तेल का कुआँ की खोज किसने की
प्रतिदिन समय के साथ बढ़ती हुई टेक्निक के कारण बहुत सी अच्छी-अच्छी चीजें बाजार में आ रही है वह सही किसी भी चीज की टेक्निक हो दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है चाहे कोई इंटरनेट से संबंधित या या किसी मोबाइल लैपटॉप मशीन गाड़ी किसी की भी टेक्निक हो किसी भी क्षेत्र में हम बात कर ले दिन-प्रतिदिन इतनी तेजी से इन चीजों में बढ़ोतरी हो रही है
कि अंदाजा भी नहीं लगा सकता हर दिन कोई न कोई गाड़ी मोबाइल लैपटॉप नया लॉन्च हो रहा है और गाड़ियों की बात करें तो गाड़ियां तो इतनी नई-नई और महंगी महंगी गाड़ी आ रही है दिन प्रतिदिन गाड़ियों की इतनी बढ़ती हुई जनसंख्या से हम बहुत दिक्कत में आ सकते हैं वैसे यह गाड़ियां पर्यावरण के लिए तो प्रदूषण का कारण बनती ही है
लेकिन अगर हम इतनी ज्यादा गाड़ियां चलाएंगे और उसके अंदर इतने ज्यादा तेल का इस्तेमाल करेंगे तो एक दिन कहीं ना कहीं हमें तेल के लिए बहुत ज्यादा पैसा खरीदना पड़ सकता है और तेल कभी भी खत्म हो सकता हैऔर ना ही तेल कोई ऐसी चीज है जिसको की बनाया जा सकता है तेल को बनने में लगभग लाखों करोड़ों साल लग जाते हैं
जब जाकर तेल बनता है और तेल के भंडार बहुत तेजी से खत्म हो रहे हैं तेल एक ऊर्जा का स्त्रोत है. हम बात किसी भी ऊर्जा के पदार्थ की करें तो सबसे ज्यादा तेल का ही इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि दुनिया भर में तेल के कारण ही इतनी बड़ी बड़ी गाड़ियां जहाज जैसी चीजें चलती है
लेकिन आज हम इस पोस्ट में आपको तेल की खोज के बारे में बताएंगे कि तेल की कुएं की खोज किस तरह से हुई और सबसे पहले तेल का कुआं कब और कहां खोदा गया था वैसे जमीन से तेल को निकालना कोई आसान काम नहीं है और यह जमीन से निकलते ही सीधा हमारे गाड़ियों तक नहीं पहुंचता इसके लिए पहले इसको शोद्षालय के अंदर ले जाया जाता है
फिर वहां पर इसको शुद्ध करके इससे कुछ चीजों को अलग किया जाता है और फिर यह हमारी गाड़ी गाड़ियों में डालने लायक होता है सबसे पहले तेल के कुएं का आविष्कार खोज किसने और कहां की थी. तो यह सबसे बड़ी खोज थी जिसने की दुनिया बदल कर रख दी अगर तेल नहीं होता तो शायद इतनी तेजी कभी भी नहीं आती जो कि हम कुछ ही समय में दूरी तय कर सकते हैं
वह पहले लगभग महीने लग जाते थे उतनी दूरी को तय करने में और आजकल हम कुछ ही समय में तय करते हैं तो इसमें तेल का बहुत ही बड़ा महत्व है तो हम आपको नीचे तेल की खोज के बारे में बता रहे हैं आप इस जानकारी को अच्छी तरह से पढ़ें
तेल का कुआँ की खोज किसने की
who discovered oil well in Hindi खनिज तेल जिस की सहयता से हमे अनेक उर्जा के स्रोत मिलते है और खनिज तेल धरती के अंदर पाया जाता है और ये प्राचीन समय के जीव जंतु मरने के बाद दबे हुए है उनसे बनता है खनिज तेल को शुद्ध कर उससे पेट्रोल, डीजल और केरोसिन आॅयल के भिन्न-भिन्न गुण और स्तर वाले तेल बनाए जाते हैं
और दिन भर इसकी मांग बढती जा रही है और खनिज तेल के भंडार खत्म होते जा रहे है सड़क पर दौड़ने वाले वाहनों, जलयानों, वायुयानों त्और रॉकेटों तक में खनिज का ही प्रयोग किया जाता है पहले दुनिया में कहीं भी खनिज तेल की खोज नहीं हुई थी, तक तक तेल दूसरे प्राकृतिक स्रोतों से निकाला जाता था। जैसे-ह्वेल मछली, पशुओं की चर्बी और प्राकृतिक मोम आदि .
कहा जाता है 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में कोयले से तेल निकालने के प्रयास किए जा रहे थे और इस प्रकार निकाला गया तेल कम मात्रा में तो मिलता ही था जिस से उसकी कीमत बहुत ज्यादा होती थी र्इंधन के अन्य स्रोतों के रूप में लकड़ी और कोयला बहुतायत से उपयोग में लाया जाता था
तो उत्तरी अमेरिका के एक अनपढ़ और बेरोजगार व्यक्ति ‘एडविन एल डेक’ ने खनिज तेल की खोज कर डाली प्रारंभ के कीचड़युक्त इस तेल का नमूना देखकर एक वकील ने उसकी जांच एक प्रयोगशााला में कराई। जांच में यह नतीजा सामने आया कि अगर इस तेल को शुद्व किया जाए तो यह जलाने में कोयले से निकाले गए तेल की अपेक्षा अधिक उपयोगी सिद्ध हो सकता है .
तो सन 1859 में एडविन ने टिटसविले पेंसिलवेनिया में विश्व का प्रथम तेल का कुआं खोदा और 1867 तक पहले उत्तरी अमेरिका में खनिज तेल खोज ने दुनिया में क्रांति ला दी अन्य देशों में भी खनिज तेल की खोज की और औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया
और आज अरब या खाड़ी के देशो में दुनिया का सबसे ज्यादा खनिज तेल के कुए है और बात अपने देश भारत की करे तो यहा भी बहुत खनिज तेल के कुए है स्वतंत्रता प्राप्ति के समय तक मात्र असम में ही खनिज तेल निकाला जाता था .
लेकिन उसके बाद गुजरात तथा बाम्बे हाई में खनिज तेल का पता लगाया गया भारत में सम्भावित तेल क्षेत्र 14.1 लाख वर्ग किमी. पर विस्तृत हैं जिसका 85 प्रतिशत भाग स्थल पर है एवं 15 प्रतिशत भाग अपतटीय क्षेत्र में और भारत का कुल खनिज तेल भंडार 1750 लाख टन बताया है भारत के तीन प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं- जहाँ से खनिज तेल प्राप्त किया जा रहा है।
इनमें सबसे महत्तवपूर्ण तेल क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी राज्यों असम तथा मेघालय में फैला है, जबकि दूसरा महत्तवपूर्ण क्षेत्र है- गुजरात में खम्भात की खाड़ी का समीपवर्ती क्षेत्र। मुम्बई तट से लगभग 176 किमी दूर अरब सागर में स्थित बाम्बे हाई नामक स्थान भी तेल उत्खनन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हो गया है।
यहाँ पर 1250 लाख टन तेल भंडार अनुमानित किये गये है। वर्ष 2007-08 के दौरान कुल 341 लाख टन कच्चे पेट्रोलियम का उत्पादन हुआ था |
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तो आज हमने आपको इस पोस्ट में तेल के कुएं की खोज के बारे में बताया इसमें हमने आपको बताया कि तेल की खुद की खोज किसने और कब की थी और तेल से संबंधित कुछ और जानकारी यह जानकारी यदि आपको पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपको इसके बारे में कोई सवाल एक सुझाव हो तो प्लीज कमेंट करके पूछ सकते हैं
Dhanoj
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