मलेरिया क्या है इसके लक्षण और बचाव के उपाय
मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो मादा ‘एनोफिलीज’ मच्छर के काटने से होता है यह इतनी ज्यादा फेलने वाली बीमारी है की हर साल 25 अप्रैल को विश्वभर में मलेरिया दिवस मनाया जाता है यूनिसेफ द्वारा इस दिन मलेरिया दिवस इसलिए इस दिन मनाया जाता है इस से इस रोग पर जनता को जागरूक किया जा सके जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं
उनकी संख्या कम की जा सके क्योकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)का माना है की दक्षिण पूर्व एशिया में कुल मलेरिया के मामलों में से 77% मामले भारत में हैं यह रोग मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, दक्षिणी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पूर्वोत्तर राज्यों में बहुत ज्यादा इस बीमारी का प्रकोप बहुत ज्यादा है
अब तो लोग बहुत जागरूक हो गये है लेकिन यदि लोग अच्छे से अपने आप से लेकर घर तक की सफाई करके रखे और मच्छर ना होने दे तो ऐसी बीमारी से बचा सकता है क्योकि यह मच्छर गंदे और दूषित पानी में पनपते हैं जो उड़कर हम तक पहुंचते हैं डेंगू के मच्छर का काटने का समय जहां सूर्यास्त से पहले होता है
वहीं, मलेरिया फैलाने वाले मच्छर रात को काटते है इसलिए इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका घर में एक भी मच्छर ना होने दे आज हम यंहा आपको बतायेंगे की मलेरिया के क्या क्या लक्षण हो सकते है और मलेरिया के क्या होने के क्या कारण है |
मलेरिया के लक्षण – Malaria Symptoms In Hindi
मलेरिया संक्रमित मच्छरों के काटने के सात दिनों बाद पता चलता है |
- ठंड के साथ जोर की कंपकंपी होना और बुखार चढ़ जाना और कुछ देर बाद नॉर्मल हो जाना
- पसीना निकलने पर बुखार कम होना
- बहुत बारी उल्टी होना या जी मचलना लगने लगता है|
- शरीर में खून की कमी होना और शरीर कमजोर हो जाता है|
- हाथ पैरों खासकर जोड़ों में दर्द होने लगता है
- आंखों की पुतलियों का रंग पीला हो जाता है|
- कमजोरी और थकान महसून होने लगता और कंही भी जाने का मन नही करता है
- सिर में तेज दर्द होने लगता है
- तेज बुखार सहित फ्लू जैसे कई लक्षण सामने आने लगते है |
मलेरिया के कारण – Malaria Causes in Hindi
मलेरिया होने का मुख्य कारण परजीवी मादा मच्छर एनॉफिलीज है। दरअसल प्लाज्मोडियम नामक परजीवी मादा मच्छर एनॉफिलीज के शरीर के अंदर पलता है और जब यह मच्छर किसी को काटता है तो प्लाज्मोडियम शरीर में छोड़ देता है और कुछ दिन बाद यह परजीवी अपने लक्षण दिखाने लगता है
क्योकि यह सीधा लाल रक्त कोशिकाओं पर प्रभाव डालती है और ब्लड ट्रासफ्यूजन के जरिये दूसरे व्यक्ति में भी संप्रेषित हो सकते हैं और कोई एक प्रकार का परजीवी नही होता है प्लाज्मोडियम परजीवी कई अलग-अलग प्रकार के होते हैं कम से कम पांच ऐसे प्लाज्मोडियम परजीवी हैं जिनके कारण हमारे शरीर में मलेरिया फैलता है|
मलेरिया से बचाव – Prevention of Malaria in Hindi
मलेरिया से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है की अपने आस पास कंही भी मच्छर ना होने दे और किसी भी मलेरिया का रोगी यदि आपके पास में है तो उसके पास भी किसी भी प्रकार मच्छर ना होने दे और कुछ बचाव के ये उपाय कर सकते है |
- अपने घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें।
- सभी मच्छर-दानी लगाकर सोएँ उस पर मच्छर मारनेवाली दवा लगाये |
- घर के दरवाज़ों और खिड़कियों पर जाली लगाएँ और ऐ.सी. और पंखों का इस्तेमाल करें, ताकि मच्छर एक जगह पर न बैठें।
- हलके रंग के कपड़े पहनिए जिनसे आपका शरीर पूरी तरह ढका हो।
- ऐसी जगह पर मत जाइए, जहाँ झाड़ियाँ हों क्योंकि वहाँ बहुत मच्छर होते हैं, या जहाँ पानी इकट्ठा हो क्योंकि वहाँ मच्छर पनपने का खतरा होता है।
मलेरिया का इलाज – Malaria Treatment in Hindi
मलेरिया के इलाज करवाने के लिए सबसे पहले कुछ टेस्ट करवाने पड़ते है जैसे;-
सूक्ष्मदर्शी जांच- मलेरिया की पहचान करने के लिए ब्लड प्लेटलेट्स का सूक्ष्मदर्शी से परीक्षण करना सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता है क्योकि इस टेस्ट में मलेरिया के सभी परजीवियों की पहचान कर उसकी रोकथाम अलग-अलग रूपों में की जा सकती है|
एंटीजन टेस्ट- मलेरिया की जांच के लिए कई मलेरिया रैपिड एंटीजन टेस्ट भी किया जाता है इस टेस्ट में रक्त की एक बूंद लेकर 15-20 मिनट में ही रिजल्ट आ है |
मलेरिया आरटीएस- मलेरिया आरटीएस टेस्ट भी मलेरिया के लिए किया जाता है और या ज्यादा पुराण टेस्ट नही अभी पिछली कुछ सल्लो से यह टेस्ट किया जाने लगा है |
यदि ये टेस्ट करवाने के बाद यह पता चलता की मलेरिया हुआ है तो उसका इलाज उसी टाइम करवाए .
मलेरिया का इलाज करने के लिए ऐंटिसीज़र दवाई दी जाती है क्योकि मलेरिया के इलाज में ऐंटिमलेरियल ड्रग्स और लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए ये दवाई डॉक्टर द्वारा दी जाती है और मलेरिया के अन्दर डॉक्टर के द्वारा कुछ ऐसी टेबलेट और इंजेक्शन दिए जाते है जैसेः क्विनीन, मेफ्लोक्विन, डॉक्सीसाइक्लिन उनके ऊपर दूध बहुत ज्यादा पीना पड़ता है
यदि फाल्सीपेरम मलेरिया हुआ है तो यह बहुत गंभीर मामला होता है और इसके लिए बहुत बारी ICU में भी भर्ती होना पड़ जाता है इसलिए इस से अच्छा है की समय रहते इलाज करवा लेना चाहिए|
मलेरिया में क्या खांए?
- मलेरिया ज्वर में अमरूद खाने से रोगी को लाभ होता है।
- नीबू को काटकर उस पर काली मिर्च का चूर्ण व सेंधा नमक डालकर चूसें, स्वाद ठीक होगा और फायदा भी पहुंचेगा।
- पीपल का चूर्ण बनाकर शहद मिलाकर सेवन करने से मलेरिया के बुखार में लाभ होता है।
- तुलसी के पत्ते व काली मिर्च को पानी में उबालकर, छानकर पिएं।
- मलेरिया के रोगी को सेब खिलाएं, यह मलेरिया में फायदा करता है।
- चाय, कॉफी व दूध लें। चाय में तूलसी के पत्तें काली मिर्च, दालचीनी या अदरक डाल कर पियें।
- दाल-चावल की खिचड़ी, दलिया साबूदाना का सेवन करें ये पचने में आसान होते हैं और पोष्टिक भी होते हैं।
मलेरिया में क्या न खांए?
- रोगी को आम, अनार, लीची, अनन्नास, संतरा आदि नहीं खाने चाहिए।
- मलेरिया में दही शिकंजी गाजर मूली आदि न खाएं।
- ठंडा पानी बिल्कुल न पियें और ना ही ठंडे पानी से नहाएं।
- AC में ज्यादा न रहें और न ही रात को एसी में सोएं।
- मिर्च-मसाले व अम्ल रस से बने खाद्य पदार्थों का ज्यादा सेवन ना करे|
- ठंडी तासीर के फल का सेवन ना करे |
मलेरिया के घरेलू उपाय
Home remedies for malaria in Hindi – मलेरिया होने पर वैसे तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए लेकिन यदि कुछ घरेलू उपाय भी कर सकते है जैसेः-
काली मिर्च- यदि मलेरिया हुआ है तो दिन में दो से तीन बार तीन से चार काली मिर्च प्याज के रस के साथ ले मलेरिया में बहुत आराम मिलेगा और बहुत जल्दी ठीक हो जायेगा|
पपीते का पते – पपीते के पते का जूस बनाकर दिन में दो से तीन बार सेवन करे मलेरिया से बहुत जल्दी छुटकारा मिल सकता है|
फिटकरी- यदि मलेरिया हुआ है और एक ही दिन हुआ है तो आप फिटकरी को भूनकर तोवे पर उसका पाउडर बना ले और उसको दिन दो बार ले गर्म पानी साथ बहुत आराम मिलेगा |
जामुन की छाल का पाउडर – जामुन की छाल को सुखाकर उसको पीसकर उसका पाउडर बना और दिन में दो से तीन बार गुड के साथ मिलकर ले मलेरिया के लिए एक अच्छी दवाई है |
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