IPC की कौन सी धारा किस अपराध के लिए लगाई जाती है और उसमें क्या सजा होती है

IPC की कौन सी धारा किस अपराध के लिए लगाई जाती है और उसमें क्या सजा होती है

Indian Penal Code in Hindi ? आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और बहुत ही जरूरी जानकारी बताएंगे. यह जानकारी आपको लिए जानना बहुत ही जरूरी है. जैसा कि आप सभी जानते हैं. कि हमारे आसपास में लोगों के बीच झगड़ा होना आम बात है. और झगड़ा सिर्फ एक छोटी सी बात को लेकर भी हो सकता है.

लेकिन जब किसी का झगड़ा हो जाता है. तो कई बार कोई आदमी पुलिस में शिकायत कर देता है. तो उस समय आपको कौन-कौन सी कौन सी धाराएं लगती हैं कितनी सजा हो सकती है. उनके बारे में आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे. क्योंकि किसी को थप्पड़ मारना या किसी से मारपीट करना या किसी से  छेड़छाड़ करना

या किसी से छीना झपटी करना या इस तरह की घटनाएं आम होती रहती है. और आपके आसपास भी हर रोज ऐसी घटनाएं होती होगी तो इसके लिए उनको आप किस-किस तरह की सजा दिलवा सकते हैं. उनके बारे में हम आपको इस पोस्ट में नीचे पूरी और विस्तार से जानकारी दे रहे हैं.

तो आप इस जानकारी को अच्छी तरह से और ध्यान से पढ़ें. ताकि अगर आपके आसपास भी कोई ऐसी घटना होती है. तो आप पुलिस में कंप्लेंट कर सकें और सजा दिलवा सके. तो देखिए

IPC कि धारा 323

हम आपको आज इस पोस्ट में धारा 323,324,325,326 के बारे में पूरी जानकारी देंगे यह धारा कब और किस किस घटना पर आपको लग सकती है. वैसे तो आम घटनाएं आपके आसपास होती ही रहती है. लेकिन वह घटना है पुलिस तक नहीं पहुंचती है. और आपसी सहमति से ही फैसला किया जा सकता है. गुस्से में आकर या वैसे ही लोग पुलिस में शिकायत दर्ज करवा देते हैं.

आजकल के समय में जैसे आम घटना किसी को थप्पड़ मारना ऐसे मामलों की शिकायत की जा सकती है. इसलिए इस तरह की घटनाओं पर पुलिस सीधे FIR दर्ज नहीं करती है.क्योंकि इस तरह की घटनाएं cognizable offence में नहीं आती है. इसलिए पुलिस FIR दर्ज नहीं करती है.लेकिन अगर फिर भी वह आदमी चाहता है. कि इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की जानी चाहिए.

तो वह इस मामले के लिए अदालत के सामने अर्जी दाखिल करके FIR दर्ज करने की अपील की जा सकती है. आम तौर पर होने वाली मारपीट में मामले में IPC कि धारा 323 के अनुसार केस दर्ज किया जाता है. और शिकायत के लिए पहले अदालत को फैसला करना पड़ता है. फिर उसके बाद शिकायत दर्ज की जाती है.

अगर किसी के साथ किसी भी तरह की मारपीट करता है. तो उस आदमी को पहले अपना मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार करवा लेना चाहिए यानी एमएलसी क्योंकि जब कोर्ट में शिकायत जाएगी तो उसके लिए आपके पास सबूत के तौर पर यह मेडिकल सर्टिफिकेट होना बहुत जरूरी है. और मेडिकल सर्टिफिकेट जब भी किसी के साथ मारपीट होती है.

तो किसी भी डॉक्टर से करवाया जा सकता है. मेडिकल सर्टिफिकेट में डॉक्टरों द्वारा जानकारी दी जाती है.कि घायल व्यक्ति को कितनी चोट लगी है उसको किस तरह के हथियार से चोट मारी गई है और यह चोट किस तरह से लगी है

यह सभी जानकारी डॉक्टर उसे मेडिकल सर्टिफिकेट में लिखता है और उसके साथ-साथ डॉक्टर अपनी राय भी लिखता है.कि घायल व्यक्ति के इलाज पर कितना खर्च आएगा उसको कितना नुकसान हुआ है. और वह कब तक ठीक होगा यह सभी बातें डॉक्टर उस सर्टिफिकेट में अपनी राय में लिखता है.

IPC धारा 324

अगर आपके साथ किसी भी तरह की कोई साधारण मारपीट हुई है. और मारपीट के दौरान आपको किसी ने किसी हथियार से जख्मी कर दिया है. या आपको हथियार से चोट पहुंचाई है. तो उस समय यह मामला IPC धारा 324 के अनुसार दर्ज किया जाता है. इस तरह के मामले में जो शिकायत करता है.

उसके अनुसार पुलिस सीधे FIR दर्ज करती है. और मारपीट करने वाले को दोषी करार दे दिया जाता है. तो उसे ज्यादा से ज्यादा 3 साल तक की कैद भी हो सकती है. यह मामला गैर जमानती और गैर समझौतावादी दोनों तरह से मारा जाता है. यानी कि इसमें मारपीट करने वाले को ना तो किसी तरह की जमानत होती है.

और ना ही किसी तरह का समझौता होता है. और साथ ही यह cognizable offence की श्रेणी में भी आता है. और यदि बाद में अगर दोनों पक्षों के लोगों में समझौता हो जाता है. उसके बाद भी FIR को कोर्ट की इजाजत के बगैर खत्म नहीं किया जाता

अगर FIR को खत्म करवाना है. तो कोर्ट की इजाजत लेनी होती है. लेकिन समझौता होने के बाद पुलिस FIR को खत्म नहीं कर सकती है. उसके लिए पहले कोर्ट से परमिशन लेने की जरूरत होती है.

IPC धारा 325

अगर कोई आदमी लड़ाई के दौरान या मारपीट के दौरान किसी भी आदमी को गंभीर रुप से घायल कर देता है.या चोट पहुंचाता है. तो यह मामला IPC धारा 325 के अनुसार दर्ज किया जाता है. और यह मामला भी cognizable offence की श्रेणी में आता है. लेकिन इस मामले में समझौता हो सकता है. साथ ही इस अपराध में जमानत भी हो सकती है.

IPC धारा 326

अगर कोई आदमी किसी भी खतरनाक हथियार से किसी को गंभीर रुप से जख्मी कर दे  या उसको गंभीर रूप से चोट पहुंचा दे तो IPC की धारा 326 के अनुसार उसके ऊपर केस दर्ज किया जाता है. किसी को चाकू मारना

या किसी भी शरीर के अंग को चीर देना या काट देना या किसी दूसरी चीज से ऐसा जख्म देना जिससे कि उसकी जान जाने का भी खतरा हो तो यह सभी मामले धारा 326 के अंतर्गत आते हैं.

अगर कोई इंसान किसी दूसरे आदमी की हड्डी तोड़ दिया उसके दांत तोड़ दे तो भी इसी धारा के अंतर्गत उसके ऊपर केस चलाया जाता है. और यह मामला गैर जमानती और गैर समझौता वादी होता है. ना ही तो इसमें जमानत होगी और ना ही इसमें किसी तरह का समझौता होगा

और अगर इसमें मारने वाले के खिलाफ अपराध साबित हो जाता है.जिसमें अपराधी दोषी पाया जाता है. उसके खिलाफ पूरे सबूत मिल जाये जिससे यह साबित होता है. तो उसको 10 साल या उम्र कैद की सजा हो सकती है. धारा 326 एक सख्त धारा है.

 IPC धारा 307

अगर कोई इंसान किसी के ऊपर जान लेने के इरादे से हमला करता है. या उसे जान को उसे मारने के लिए ही हमला करता है. उसको मार देना चाहता है. और इस स्थिति में वह इंसान दूसरे के ऊपर हमला करता है. तो उस आरोपी के ऊपर  IPC की धारा 307 के तहत कैसे चलाया जाता है. यानी की हत्या करने की कोशिश या अटेंप्ट टू मर्डर का केस दर्ज किया जाता है. और यदि हमला करने वाला इसमें दोषी पाया जाता है. उसके ऊपर अपराध साबित हो जाता है. तो उसे उम्र कैद तक की सजा हो सकती है.

IPC की धारा 308

अगर कोई आदमी किसी दूसरे आदमी के ऊपर हमला कर देता है और उससे उसकी जान का खतरा हो जाता है. लेकिन उस आरोपी का इरादा जान लेने का नहीं था यानी वह गलती से उसके ऊपर जान लेने का हमला कर देता है.

तो उस स्थिति में उसके ऊपर उसके ऊपर गैर इरादा हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया जाता है. और इस स्थिति में हमला करने वाले के ऊपर IPC की धारा 308 के तहत केस दर्ज होता है.

अगर दोषी के ऊपर अपराध साबित हो जाता है या इसमें हमला करने वाला दोषी पाया जाता है तो उसको लगभग 7 साल तक की सजा हो सकती है. तो यह कुछ ऐसी धारा है जो कि हमारे आस पास होने वाली हर रोज की घटनाओं में दोषी पाए जाने वाले लोगों के ऊपर लागू की जाती है और उनको सजा दी जाती है.

आज हमने आपको इस पोस्ट में kanoon ki dhara list in hindi bharat ki kanuni dhara in hindi kanuni dhara list IPC की कुछ ऐसी धाराओं के बारे में विस्तार से बताया है.

जिन में अपराधी को सजा होती है. तो यदि आपको हमारे द्वारा बताई गई है जानकारी पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.

22 thoughts on “IPC की कौन सी धारा किस अपराध के लिए लगाई जाती है और उसमें क्या सजा होती है”

  1. Kya koi hamare ghar ke aage gate ke samne hamari Anumati ke bina kisi samaharo ya dharmik karye ke tant laga sakta hai jise hamare aavagaman main pareshani ho

  2. रामपाल

    शराब में ज़हर मिलाकर पिलाने पर कौनसा धारा अभियुक्त पर लगेगा

  3. Rajkumar chaudhary

    Ips कि धारा 307 के तहत जिसमें जान से मारने वाले अपराधियों को जो उम्र कैद की सजा दि जाती हैं या हो सकती हैं ।उदाहरण के तौर पर अगर किसी जबान लड़की को आदमी ने कुछ गलत करने को कहा जिसपर लड़कि के मना करनें पर उस लड़कि को बेहरहमी से पीटा जिसपर लड़की के भाई लोगों के साथ लड़ाई झगड़े हूये जिसमें गलती से किसी हथियार से उस व्यक्ति के ऊपर आघात हो गया जो लोगों ने लड़की के साथ दूरबयबहार किया था उनके ऊपर ,इस विषय में Ips कि धारा Kya Kahegi .

  4. Agar humari complaint pehle gei hai k humare sath maar peet ki or samne vale juthi MRL karwake report baad me de to kiski suni jayegi or hume kya karna chahiye

  5. Vishal saxena

    Agar ladki kisi ladke se ye kahe ki tum mera phon nahi uthate ya mighe pyar nahi karte mai Mar jaungi aur ladki Mar jati hai to ladke pr kaun si Sazaa hogi

  6. Meri sister ko mere ghar k shamne Wala ladka 3 din she ched Khani kar raha tha mere sister be ghar me 3re din ladke ne Nahate time video bana shuru kar diya din me 10: 00 bajye us time ghar me or as pados me bhi koi nahi tha jab Saam ko ghar mere papa or me diuty she ghar aye tab sister ne hame batya or fir hamne apne as pados she shla li sabne yahi bola ki aap 100 no par call karo or fir mene 100 no par call kiya
    Police I ladke ko or mujhe jipshe me betha kar thane me le Gaye ladke ka phone check kara ki usne video banaya ki nahi video uske phone me nahi mila uske baad ushe pita tune yesha kun kiya ladka bola ki meri jaan le lo Lekin mene video nahi banaya fir police ne mujhe kamre me bulaya or bole ki aap k pass ki sabut nahi hai batao kiya karna hai mene bola ki mujhe case karna hai fir wapas ghar pay le kar aye mujhe or meri sister she bayan likhwa ki ladke ne mera video banaya or mujhe 3 din she ched raha tha
    Me koi kanuni kaarwahi nahi cheatin or singncehr karwa liya or fir bole ki ab ham subha ayengye or fir police ne raat ko ladke walo ko thane me bulaya or unshe pucha ki aap ko kiya karna hai ladke ke pariwar walo ne kaha ki galitin ho gai or aap le de ke case Khatam Karo
    Fir 5 police wale mere ghar par raat 12:00 bajye ate hai or mere pariwar ko bolte hai ki aapne apna bayan likhdiya hai or ab to koi jhagda nahi hoga apas me hamne bola ki hamne to samjota kiya hi nahi hai ham to case karenge fir police ne kaha ki me bhi dekta hun ki tum log case keshe kartye ho or mujhe jabr jastin jipshe me betha kar adhe raastye me jipshe rock kar mujhe mara thane me band kar diya or bola me tum dono ka crocs cace banata hun dono party ko band kardeta hun thane me mujhe thanye me band karne k baad meri family ko darya ki abto dono band hoyenge dono party ka same case hai
    Mere pariwar walone kaha ki police walo payshe mangrahe hai case karne k liye pesha nahi hai to aap ka ladka bhi sathe me band hoga thane me
    Ladke walo ne pesha daye diya or ladke ko chode diya or fir raat ko 3:00 bajye mujhe bhi chodiya or Boyle ki confirm mis ho gaya hai or ab jo jhagda karenge ushe Utah kar band kardunga thane me.
    Mujhe ab kiya karna chahiye

  7. Agar kisi ka dharmaa nahi deta hai to uski dhara kitna hai….
    Agar kisi ko kaam kara ke paisa na de tu uski dhara kia hai

  8. Sir mere pe 324 lgi hai or jisse mera ladayi hui hai us pr 307 lgi hai to sir isme muje bhi saja ho skti hai please reply me

  9. विकलांग की सम्पत्ति हड़पने पर कोनसी धारा लगती है

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