जैसे देश दुनिया की जनसंख्या बढ़ती जा रही हैं. वैसे वैसे दुनिया में लोगों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली चीजों की भी मांग बढ़ती जा रही हैं. और कुछ ऐसी चीज हैं. जिनको हम अपने दैनिक जीवन में हर रोज इस्तेमाल करते हैं.
उनके बिना हमारे लगभग सभी काम अधूरे रह जाते हैं. इसलिए इन सभी चीजों को सोच समझकर इस्तेमाल करना पड़ता हैं. इन सभी जरूरी चीजों में एनर्जी भी एक ऐसी चीज हैं. जिसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता हैं.
पावर के बिना आज के समय में किसी भी काम को करना नामुमकिन होता हैं. और अगर हम किसी प्रकार के काम को भी करें तो भी हमें पावर की जरूरत घरेलू इस्तेमाल के लिए पड़ती हैं.
इसलिए दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई पावर की मांग को देखते हुए पावर सप्लाई और पावर हाउस को मैनेज करना पड़ता हैं. ताकि सभी लोगों को एक समान पावर उपलब्ध कराई जा सके जिसके लिए पावर मैनेजमेंट बनाए जाते हैं.
तो इस ब्लॉग में हम आपको पावर मैनेजमेंट के बारे में ही पूरी जानकारी देने वाले हैं. पावर मैनेजमेंट क्या होता हैं. पावर मैनेजर कैसे बने और पावर मैनेजमेंट के अंतर्गत क्या-क्या काम आते हैं.
पावर मैनेजमेंट क्या होता है
दुनिया में ऐसा कोई भी देश नहीं हैं. जो कि अपने देश के हर हिस्से में एक साथ पावर को सप्लाई कर सके क्योंकि सभी जगहों पर एक साथ पावर को सप्लाई करना बहुत कठिन होता हैं. किसी भी देश के पास कितनी पावर नहीं हैं.
जिससे वह सभी लोगों की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सके इसलिए पावर हाउस और पावर प्लांट को मैनेज किया जाता हैं. और एक बार में किसी एक हिस्से या एक एरिया में ही पावर को सप्लाई किया जाता हैं.
उसके कुछ समय बाद दूसरे हिस्से में सप्लाई किया जाता हैं. इसी पूरे सप्लाई सिस्टम को पावर मैनेजमेंट हैंडल करता हैं. पावर मैनेजमेंट जिस भी क्षेत्र में जितनी पावर की जरूरत होती हैं. उसी के हिसाब से उस एरिया को पावर सप्लाई की जाती हैं.
ऐसा नहीं हैं. कि पावर मैनेजमेंट में सिर्फ बिजली ही शामिल हैं. बल्कि पावर मैनेजमेंट में इंधन प्राकृतिक गैस तेल और सोलर एनर्जी जैसी चीजें भी शामिल हैं. इन सभी चीजों को भी पावर मैनेजमेंट के द्वारा ही मैनेज किया जाता है.
क्योंकि जितनी बिजली की जरूरत हैं. उतनी ही पावर के तौर पर इन दूसरी चीजों की आवश्यकता होती हैं. लेकिन सबसे ज्यादा लाइट को मैनेज करना मुश्किल हैं. इसीलिए सभी ऊर्जा के स्रोतों को अलग-अलग मैनेजमेंट के जरिए मैनेज किया जाता हैं.
पावर मैनेजमेंट के लोग पावर सप्लाई में आने वाली हर प्रकार की परेशानी का हल निकालते हैं. ताकि देश की पावर सप्लाई को अच्छे से चलाया जा सके.
इसके साथ-साथ पावर मैनेजमेंट अलग-अलग पावर प्लांट, पावर स्रोत और पावर की नई नई चीजों की भी खोज करते रहते हैं. ताकि पावर की बढ़ती हुई मांग को आसानी से हैंडल किया जा सके.
पावर मैनेजर कैसे बने हैं
अगर आप पावर मैनेजमेंट से जुड़ी हुई चीजों में दिलचस्पी रखते हैं. तो आप पावर मैनेजमेंट में करियर बना सकते हैं. पावर मैनेजमेंट में कैरियर बनाने के लिए आपको सबसे पहले 12वीं क्लास साइंस विषय के साथ पास करनी पड़ती हैं.
जिसमें आपको फिजिक्स केमिस्ट्री और साइंस जैसे विषयों में कम से कम 50% अंक प्राप्त करने होते हैं. उसके बाद में आपको किसी भी कॉलेज में दाखिला लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता हैं.
अगर आप इस एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेते हैं. तो उसके बाद में आपको पावर मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला मिल जाता हैं. पर मैनेजमेंट कोर्स एक 4 वर्षीय लंबा कोर्स होता हैं. जिसमें आपको पावर प्लांट से जुड़ी हुई कई अलग-अलग चीजों के बारे में पढ़ाया जाता है.
पावर मैनेजमेंट कोर्स में मुख्य रूप से एनर्जी मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट ,फाइनेंशियल अप्रेजल, एग्जास्टिंग एनर्जी सिस्टम्स चीजों की जानकारी दी जाती हैं. इसके अलावा आपको पावर मैनेजमेंट में कई और दूसरे पावर प्लांट के बारे में बारीकी से समझाया जाता हैं.
इसके साथ ही आपको पावर मैनेजमेंट में प्रैक्टिकल व प्रोजेक्ट तैयार करने पड़ते हैं. ताकि आपको आगे चलकर इन सभी प्रोजेक्ट से मदद मिले और आप पावर मैनेजमेंट में एमबीए कर सकते हैं.
लेकिन पावर मैनेजमेंट में कैरियर बनाना इतना आसान नहीं होता हैं. बल्कि आपको पावर मैनेजमेंट कोर्स में कई अलग अलग विषयों में पढ़ाया जाता हैं.
जिनके लिए आपको काफी मेहनत करनी पड़ती हैं. क्योंकि पार मैनेजमेंट का क्षेत्र काफी बड़ा हैं. क्योंकि पावर मैनेजमेंट में सोलर पावर बिजली तेल प्राकृतिक गैस जैसी चीजें शामिल है.
पॉवर मैनेजर बनने के लिए स्किल
अगर आप पावर मैनेजमेंट में कैरियर बनाना चाहते हैं. तो इस फील्ड में जाने के लिए आपके अंदर कुछ जरूरी स्किल होना भी आवश्यक हैं. जो कि आपको अपनी फील्ड में काम आती हैं. जैसे
- आपके अंदर पावर मैनेजमेंट से जुड़ी हुई फील्ड की दिलचस्पी होनी चाहिए
- आपके अंदर रिसर्च स्किल का होना जरूरी है
- आपके अंदर कन्वेंशनल स्किल का होना भी आवश्यक है
- आपको अलग-अलग लोगों के साथ कम्युनिकेशन बनाना आना चाहिए
- आपको पावर मैनेजमेंट के जरूरी प्रोजेक्ट व प्रैक्टिकल भी आने चाहिए
- आपको अलग-अलग चीजों के डिजाइन तैयार करने आने चाहिए
- आपको अलग-अलग परेशानियों का हल निकालना आना चाहिए
- आपके अंदर धैर्य व सहनशीलता का होना भी आवश्यक है
- आपको टीम वर्क करना आना चाहिए
- आप के बात करने व रहने सहने का ढंग अच्छा होना चाहिए
- आपको फिजिक्स केमिस्ट्री साइंस इंग्लिश जैसे विषयों की जानकारी होनी चाहिए
- आपको कंप्यूटर का ज्ञान होना भी आवश्यक है
- आपके अंदर क्रिएटिव माइंड का होना भी जरूरी है
पावर मैनेजमेंट में जॉब के अवसर
पावर मैनेजमेंट में डिग्री प्राप्त करने के बाद में आपके सामने जॉब के बहुत सारे अवसर खुल जाते हैं. क्योंकि पावर मैनेजमेंट बहुत बड़ा क्षेत्र हैं.
इसमें आपको पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, कोयला जैसे अलग-अलग फील्ड मिलते हैं. जहां पर आप एनर्जी मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर, सब स्टेशन मैनेजर,
सोलर सिस्टम एनर्जी मैनेजर, डिसटीब्यूटर इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर, सुपरवाइजर मेंटेनेंस इंजीनियर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं.
पावर मैनेजर की सैलरी
पावर मैनेजमेंट बनने के बाद में आपको कई अलग-अलग कंपनियों व फील्ड में काम करना पड़ता हैं. जहां पर कई अलग-अलग पद मिलते हैं. पावर मैनेजमेंट में आपको आपके पद के हिसाब से ही सैलरी मिलती हैं.
लेकिन अगर आप पावर मैनेजमेंट में किसी भी छोटे से छोटे पद पर काम करते हैं. तो इस फील्ड में आपको कम से कम ₹25000 से शुरुआती सैलरी मिलना शुरू हो जाती हैं.
इसके अलावा आपके कुछ समय के एक्सपीरियंस के बाद में आपको इस फील्ड में ₹50000 मासिक सैलरी भी मिल जाती हैं. और इस फील्ड में कई ऐसे पद हैं.
जहां पर आपको 60,000 से 1 लाख तक की भी सैलरी मिल जाती हैं. लेकिन इस फील्ड में आप जितना भी अच्छा काम करेंगे उतना ही आपके लिए फायदा होता हैं.
आपको लगातार प्रमोशन मिलता रहता हैं. इस फील्ड में आपको प्राइवेट व सरकारी दोनों तरह की जॉब के अवसर मिल जाते हैं.
हम उम्मीद करते हैं. कि हमारे द्वारा बताई गई पावर मैनेजमेंट के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हैं. और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं. तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.