आयुर्वेद क्या है आयुर्वेद डॉक्टर कैसे बने
प्राचीन समय से ही भारत में आयुर्वेदिक चीजों के ऊपर बहुत ज्यादा जोर दिया जा रहा है. हालांकि पिछले कुछ समय में आयुर्वेदिक चीजों को इस्तेमाल कम हो गया था लेकिन एक बार फिर से अब बहुत सारे लोग आयुर्वेदिक चीजों के ऊपर ज्यादा जोर दे रही है.
क्योंकि आयुर्वेदिक चीजों के कई फायदे होते है. लेकिन पुराने समय में ऋषि मुनि होते थे जिनको सभी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और दवाइयों के बारे में जानकारी होती थी लेकिन आज के समय में आयुर्वेदिक चीजें के बारे में सही जानकारी बहुत ही कम लोगों को होती है.
इसीलिए अब बहुत सारे ऐसे लोग है. जो कि आयुर्वेदिक डॉक्टर बन चुके है. और यह डॉक्टर मरीज को सही आयुर्वेदिक दवाइयां उपलब्ध करवाते है. तो आज के इस ब्लॉग में हम आपको आयुर्वैदिक डॉक्टर कोर्स करने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है.
तो यदि आप भी आगे चलकर डॉक्टरी लाइन में जाना चाहते है. और एक अच्छे डॉक्टर बनना चाहते है. तो आपके लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर एक बढ़िया विकल्प हो सकता है.
आयुर्वेद क्या है
सबसे पहले आपके लिए यह जानना बहुत ही जरूरी है. कि आखिरकार आयुर्वेदिक क्या होता है. आयुर्वेदिक ऐसी उपचारात्मक विधि है. जिसके द्वारा आपको डॉक्टर अंग्रेजी दवाइयों का इस्तेमाल किए बिना आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों औषधियों आदि का इस्तेमाल करके आपकी बीमारी का इलाज करते है.
पहले के समय में यह सभी काम ऋषि-मुनियों के द्वारा किया जाता था लेकिन आज के समय में यह एक कोर्स बन चुका है. जिसके अंतर्गत आपको पहले आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और औषधियों आदि के बारे में अच्छे से जानकारी दी जाती है. और आपको डिग्री मिलती है.
क्योंकि हमारे धरती में प्राचीन समय से ही बहुत सारी ऐसी जड़ी बूटियां है. जिससे हम बड़ी से बड़ी बीमारी को आसानी से ठीक कर सकते है.
लेकिन हमारे पास सही जानकारी या उनके इस्तेमाल का तरीका न होने के कारण हम उन चीजों के इस्तेमाल से डरते है. और आयुर्वेदिक चीजें हमारे शरीर के लिए कभी नुकसानदायक नहीं होती अगर हम उन सभी चीजों को सही तरीके से लेते हैं.
आयुर्वेद कोर्स कैसे करें
आप में से हुत सारे छात्रों का सपना डॉक्टर बनने का होगा लेकिन ज्यादातर लोग एमबीबीएस करना ही पसंद करते है. लेकिन यदि आप एमबीबीएस नहीं करते तो आपके सामने आयुर्वेद में अच्छा कैरियर बनाने का भी ऑप्शन होता है. क्योंकि आज के समय में बहुत सारे लोग ऐसे है.
जो कि आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते है. यदि आप एक अच्छे डॉक्टर बन जाते है. तो आगे चलकर आपका कैरियर भी अच्छा हो सकता है.
लेकिन एक आयुर्वेदिक डॉक्टर बनना इतना आसान नहीं होता है. इसके लिए पहले आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. और आपको कई अलग-अलग विषयों के बारे में पढ़ना होता है.
कोर्स कैसे करें
यदि आप आयुर्वेद डॉक्टर बनना चाहते है. तो सबसे पहले आपको बायोलॉजी विषय के साथ 12वीं क्लास पास करने होगी उसके बाद में आपको किसी आयुर्वेद कॉलेज में दाखिला लेना होगा. लेकिन किसी भी आयुर्वेद कॉलेज में दाखिला लेने के लिए पहले आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होता है.
इस एंट्रेंस एग्जाम NEET व इसके अलावा OJEE, KEAM, CGET, BVP CET, IPU CET जैसे एग्जाम शामिल होते है. इन सभी एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर ही आपको आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलता है. फिर आपको BAMS कोर्स करना होता है. जो कि 5 साल का एक लंबा कोर्स होता है.
जिसमें 4 साल का शैक्षणिक सत्र होता है. फिर उसके बाद में 1 साल का आप का प्रैक्टिकल सत्र होता है. जिसमें आपको फिजियोलॉजी, एनाटॉमी, टॉक्सिकोलॉजी, फार्माकोलॉजी, डायग्नोसिस और बीमारियों की रोकथाम, नाक, आंख, गले की दवा, दवा के सिद्धांत, फोरेंसिक मेडिसिन आदि के बारे में सिखाया जाता है.
इस कोर्स में सबसे पहले आपको बैचलर की डिग्री प्राप्त करनी होती है. उसके बाद में आप इसी फील्ड में आगे भी पढ़ाई कर सकते है. जिसमें आप बैचलर डिग्री के बाद एमडी या एमएस में स्पेशलाइजेशन कोर्स कर सकते है.
क्योंकि इस कोर्स में कई अलग-अलग स्पेशलाइजेशन कोर्स भी होते है. जैसे इंटरनल मेडिसिन,सर्जरी ,पेडियाट्रिक्स, भूत विद्या – साइकाइट्री ,आंख, कान, नाक, गले और सिर का इलाज आदि लेकिन इस कोर्स को करने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी पड़ती है. और बहुत अलग-अलग चीजों के बारे में पढ़ना होता है.
आयुर्वेद कोर्स के लिए जरूरी चीजें
यदि आप आयुर्वेद BAMS कोर्स करना चाहते है. तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी चीजों की भी आवश्यकता होती है. जोकि निम्नलिखित है
- सबसे पहले आपको 12वीं क्लास भौतिकी जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान जैसे विषयों के साथ पास करनी होती है
- आपको 12वीं क्लास में कम से कम 60% अंक लेने होते है. उसके बाद में आपको जिस भी किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में दाखिला लेना है
- उसके लिए नीट या इसके अलावा दूसरे कई एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करनी होती है. इन सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज में आपके अंकों के आधार पर ही आपका एडमिशन होता है
- इसके अलावा अगर आप विदेशों में जाना चाहते है. तो इसके लिए भी कुछ यूनिवर्सिटीज है. जो कि अपने आधार पर ही इस इंटरेस्ट एग्जाम को आयोजित करवाती है
- किसी भी यूनिवर्सिटी अप कॉलेज में दाखिला लेने के लिए आपकी आयु कम से कम 17 और 25 वर्ष के बीच में होनी चाहिए
- अगर आप इस कोर्स करना चाहते है. तो आपको गणित साइंस और इंग्लिश जैसे विषयों के बारे में पढ़ाई करनी होती है
- आपको अलग-अलग चीजों के बारे में जानना और उनके रिसर्च आदि को करने में भी दिलचस्पी होनी चाहिए
- आपको कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान होना चाहिए जिसके लिए आप कंप्यूटर कोर्स भी कर सकते हैं
- इसके अलावा भी बहुत सारी और चीजें होती है. जो कि आपको इस कोर्स के लिए जरूरी होती है
आयुर्वेद कोर्स के बाद क्या करें
अब आप में से बहुत सारे लोगों का यह सवाल जरूर हुआ कि आपको इस कोर्स को करने के बाद आगे क्या करना चाहिए या आप जॉब के लिए क्या करेंगे तो हम आपको बता देते है. कि यदि आप इस कोर्स में बैचलर डिग्री प्राप्त कर लेते है. तो उसके बाद में आप इसी फील्ड में आगे पढ़ाई कर सकते है.
जिसमें एमडी और एमएस जैसी डिग्री शामिल है. आप इस कोर्स को करने के बाद अलग-अलग जगहों पर जॉब कर सकते है. जैसे इथेरेपिस्ट,प्रोडक्ट मैनेजर,मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव,नर्सिंग होम में काम,एरिया सेल्स मैनेजर,सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव,कैटेगरी मैनेजर,फार्मेसिस्ट,लेक्चरर, औषधालयों में काम,रिसर्च इंस्टिट्यूट,ड्यूटी डॉक्टर,हेल्थकेयर समुदाय इन सभी में एक अच्छे आयुर्वेद डॉक्टर की जरूरत होती है.
FAQ
Q1.आयुर्वेद का अर्थ क्या है?
Answer. आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है। आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।
Q2.आयुर्वेद क्या है और यह कैसे काम करता है?
Answer.आयुर्वेद का मूल सिद्धांत उचित पीने, आहार और जीवन शैली के साथ-साथ हर्बल उपचार के माध्यम से शरीर, मन और चेतना में संतुलन बनाकर बीमारी को रोकना और उसका इलाज करना है। आयुर्वेद के दो मुख्य प्रकार हैं: पारंपरिक और महर्षि।
Q3.आयुर्वेद कितने प्रकार का होता है?
Answer. आयुर्वेद तीन मूल प्रकार के ऊर्जा या कार्यात्मक सिद्धांतों की पहचान करता है जो हर किसी इंसान और हर चीज में मौजूद हैं। इसे त्रिदोष सिद्धांत कहते है। जब ये तीनों दोष – वात, पित्त और कफ (Vata, pitta, kapha) संतुलित रहते हैं तो शरीर स्वस्थ रहता है।
Q4.आयुर्वेद का उद्देश्य क्या है?
Answer.आयुर्वेद का मुख्य लक्ष्य व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना एवं रोगी हो जाने पर उसके विकार का प्रशमन करना है। ऋषि जानते थे कि धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ जीवन से है इसीलिए उन्होंने आत्मा के शुद्धिकरण के साथ शरीर की शुद्धि व स्वास्थ्य पर भी विशेष बल दिया है।
Q5.आयुर्वेद का जनक कौन है?
Answer.आयुर्वेद के जनक हैं भगवान धन्वन्तरि
Q6.आयुर्वेद के 3 लाभ क्या हैं?
Answer.शरीर में टॉक्सिन्स कम होते हैं । आप एनर्जी को क्लियर करना सीखें। सेलुलर स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य। मजबूत पाचन।
Q7.आयुर्वेद सबसे अच्छा क्यों है?
Answer. आयुर्वेद से उपचार करने पर शरीर पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता.
Q8.आयुर्वेद की शुरुआत कब हुई?
Answer. दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक के रूप में जाना जाता है, आयुर्वेद की उत्पत्ति 5,000 साल पहले हुई थी।
Q9.आयुर्वेद क्या इलाज कर सकता है?
Answer. सार्वभौमिक अंतर्संबंध की अवधारणाएं, शरीर का संविधान (प्रकृति), और जीवन शक्ति (दोष) आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्राथमिक आधार हैं। उपचार के लक्ष्य व्यक्ति की अशुद्धियों को दूर करने, लक्षणों को कम करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, चिंता कम करने और जीवन में सामंजस्य बढ़ाने में सहायता करते हैं।
Q10.आयुर्वेद की उत्पत्ति क्या है?
Answer. आयुर्वेद की उत्पत्ति वैदिक युग से मानी जाती है । अथर्ववेद में स्वास्थ्य और रोगों से संबंधित अधिकांश सामग्री उपलब्ध है। इतिहासकारों का दावा है कि आयुर्वेद अथर्ववेद का एक हिस्सा है। हालाँकि ऋग्वेद जो कि सबसे पुराना वेद है, उसमें रोगों और औषधीय पौधों के बारे में भी उल्लेख है।
हम उम्मीद करते है. कि हमारे द्वारा बताई गई आयुर्वेद कोर्स के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी आपको पसंद आई है. और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते है. तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.