पियानो का आविष्कार किसने किया और कब किया
पियानो एक बहुत ही दिलचस्प अतीत के साथ एक अविश्वसनीय संगीत वाद्ययंत्र है जो संगीत की दुनिया में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योकि इसके अंदर एक व्यक्ति खुद ही संगीत बना सकता है और आज संगीत का सोक रखने वाले पिआनो जरुर रखते है पिआनो में 88 स्वर हाते हैं, जो अष्टकों में विभक्त होते हैं
और 49 वा स्वर पिच ए कहलाता है और उसकी आवृत्ति 440 प्रति सेकंड होती है और पियानो के लिए अपनी पूरी रेंज की ध्वनि बनाने के लिए 230 स्ट्रिंग्स आवश्यक हैं पियानोओस में आम तौर पर लगभग 220-230 तार होते हैं जो स्टील से बने होते हैं और हथौड़ों के द्वारा चोट लगने पर ध्वनि उत्पन्न होती है प्रत्येक स्ट्रिंग आमतौर पर करीब 168 पौंड तनाव रखती है,
आम तौर पर पियानो को पर्क्यूशन परिवार का पार्ट माना जाता है क्योंकि यह केवल शोर करता है जब एक हथौड़ा स्ट्रिंग मारता है और पियानो को “इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ किंग्स” के नाम से जाना जाता है और लोग इसके कितने दीवाने है इसका अंदाजा यहा से लगाया जा सकता है की अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में 18 मिलियन गैर पेशेवर पियानो खिलाड़ी हैं,
और 10 मिलियन से अधिक पियानो हैं और इनको सिखाने के लिए अब तो क्लास भी दी जाती है लेकिन इनको कोस्ट थोड़ी ज्यादा होती है तो इसे सभी नही खरीद पाते है और इसके बहुत पार्ट होते है लगभग 7500 पार्ट होते है इसे और इसे बहुत बारीकी से बनाया जाता है इसलिए इसकी कीमत ज्यादा होती है |
पिआनो का अविष्कार
Invention of piano in Hindi – पियानो ने आधुनिक और शास्त्रीय संगीत के लिए बहुत योगदान दिया है और यह पहली बार 1700 के दशक में बनाया गया था यह एक harpsichord से उत्पन्न हुआ है आधुनिक पियानो का आविष्कार पडुआ, इटली के बार्टोलोमियो क्रिस्टोफोरी (1655-1731) को श्रेय दिया जाता है
और इसका वर्णन “गियोर्नले द लेतराती द इटैलिया” नामक पुस्तक में है, जिसे मार्कीज सोपियोनी मैफी ने लिखा था तथा जिसे अपास्टलो ज़ेनो ने सन् 1711 में छपवाया था,
उस समय क्रिस्तेफर ने दो पियानो का आविष्कार किया। एक का सन् 1720 में तथा दूसरे का सन् 1726 में किया था सन ,1760 ई. में इंग्लैंड में पियानो आया और वहाँ सन् 1766 में पियानो बनानेवाले एक जर्मन था
जिसने वह पियानो बनाने चलू किये सिल्वमैन नाम का व्यक्ति 1721 ई. में सबसे अच्छा पियानो बजानेवाला था पियानो का इतिहास भी उतना ही दिलचस्प और उल्लेखनीय रहा है।
सन ,1997 में स्टीनवे पियानोस ने अपनी 150 वीं वर्षगांठ मनाई गयी थी पियानो के दो प्रकार हैं – ग्रैण्ड पियानो तथा अप-राइट पियानो ग्रैण्ड पियानो में फ़्रेम और स्ट्रिंग्स होरिज़ोण्टल होते हैं और स्ट्रिंग्स की-बोर्ड से बाहर की तरफ़ निकलते हुए नज़र आते हैं। ध्वनि जो उत्पन्न होती है, सन 1777 में शब्द ‘ग्रांड’ पहली बार इस्तेमाल किया गया था ..
उधर दूसरी तरफ़ अप-राइट पियानो, जिन्हें वर्टिकल पियानो भी कहते हैं, आकार में छोटे होते हैं दुनिया में सर्वश्रेष्ठ पियानो ब्रांड को स्टीनवे पियानो माना जाता है
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आज आपको इस पोस्ट में हारमोनियम का इतिहास पंजाब का वाद्ययंत्र पियानो के जैसे संगीत बजाना ही कम्प्यूटर में काॅमन कीबोर्ड का मूलभूत कार्य है मंजीरा वाद्य यंत्र के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से दी है तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आए तो लाइक और शेयर जरूर करें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं.