टाइफाइड के कारण लक्षण व इसकी होम्योपैथिक दवा
जब भी मौसम में बदलाव आता हैं. तब मौसम में आने वाले बदलाव के साथ ही काफी सारी बीमारियां भी पैदा होने लगती हैं. आप सभी को पता होगा कि अब बारिश का मौसम चल रहा हैं. जिसकी वजह से अनेक प्रकार के संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं.
लेकिन बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा बुखार की समस्या उत्पन्न होती हैं. क्योंकि इस मौसम में बुखार को फैलाने वाले संक्रामक बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं. और यह आपस में एक दूसरे इंसान से जल्दी जाने लगते हैं.
इस मौसम में टाइफाइड बुखार के भी काफी सारे रोगी देखने को मिल रहे हैं. तो आज इस ब्लॉग में हम आपको टाइफाइड बुखार के कारण, लक्षण और इसकी होम्योपैथिक दवा के बारे में बताने वाले हैं.
टाइफाइड क्या होता है
टाइफाइड एक संक्रामक बुखार होता हैं. जो कि ठंडे और बारिश के मौसम में तेजी से फैलता हैं. टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया के कारण पैदा होता हैं. इस बैक्टीरिया के संपर्क में आने से रोगी को 104 डिग्री तक का तेज बुखार हो सकता हैं. और यह दुनिया में फैलने वाले सबसे गंभीर इन्फेक्शन रोगों में से एक हैं.
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए रोगी को एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती है जब भी किसी इंसान को टाइफाइड बुखार होता हैं. तब इससे रोगी के पाचन तंत्र और खून में इन्फेक्शन होने लगता हैं. जिसके कारण रोगी को काफी सारी अलग-अलग प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं.
शुरुआती समय में 1 से 3 सप्ताह के बीच में टाइफाइड का बैक्टीरिया हमारी आंतों में मौजूद रहता हैं. और उसके बाद में यह धीरे-धीरे खून में मिलने लगता हैं. जिसके बाद में यह हमारे शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करता है.
इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए रोगी को एंटीबायोटिक दवाई दी जाती हैं. जिनकी मदद से रोगी के पाचन तंत्र और खून के इन्फेक्शन को ठीक किया जाता हैं. अगर किसी इंसान को लंबे समय तक टाइफाइड की समस्या रह जाती हैं.
तो यह उसके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं. इस बुखार को मोतीझरा और मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता हैं. अगर आपके शरीर में यह बुखार उत्पन्न हो गई हैं. तब आप इस बुखार से होम्योपैथिक दवाओं के जरिए भी छुटकारा पा सकते हैं.
टाइफाइड के कारण
टाइफाइड एक संक्रामक रोग हैं. जो कि एक दूसरे इंसान में आसानी से फैल सकता हैं. इसलिए इस रोग के एक बार किसी परिवार में आने से यह दूसरे लोगों में आसानी से फैल सकता हैं. इस रोग के फैलने के काफी सारे अलग-अलग कारण हो सकते हैं. जैसे
- किसी टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
- संक्रमित व्यक्ति के साथ खाना खाना
- संक्रमित व्यक्ति के बर्तन कपड़े और बिस्तर आदि का इस्तेमाल करना
- संक्रमित व्यक्ति की छींक और खांसी के संपर्क में आना
- संक्रमित व्यक्ति के साथ सोना
- संक्रमित व्यक्ति के झूठे खाने को खाना
- आपके आसपास टाइफाइड के मरीज ज्यादा होना
- दूषित भोजन में पानी का सेवन करना
- गंदगी वाले इलाके में रहना
- बारिश के मौसम में घर के आसपास जलभराव होना
इसके अलावा भी टाइफाइड बुखार के होने के पीछे काफी सारे और अलग-अलग कारण हो सकते हैं. लेकिन ज्यादातर यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के किसी न किसी प्रकार से संपर्क में आने से फैलती है.
टाइफाइड के लक्षण
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया टाइफाइड बुखार हैं. एक संक्रामक रोग होता हैं. जो कि रोगी के पाचन तंत्र और खून में इन्फेक्शन पैदा करता हैं. जिसकी वजह से रोगी में काफी सारे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जैसे
- रोगी को बार बार चक्कर आना
- रोगी को बेचैनी व घबराहट रहना
- रोगी को कब्ज की समस्या उत्पन्न होना
- रोगी के शरीर में कमजोरी आना
- रोगी को भूख प्यास कम लगना
- रोगी को बार-बार सिरदर्द की समस्या होना
- रोगी का शरीर गर्म होना
- रोगी को अचानक से सर्दी या गर्मी लगना
- रोगी के पाचन तंत्र में कमजोरी होना
- रोगी का इम्यून सिस्टम कमजोर होना
- रोगी को अलग-अलग प्रकार की दूसरी समस्याएं उत्पन्न होना
- रोगी को आलस्य रहना
- रोगी को ज्यादा लंबी नींद आना
- रोगी का किसी भी काम में मन न लगना
इसके अलावा भी रोगी के शरीर में इस बीमारी के कारण दूसरी कई और बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती है
टाइफाइड की होम्योपैथिक दवा
जब भी किसी रोगी को टाइफाइड बुखार की समस्या उत्पन्न होती हैं. तब रोगी को एंटीबायोटिक दवाई दी जाती हैं. लेकिन कई बार रोगी को इन दवाओं से जल्दी राहत नहीं मिलती या रोगी को बार-बार यह समस्या उत्पन्न होने लगती हैं.
तो ऐसी स्थिति में आप होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योंकि होम्योपैथिक दवाएं किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने में मदद करती है.
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बेलेडोना (belladonna)
बेलेडोना (belladonna) एक ऐसी होम्योपैथिक दवाई हैं. जो कि काफी सारी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती हैं. इसी तरह से अगर आपको टाइफाइड की समस्या उत्पन्न हो जाती हैं.
तब आप इस दवाई का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह दवाई टाइफाइड में होने वाली थकान, कमजोरी, भूख प्यास की कमी जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है.
2. ब्रायोनिया (Bryonia)
अगर आपको टाइफाइड की समस्या उत्पन्न होने के कारण सिर में तेज दर्द, हाथ पैरों में दर्द, घबराहट, बेचैनी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. तब आप इस दवाई का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह दवाई आपको इन सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करती है.
3. अर्निका (Arnica Montana)
अगर आपको टाइफाइड की समस्या काफी लंबे समय तक हैं. और आप अलग-अलग दवाइयों का इस्तेमाल कर चुके हैं. और आपको बिल्कुल भी आराम नहीं मिल रहा हैं. तब आप अर्निका (Arnica Montana) दवाई का इस्तेमाल कर सकते हैं.
यह दवाई आप के शरीर में टाइफाइड के कारण सांस में बदबू आना, कम प्यास लगना, दस्त व कब्ज़ की समस्या होना, ठंड लगना जैसी समस्याएं ठीक करने में मदद करती है.
4. रस टॉक्स (Rhus tox)
कई बार टाइफाइड की समस्या उत्पन्न होने पर होगी के पेट में दर्द होना, बार बार चक्कर आना, सर में भारीपन व दर्द होना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं.
ऐसी स्थिति में आपको होम्योपैथिक दवा रस टॉक्स (Rhus tox) का इस्तेमाल करना चाहिए यह दवा आपको काफी सारी टाइफाइड की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करती है.
5. बैप्टीशिया टिनक्टोरिया (Baptishia tintoria)
टाइफाइड बुखार के मरीजों को सबसे ज्यादा बैप्टीशिया टिनक्टोरिया (Baptishia tintoria) दवाई दी जाती हैं. यह दवाई रोगी को काफी सारी टाइफाइड की समस्याओं से छुटकारा दिलाती हैं.
अगर आपको टाइफाइड के कारण सिर में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, शारीरिक कमजोरी, थकान व आलस्य बेचैनी और निंद्रा जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. तब आप इस दवाई का इस्तेमाल कर सकते हैं.
नियमित रूप से इस दवाई का इस्तेमाल करने पर यह आपको कुछ ही दिनों में इस समस्या से जड़ से छुटकारा दिला देती है.
इसके अलावा भी काफी सारी ऐसी और होम्योपैथिक दवाएं आती हैं. जो कि आपको टाइफाइड बुखार की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करती हैं.
लेकिन इनमें से किसी भी प्रकार की दवाई का इस्तेमाल करने से पहले आपको किसी अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
हम उम्मीद करते हैं. कि हमारे द्वारा बताए गए टाइफाइड के बारे में जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हैं. और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं. तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.
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