दही बनाने का बिज़नस कैसे करें Yogurt Business
भारत एक बहुत बड़ा कृषि प्रधान देश है और हमारे देश में हर प्रकार की फसल उगाई जाती है क्योंकि भारतीय किसान बहुत ही मेहनती होते हैं इसलिए भारतीय किसान हर साल खेती में अपने नए नए मुकाम हासिल कर रहे हैं.
हर साल भारतीय किसान अपनी पैदावार को दुगना करते जा रहे हैं और भारतीय किसानों की एक खास बात और है कि हमारे देश के किसान सिर्फ खेती ही नहीं करते बल्कि खेती के साथ भी दूसरे कई साइड व्यवसाय करते हैं.
जो कि उनकी दैनिक आजीविका चलाने में फायदेमंद होते हैं इसीलिए आपने देखा होगा कि हमारे देश के किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन का भी काम करते हैं जिनसे उनको अच्छी आमदनी होती है.
क्योंकि किसान समय-समय पर अपने पालतू पशु को बेचते रहते हैं या वह हर रोज दूध उत्पादन करके उसको बेचते हैं और इसीलिए हमारा देश कृषि के साथ-साथ दूध उत्पादन के मामले में भी दूसरे देशों के मुकाबले में आगे हैं.
लेकिन इतने ज्यादा दूध उत्पादन के बाद भी दुनिया में दूध की पूर्ति नहीं हो रही इसकी पूर्ति के लिए या तो दूध को स्टॉक करना पड़ता है या फिर उसके दूसरे डेयरी उत्पाद बनाए जाते हैं ताकि उनको लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सके.
इसी तरह से साधारण दही ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल पाता इसीलिए मार्केट में बहुत सारी योगर्ट कंपनियां आ चूकी है ताकि इसको ज्यादा लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सके आप मेंसे भी बहुत सारे लोगों ने डब्बा बंद दही जरूर खरीदा होगा.
यह वही दही होता है जो कि बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में बनाया जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दही को कैसे तैयार किया जाता है और क्या आप भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं तो इस ब्लॉग में हम आपको योगर्ट बनाने के व्यवसाय को शुरू करने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं.
योगर्ट क्या होता है
सबसे पहले आपके लिए जाना बहुत ही जरूरी है कि आखिरकार योगर्ट क्या होता है आप में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जो कि योगर्ट को दही समझते हैं दरअसल योगर्ट देखने में दही के जैसा होता है.
लेकिन इसका स्वाद और इसके खाने के अलग-अलग फायदे होते हैं क्योंकि योगर्ट को फैक्ट्रियों में कई अलग-अलग प्रकार के केमिकल व एसिड डाल कर तैयार किया जाता है जिसको ग्राहकों के स्वाद के अनुसार बनाया जाता है.
जबकि दही हमारे घरों में तैयार होता है और इसको हम खुद के स्वाद के अनुसार बहुत कम ही तैयार कर पाते हैं इसलिए आपको यह समझना बहुत ही जरूरी हुआ कि दही और योगर्ट दोनों अलग अलग चीज होती है योगर्ट को इसलिए बनाया जाता है.
ताकि इन जगहों पर दूध की कमी होती है या दूध का उत्पादन नहीं होता वहां पर योगर्ट को भेजा जा सके और दही की कमी को पूरा किया जा सके क्योंकि आपको पता हो कि हमारे देश में बहुत सारे राज्य ऐसे हैं.
जहां पर दूध का उत्पादन इतना ज्यादा नहीं होता है इसलिए राज्यों में दूध के दूसरे डेयरी उत्पादों को भेजा जाता है और भारत लगातार दूध उत्पादन के मामले में नए नए मुकाम हासिल कर रहा है.
हमारे देश के किसान हर साल ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करने की कोशिश करते हैं लेकिन फिर भी इस तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या में दूध की पूर्ति करना बहुत कठिन हो गया है.
इसलिए दूध को डेयरी उत्पादों के रूप में बदल कर ही दूध की मात्रा की पूर्ति करने की कोशिश की जाती है और इससे बहुत सारी बड़ी-बड़ी कंपनियां काफी पैसा भी कमा रही है.
हमारे देश में अमूल और वीटा जैसी कंपनियां अपने बढ़िया क्वालिटी के डेयरी उत्पादों के लिए जानी जाती है इसके अलावा कुछ छोटी कंपनी है जो कि यह सभी डेयरी उत्पाद बना रही है
योगर्ट कैसे बनाया जाता है
योगर्ट बनाने के लिए कई अलग-अलग प्रकार की प्रक्रिया होती है जिसमें अलग-अलग केमिकल एसिड का भी इस्तेमाल किया जाता है योगर्ट बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में गाय भैंस बकरी आदि के दूध को इस्तेमाल में लिया जाता है.
लेकिन गाय का दूध दुनिया के लगभग सभी जगहों पर आसानी से मिल जाता है इसलिए ज्यादातर कंपनियां योगर्ट बनाने के लिए गाय के दूध का ही इस्तेमाल करती है और गाय का दूध बकरी भैंस आदि के दूध के मुकाबले में सस्ता भी मिल जाता है.
गाय के दूध को योगर्ट में बदलने के लिए एक खास प्रकार के बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है जिसका नाम योगर्ट कल्चर होता है इस बैक्टीरिया के द्वारा ही लेक्टोज का फर्मेंटेशन लैक्टिक एसिड का उत्पादन होता है.
जोकि दूध को अलग-अलग प्रकार के स्ट्रक्चर में बदलने और स्वाद के अनुसार तैयार करता है इसके अलावा योगर्ट बनाने की प्रक्रिया में कई अलग-अलग प्रकार के टेस्ट भी होते हैं. ताकि योगर्ट में किसी भी प्रकार की बैक्टीरिया एसिड की मात्रा कम या ज्यादा ना हो और इससे खाने वाले को कोई दिक्कत ना हो.
योगर्ट बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करें
यदि आप योगर्ट बनाने का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं सब इसके लिए आपको इस व्यवसाय से जुड़ी हुई पूरी जानकारी लेना बहुत जरूरी है क्योंकि यह एक भविष्य में बहुत ही तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय है.
आप सभी को पता होगा कि हमारे देश में जितने दूध की लागत होती है उतने दूध का उत्पादन हर रोज नहीं हो पाता और सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी देश में लागत से कम ही दूध का उत्पादन हो रहा है.
इसीलिए यह व्यवसाय आपको भविष्य में बहुत फायदा देने वाला है इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको कुछ जरूरी चीजों की आवश्यकता होती है जैसे
जमीन व प्लांट
अगर आप इस व्यवसाय को शुरू करना चाहते है तब आपके पास खुद की जमीन होनी चाहिए या आपको जमीन को खरीदना होगा उसके ऊपर आपको मिलक प्लांट लगाना होता है.
जिसमें आपको अलग-अलग प्रकार के डेयरी उत्पाद बनाने पड़ते हैं और उन्ही में योगर्ट भी ऐसा ही डेयरी उत्पाद है जो कि आपके प्लांट में तैयार होता है इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपके पास कम से कम 600 से 800 वर्ग मीटर होना बहुत जरूरी है.
जिसके ऊपर आपको अपने प्लांट के हिसाब से अलग-अलग प्रकार की बिल्डिंग तैयार करवानी होती हैं क्योंकि इस व्यवसाय में आपको कई अलग-अलग प्रकार की मशीनों की आवश्यकता होती है.
जो कि आप अपने व्यवसाय के हिसाब से तैयार करवा सकते हैं इसके बाद में आपको अपने प्लांट में बिजली पानी व कर्मचारियों के रहने आदि से संबंधित भी जरूरी चीजों का ध्यान रखना होता है.
लेकिन यहां पर आपको एक बात को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है आपको अपने प्लांट को जितना हो सके ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास से स्थापित करना चाहिए.
क्योंकि इस व्यवसाय के लिए आपको कच्चे माल के रूप में दूध की आवश्यकता होती है और दूध का उत्पादन हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा होता है.
जरूरी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन
अगर आप योगर्ट बनाने का व्यवसाय शुरू करना चाहती है तब इसके लिए आपको कुछ जरूरी लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता होती है जैसे
- इसके लिए सबसे पहले आपको वन पर्सन कंपनी के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना होता है
- उसके बाद मे आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन की भी जरूरत होती है
- फिर आपको स्थानीय प्राधिकरण से फैक्ट्री लाइसेंस भी लेना पड़ता है
- आपको अपनी खुद की फैक्ट्री का नाम व ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवाना है उ
- सके बाद में आपको पोलूशन एवं फायर विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी लेना होता है
- अंत में आपको रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता होती है जिससे आपको इस क्षेत्र में मिलने वाली योजनाओं के तहत लाभ मिलता रहे
मशीनें व कर्मचारी
जब आप का प्लांट बनकर तैयार हो जाता है तब इसमें आपको कुछ जरूरी मशीनों को भी लगाना पड़ता है जिससे आपके प्लांट में योगर्ट बनाया जाएगा.
मिलक हार्मोनाइजर, मिल्क चिलर, फीलिंग एवं फिलिंग मशीन, कूलिंग टावर, वाटर पंप एयर कंप्रेसर, पाउडर कोटेड इलेक्ट्रिकल पैनल, इनक्यूबेशन रूम हिटर सिस्टम, इंसुलेशन कोल्ड रूम, बैलेंस ओर ऑफलाइन क्रीम सेपरेटर, बैच पाश्चुरीकृत मशीन आदि.
इन सभी मशीनों को लगाने के बाद में आपको योगर्ट बनाने से संबंधित अलग-अलग प्रकार के ऑपरेटरों को भी रखना होता है इसके अलावा आपको अपनी फैक्ट्री में पैकिंग कर्मचारी व साफ सफाई कर्मचारियों की भी आवश्यकता होती है.
कमाई और लागत
अगर आप इस व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तब इसके लिए आपके पास कम से कम 1 पता से ₹ 3 करोड़ होना बहुत जरूरी है अगर आपके पास खुद की जमीन है.
क्योंकि इस व्यवसाय में आपको बहुत ज्यादा अलग-अलग प्रकार की मशीनों की आवश्यकता होती है और इसके लिए आपको इससे भी ज्यादा पैसों की आवश्यकता हो सकती है.
जब आपका व्यवसाय पूरी तरह से शुरू हो जाता है तब इससे आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं क्योंकि आप योगर्ट के अलावा भी दूसरे डेयरी उत्पाद बना सकते हैं.
जिनमें दूध लस्सी पनीर करीम घी आदि इन सभी डेयरी उत्पादों की मांग मार्केट में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इससे आपको अच्छा मुनाफा मिलता है.
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई योगर्ट बनाने की व्यवसाय के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी ही और दूसरी जानकारियां पाना चाहते हैं तो आप हमारे बेस्ट फ्रेंड को जरूर विजिट करें.