिन इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले आपको अपने आसपास के कई बड़े शहरों और नगरों आदि में रिसर्च करना चाहिए कि आपके आसपास के क्षेत्र में हींग की कितनी मांग है और यदि आपके आसपास कोई बड़ी हींग बनाने की फैक्ट्री नहीं है.
तब आप इस काम को शुरू कर लेना चाहिए क्योंकि यह व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है जो एक बार खड़ा होने के बाद में काफी तेजी से बढ़ता है. इससे आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल सकती हैं.
क्योंकि अगर आप का ब्रांड एक बार फेमस हो गया तब इसकी मांग विदेशों में बहुत जल्दी बढ़ जाती है और इस व्यवसाय में आपको दूसरे विषयों के मुकाबले में ज्यादा फायदा होता है क्योंकि इस माल को आप काफी लंबे समय तक सटोर करके रख सकते हैं क्योंकि यह खराब नहीं होता.
जमीन व बिल्डिंग
यदि आपने इस व्यवसाय को शुरू करने का मन बना लिया है तब इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले किसी बड़े नगर या शहर के आसपास अच्छी जमीन की आवश्यकता होगी जहां पर आपको इस व्यवसाय के लिए फैक्ट्री लगानी होती है जिसके लिए आपको बिल्डिंग भी बनानी पड़ेगी.
हालांकि इस व्यवसाय के लिए आपको इतनी ज्यादा बड़ी फैक्ट्री या बिल्डिंग की आवश्यकता नहीं होती लेकिन फिर भी आपको बिल्डिंग बनाने के लिए कम से कम 400 से 600 वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता जरूर होगी
लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन
यदि आप इस व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तब आपको इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले कई जरूरी रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस की आवश्यकता होती है क्योंकि यह एक खाद्य पदार्थ से जुड़ी हुई चीज है इसलिए आपको कई जरूरी रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस लेने होते हैं जैसे
- सबसे पहले आपको रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है
- उसके बाद में आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवाना पड़ता है
- इसके बाद में आपको स्थानीय प्राधिकरण से भी लाइसेंस लेना होता है
- फिर आपको फूड विभाग से भी लाइसेंस की जरूरत होगी
- फिर आपको आपके ब्रेड का नाम और लोगो भी रजिस्टर करवाना होता है
- फिर आपको फायर एवं पॉल्यूशन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट बनवाना होता है
- इसके अलावा आपको वित्त संबंधी भी जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है
मशीनें व कर्मचारी
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया हींग को बनाने के लिए कई अलग-अलग प्रकार की प्रक्रिया से गुजारा जाता है जिसके लिए कई अलग-अलग प्रकार की मशीनों की आवश्यकता होती है यदि आप इस व्यवसाय को शुरू करते हैं.
तब आपको उन सभी मशीनों को अपनी बिल्डिंग में लगवाना पड़ता है इस व्यवसाय में आपको मुख्य रूप से टेबलेट मेकिंग मशीन, पैकिंग मशीन, मिलिंग मशीन, मिक्सर ग्राइंडर और इसके अलावा दूसरी छोटी बड़ी मशीनों की आवश्यकता हो सकती है.
इन सभी मशीनों को आप मार्केट से आसानी से खरीद सकते हैं जब आपकी फैक्ट्री में मशीनें आ जाती है फिर आपको कुछ कर्मचारियों की आवश्यकता होती है इस व्यवसाय में आपको अपने व्यवसाय के हिसाब से कर्मचारी रखने पड़ते हैं.
लेकिन आपको एक्सपीरियंस कर्मचारियों की भी आवश्यकता होगी जिन्होंने पहले इस काम को किया हो क्योंकि हींग पाउडर को बनाने के लिए इसमें गोंद व स्टार्च डाला जाता है जिसमें इसको अलग-अलग मात्रा में डालना होता है. इसके अलावा आपको पैकिंग व साफ-सफाई के लिए भी कुछ कर्मचारियों की आवश्यकता हो सकती है
कच्चा माल
जैसा कि हमने आपको पहले भी जैसा कि हमने आपको शुरू में बताया पाउडर बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में हींग को अफगानिस्तान व् ईरान से मंगवाया जाता है जिसके लिए आप सीधा भी संपर्क कर सकते हैं या आपकी से भारतीय बड़े व्यापारी से संपर्क करके कच्चे माल के रूप में हींग मंगवा सकते हैं.
लेकिन यदि आप एक बार में ही काफी मात्रा में हींग मंगवा कर स्टॉक कर लेते हैं तब आपको इससे काफी फायदा हो सकता है क्योंकि यह एक ऐसी चीज है जो कि काफी लंबे समय तक खराब नहीं होती.
हींग पाउडर कैसे बनाया जाता है
एक पाउडर बनाने के लिए सबसे पहले हींग के पेस्ट को पानी में भिगोया जाता है फिर कुछ देर बाद इस भीगे हुए उनके हींग के पेस्ट को बाहर निकालकर मिक्सर ग्राइंडर डालकर इसमें अच्छी तरह से गोंद व स्टार्च मिलाया जाता है जब भीगी हुई हींग के साथ यह दोनों चीजें अच्छी तरह से मिल जाती है.
उसके बाद में इस मिले हुए मिश्रण को बाहर निकालकर इसे मिलिंग मशीन के साथ इसको पाउडर बनाया जाता है फिर कई बार इस पाउडर को सीधा भी पैक किया जाता है.
कई बार इस पाउडर की छोटी गोलियां भी बनाई जाती है. जिसके लिए इसको अलग पैकिंग हॉल में भेज दिया जाता है वहां से इसको अलग-अलग पैकिंग में पैक करके होलसेलर के पास भेजा जाता है.
लागत व कमाई
यदि आप इस व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तब आप इस व्यवसाय को बहुत ही छोटे स्तर पर भी शुरू कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे इस व्यवसाय को बड़ा कर सकते हैं. यदि आप इस व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं .तो शुरू में आपको इस व्यवसाय के लिए कम से कम 2 से ₹5 लाख की आवश्यकता जरूर होगी.
यदि आपका यह शुरू हो जाता है तब आपको इस व्यवसाय से काफी अच्छा पैसा मिलने लगता है क्योंकि इस व्यवसाय में इस्तेमाल होने वाली कच्ची हींग का पेस्ट काफी कम मात्रा में आता है और जब पाउडर व गोलियां बनकर तैयार हो जाती है.
तब मार्केट में इसकी कीमत लगभग 300 से ₹400 प्रति किलो के आसपास भी हो जाती है यदि आप अच्छी क्वालिटी की हींग तैयार कर लेते हैं तब मार्केट में आपके माल की मांग बहुत तेजी से बढ़ती है बाकी यह आपके काम के ऊपर और आपके माल की क्वालिटी के ऊपर ज्यादा निर्भर करता है.
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताए गई हींग पाउडर के व्यवसाय के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.